Monday, November 25, 2024
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रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ ‘विरासत’ का आगाज, ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल ने किया शुभारंभ

‘महोत्सव के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से झूम उठे दूनवासी’

देहरादून, उत्तराखंड के जाने-माने सांस्कृतिक कार्यक्रम ’विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022’ का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ अलका मित्तल, प्रबंध निदेशक ओएनजीसी, अति विशिष्ट अतिथि, डीजीपी उत्तराखंड श्री अशोक कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री आर के सिंह, जनरल सेक्रेटरी रीच के द्वारा किया गया। वही कार्यक्रम में डॉ अलका मित्तल को विरासत के प्रति उनके योगदान के लिए विरासत सम्मान से नवाजा गया।

डॉ. अलका मित्तल ने विरासत और ओएनजीसी के मजबूत और लंबे संबंध के साथ अपने भाषण की शुरुआत की उन्होंने विरासत में भाग लेने के लिए यहां बिताए अपने समय को याद किया और उन्होंने सभी कलाकारों और कलाकारों को उनके अपार योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

 

डीजीपी अशोक कुमार जी ने विरासत के आयोजन एवं शानदार कार्य के लिए विरासत और उसके सदस्यों की सराहना की।

आलोक गुप्ता एमडी ओवीएल ने अपने संबोधन मे कहां ’सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने वाले इस अद्भुत कार्यक्रम के लिए रीच और ओएनजीसी को बहुत बहुत धन्यवाद एवं उन्होंने देहरादून में बीताया हुआ अपना बचपन भी याद किया।May be an image of 4 people and people standing

 

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत विशेष रूप से कोरियोग्राफ किए गए “प्रारंभ“ की प्रस्तुति अन्वेषना डांस थिएटर द्वारा किया गया वही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखंड का लोकप्रिय छोलिया नृत्य की प्रस्तुति संगीता शर्मा के नेतृत्व में दी गई। अन्वेषना डांस थिएटर द्वारा अन्य प्रस्तुतियों में भरतनाट्यम, ऑडिसी, मोहिनीअट्टम, कुचीपुड़ी, कलारी पयट्टू एवं भारत के सांस्कृतिक धरोहर की अन्य नृत्य प्रस्तुती दी गई।

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इस 15 दिवसीय महोत्सव में भारत के विभिन्न प्रांत से आए हुए संस्थाओं द्वारा स्टॉल भी लगाया गया है जहां पर आप भारत की विविधताओं का आनंद ले सकते हैं। मुख्य रूप से जो स्टाल लगाए गए हैं उनमें भारत के विभिन्न प्रकार के व्यंजन, हथकरघा एवं हस्तशिल्प के स्टॉल, अफगानी ड्राई फ्रूट, पारंपरिक क्रोकरी, भारतीय वुडन क्राफ्ट एवं नागालैंड के बंबू क्राफ्ट के साथ अन्य स्टॉल भी हैं।

 

15 से 29 अप्रैल 2022 तक विरासत अपनी रजत जयंती संस्करण के तहत पदम भूषण परवीन सुल्ताना, गजल गायक तलत अजीज, वडाली ब्रदर्स, लांगा मांगनियार, कत्थक और बांसुरी वादन के साथ-साथ फोटोग्राफी प्रतियोगिता, आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क शॉप जैसे कार्यक्रमों का संगम लेकर आया है।

 

रीच की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है।May be an image of 3 people and outdoors

 

ओएनजीसी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल से मिली बाल आयोग की अध्यक्षाMay be an image of 3 people and people standing

देहरादून, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने ओएनजीसी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल से मुलाकात की। दोनों ने एक एक-दूसरे को बधाई दी। इसके साथ ही बाल कल्याण और उनके पुनर्वास को लेकर चर्चा की। समग्र विकास और आत्मनिर्भरता को लेकर मंथन किया। ओएनजीसी की सीएमडी ने इसके लिए पूरा सहयोग करने की बात कही। बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. खन्ना ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, उनको बेहतर सुविधाएं मिले, इस दिशा में काम किए जा रहे हैं।

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