देहरादून। उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) तथा वैली ऑफ़ वर्ड्स के संयुक्त तत्वाधान में आंचलिक विज्ञान केंद्र, विज्ञान धाम, झाझरा में “भारत में विज्ञान का इतिहास” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में डॉ राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक, यूकॉस्ट ने कार्यक्रम का स्वागत भाषण दिया। डॉ संजीव चोपड़ा, इतिहासकार, पालिसी एनालिस्ट एवं सलाहकार, वैली ऑफ़ वर्ड्स साहित्य महोत्सव द्वारा वैली ऑफ़ वर्ड्स के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस वर्ष आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की रूरेखा प्रस्तुत की। उद्घाटन समारोह में मुख्य व्याख्यान डॉ सी एम नौटियाल, सलाहकार, इन्सा, नई दिल्ली द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने इनसे द्वारा चलाये जा रहे प्रकल्पों पर विस्तार से चर्च की तथा शोधर्थीओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। जीएस रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी, देहरादून ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
तकनीकी सत्र में, जिसे डॉ सीएम नौटियाल, सलाहकार आईएनएसए, नई दिल्ली द्वारा समन्वित किया गया था, पहला व्याख्यान प्रोफेसर मयंक वाहिया, डीन, भूतपूर्व प्रोफेसर टीआईएफआर, मुंबई द्वारा “प्राचीन भारत में खगोल विज्ञान” तथा प्रोफेसर दीपक कुमार, भूतपूर्व प्रोफेसर, जेएनयू, नई दिल्ली ने “भारत में चिकित्सा का इतिहास” पर व्याख्यान दिया गया। आगे तकनीकी सत्र में श्री दिनेश शर्मा, जवाहरलाल नेहरू फेलो, नई दिल्ली ने “सूचना प्रौद्योगिकी के इतिहास” तथा डॉ आलोक कुमार कानूनगो, सहायक प्रोफेसर आईआईटी, गांधीनगर ने “भारतीय में कांच पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इतिहास” पर अपना व्याख्यान दिया। सेमिनार में डीबीआईटी, बीहाइव इंस्टीट्यूट, जेबीआईटी, एल्पाइन इंस्टीट्यूट, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी, जीआरडी गर्ल्स डिग्री कॉलेज और उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के 250 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
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