देहरादून, राष्ट्रीय संवहनी दिवस पर देश के 34 शहरों के साथ दून में भी वाॕकथाॕन का आयोजन किया गया, रविवार सुबह 6 बजे गढ़ी कैंट स्थित महेन्द्रा ग्राउंड ‘एक मील चलो, एक मुस्कान के साथ जियो’ के शानदार संदेश के साथ आयोजित हुई, इस राष्ट्रव्यापी वाॕकथाॕन को मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर परीक्षित, कमांडेंट, मिलिट्री अस्पताल देहरादून ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के तत्वाधान में आयोजित इस वाॕकथाॕन में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी ने अपनी सहभागिता निभायी, वाॕकथाॕन के आयोजक डा. प्रवीण जिंदल ने बताया के किस प्रकार से हम एक स्वस्थ जीवन शैली का उपयोग कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं ।
उन्होंने तम्बाकू व शराब के सेवन से होने वाली खून की नाड़ियों की बीमारी व वैस्कुलर डिजीज रोग से मुक्त रहने के वाॕक करना भी जरूरी है जिससे अपनी शुगर, बीपी और वजन को नियंत्रित रख सकते हैं।
मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर परीक्षित ने कहा कि स्वस्थ्य जीवन के लिये वाॕक करना आवश्यक है और बीमारी मुक्त होकर हम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी की इस भव्य पहल का उद्देश्य संवहनी स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करना है, इस चार किमी की वाॕकथाॕन में सभी वर्गों के सात सौ अधिक नागरिकों ने हाथ मिलाया और प्रत्येक भारतीय के लिए एक स्वस्थ, खुशहाल और विच्छेदन-मुक्त भविष्य की वकालत की। इस आयोजन में सोसायटी के सदस्यों के साथ फौज के जवान भी मौजूद रहे ।
स्वस्थ भारत के लिये थी वैस्कुलर सोसाइटी की यह पहल :
स्वस्थ भारत के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के बाद, भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी ने पूरे भारत में
वॉकथॉन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नागरिकों के व्यवहार में बदलाव लाना और अंगच्छेदन मुक्त भारत सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह राष्ट्रीय अभियान आज के समय में और अधिक प्रासंगिक हो जाता है, जब भारत दुनिया की मधुमेह
राजधानी बनता जा रहा है। अधिक से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया और धूमपान जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस पैदा करने वाले कारकों से पीड़ित रोकथाम योग्य विच्छेदन के जोखिम में है। इसलिए यह राष्ट्रव्यापी जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है, ताकि जीवन शैली में बदलाव करके इन विच्छेदनों को रोका जा सके, और यदि आवश्यकता पड़े, तो उपचार जल्दी किया जा सके, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता को संरक्षित किया जा सके।
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