Tuesday, November 26, 2024
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तीन सालों में साइबर अपराध के शिकार लोगों के 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम बचाई

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार के विशेष मकसद से बनाई इकाई भारतीय साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (14सी) ने वर्ष 2018 से अब तक साइबर अपराध के शिकार लोगों के 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम बचाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों के सम्मेलन में गुरुवार को बताया कि इसका पूरा श्रेय साइबर सिटिजन, साइबर फ्राड रिपोर्टिग व मैनेजमेंट सिस्टम में तैनात मेहनती और प्रतिबद्ध अधिकारियों को जाता है। इस साइबर इकाई का गठन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में किया था और वर्ष 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था।

अधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराध में करीब 60 फीसद हिस्सा वित्तीय अपराध का ही होता है। ‘साइबर सिटिजन, साइबर फ्राड रिपोर्टिग व मैनेजमेंट सिस्टम’ के जरिये पीड़ितों के बैंक खातों से चुराई गई बड़ी रकम को वापस उनके बैंक खातों में डालने में मदद मिली है।

तीन-चार सालों में तीस फीसद मामलों में रिपोर्ट दर्ज हुई

मोहन ने बताया कि साइबर अपराध के जरिये भारत में चुराए गए 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम अंतत: पीड़ितों के बैंक खातों में वापस डाल दी जाएगी। 14सी के तहत साइबर क्राइम रिपोर्टिग पोर्टल में 5.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किए हैं। तीन-चार सालों में ऐसे तीस फीसद मामलों में रिपोर्ट दर्ज हुई है।

साइबर शातिर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बता दें कि देश में साइबर ठगी के मामले रोजाना आते रहते हैं। पिछले दिनों ही बिहार के सीतामढ़ी जिले के सर्राफ को आइटीसी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 10.25 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर शातिर को रेंज साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला आरोपित साहिल हाशमी अपने साथी राजन निवासी पटना के साथ मिलकर ठगी करता था।

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