देहरादून, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने शुक्रवार को टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। उन्हें यूकेडी का भी समर्थन हासिल है। परेड ग्राउंड से कलक्ट्रेट तक निकले नामांकन जुलूस में बड़ी संख्या युवा शामिल हुए। नामांकन जुलूस में उक्रांद के झंडे भी लहराए।
बॉबी पंवार के नामांकन से पहले शुक्रवार सुबह 9 बजे से लोग परेड ग्राउंड में जुटने शुरू हो गए थे। जौनसारी महिलाएं अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुईं। उन्होंने जौनसार के लोकगीत गाए और रणसिंग्हा की आवाज के बीच तांदी नृत्य किया। परेड ग्राउंउ में 11 बजे जैसे ही बॉबी पंवार पहुंचे भीड़ ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद बॉबी पंवार खुली जीप पर सवार होकर जुलूस के साथ परेड ग्राउंड से एस्लेहॉल, राजपुर रोड, गांधी पार्क, घंटाघर होते हुए कलक्ट्रेट में नामांकन के लिए पहुंचे, वहीं उक्रांद के केंद्रीय कार्यालय से काफी संख्या में दल के कार्यकर्ता झंडे लेकर जुलूस में शामिल हुए। पुलिस ने कलक्ट्रेट से पहले बैरिकेडिंग लगाकर जुलूस को रोक दिया। दोपहर डेढ़ बजे बॉबी पंवार ने नामांकन कराया।
पेपर लीक आंदोलन से सुर्खियों में आए बॉबी पंवार ने टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनावी ताल ठोकी है, बॉबी पंवार बेरोजगार संघ के अध्यक्ष भी हैं. बॉबी पंवार ने ही यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में धांधली का खुलासा किया था | उन्होंने पेपर लीक मामले में सीएम धामी से मुलाकात कर जांच की मांग उठाई थी, जिसके बाद सीएम धामी के निर्देश पर एसटीएफ ने पूरे मामले की जांच की और आरोपियों की गिरफ्तारियां शुरू की | बॉबी पंवार पिछले कई सालों से बेरोजगार युवकों की आवाज उठाने का काम कर रहे हैं, पिछले साल भी बॉबी पंवार के नेतृत्व में गांधी पार्क पर हजारों की संख्या युवक-युवतियों ने धरना दिया था और जिसके बाद पथराव और लाठीचार्ज की घटना होने के बाद बॉबी पंवार की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही बॉबी पंवार की जमानत हो गई थी, लेकिन आज जिस तरह नामांकन के दौरान जनसैलाब आया, उससे साबित होता है कि टिहरी लोकसभा सीट के लोग बदलाव चाहते हैं, वहीं अब बॉबी पंवार चुनावी दंगल में उतर कर बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला को टक्कर दे रहे हैं |
बॉबी पंवार का कहना है कि टिहरी संसदीय क्षेत्र काफी बड़ा है, इस संसदीय क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, जो लंबे समय से देखने को मिल रही है, उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की जाएगी और जल, जंगल और जमीन बचाने की कोशिश की जाएगी, प्रदेश में बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है और रोजगार के युवा दर-दर भटक रहा है, पहाड़ों की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हालत में है |
वेबाक बात : हौंसलों का सड़कों पर जन सैलाब, और निकल पड़ा बाॕबी नामांकन करने…!
(एल मोहन लखेड़ा)
“ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के” कवि बल्ली सिंह चीमा की यह कविता आज दून में उस समय चरितार्थ हो गयी जब एक युवा निकल पड़ा लोकसभा की टिहरी सीट नामांकन करने, उम्र भले ही अभी कम हो, लेकिन राजनीतिक परिपक्वता बड़े-बड़े नेताओं से कम बिल्कुल भी नहीं है। उनकी सोच भी पूरी तरह से साफ है। लक्ष्य तय है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो युद्ध शुरू किया है, उस लड़ाई को और मजबूत करेंगे। लेकिन, एक सवाल है, जो जौनसार-बावर क्षेत्र में राजनीति करने वालों को परेशान कर रहा है। चितां केवल आज की नहीं, 2027 की भी है। यह चिंता कितनी जायज है, यह हम आपको बताएंगे।
दरअसल, बॉबी पंवार बेरोजगारों के नेता के तौर पर बड़ी पहचान रखते हैं। उनमें भविष्य का नेता बनने की काबलियत भी नजर आती है। बॉबी अपनी बात को हमेशा ही बेबाकी और मजबूती से रखते हैं। यही बेबाकी बॉबी को औरों से अलग करती है। बॉबी केवल जौनसार-बावर के नेता नहीं। बॉबी पंवार की पहचान पूरे उत्तराखंड में हैं। खास बात यह है कि उनको भाजपा- कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों के युवा कार्यकर्ता पसंद करते हैं।
टिहरी लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक चुके बॉबी पंवार आज नामांकन के लिए परेड ग्राउंड से निकले, बॉबी के समर्थन में हजारों युवा पहुंचे तो वही महिलाओं, बुजुर्गों सहित सेना के रिटायर्ड जवान भी सैकड़ों की संख्या में पहुंचे।
परेड ग्राउंड से कचहरी नामांकन के लिए निकले बॉबी पंवार का काफ़िला जैसे जैसे आगे बड़ा उतनी ही संख्या बढ़ती नज़र आई, युवाओं का बॉबी के प्रति जुनून देखने लायक था, लगातार काफिले से “देखो देखो कौन आया शेर आया शेर आया” “युवाओं का सांसद कैसा हो, बॉबी पंवार जैसा हो का उद्घोष सुनाई दे रहा था”।
जितनी संख्या में बॉबी के समर्थक नामांकन रैली में पहुंचें इसे देख अब कहीं ना कहीं भाजपा कांग्रेस की चिंता ज़रूर बड़ेगी, टिहरी की जनता रानी राज्य लक्ष्मी शाह को 5 सालों में अपने बीच उपस्थित न पाकर पहले से ही खफा हैं सिर्फ मोदी के नाम पर इन्हें वोट पड़ता आया हैं, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गुनसोला की पहुंच भी जनता के बीच कम हैं।
लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा, यह प्रश्न आज सब के बीच मुंह बायें खड़ा, आंदोलनों से उपजा बाॕबी जैसा संघर्षशील व्यक्तित्व जिसने आज टिहरी लोक सभा के साथ उत्तराखण्ड़ का राजनैतिक माहौल को सोचने के लिये मजबूर कर दिया | राज्य के दोनों बड़े दलों के माथे पर लकीर पड़ना स्वाभाविक है, अगर भीड़ का यही हजूम मतदान के दिन भी अपनी दस्तक दे देता है तो कमोवेश राज्य को एक युवा सांसद मिल जायेगा, अब प्रश्न यह है कि धन बल के आगे बाॕबी को उसकी मेहनत ही आगे ले जायेगा, वहीं क्षेत्रीय दल यूकेडी के समर्थन के बाद राज्य आंदोलनकारी शक्तियों का मन भी उत्साहित है और इसी उत्साहित मन को वोट में परिवर्तित करने की कला माहिर अब बाॕबी पंवार को बनना है |
ऐसे में जितना युवा बॉबी के साथ हैं यदि उनके अभिभावक भी बॉबी को वोट करते हैं तो कहा जा सकता हैं राजशाही लोकसभा सीट इस बार कुछ न कुछ इतिहास ज़रूर लिखेगी।
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