Friday, November 15, 2024
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उत्तराखंड़ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लौटाया समूह-ग के 5000 रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव

देहरादून, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने प्रदेश में समूह-ग के 5000 रिक्त पदों पर भर्ती के प्रस्ताव विभागों को लौटा दिए हैं। आयोग ने इनमें कुछ बदलाव करने को कहा है। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विभिन्न विभागों से करीब 5000 पदों पर भर्तियों के प्रस्ताव आए हैं।

इन सभी को संबंधित विभागों को लौटाने की प्रमुख वजह ये है कि आंदोलनकारी आरक्षण के लिए निर्धारण दोबारा करना होगा। कई विभागों के प्रस्ताव में कमियां हैं, अब उन्हें दूर करने के बाद आयोग विज्ञप्तियां जारी करेगा।

इन प्रमुख भर्तियों के प्रस्ताव लौटाए, भर्ती का नाम पदों की संख्या :

पुलिस कांस्टेबल 2000
वन आरक्षी 600
वन दरोगा 84
नलकूप चालक 201
सींचपाल 226
मेट, सिंचाई विभाग 268
स्पेशल टाइगर गार्ड 81
हवलदार प्रशिक्षक 24
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक कुल 4600 पदों पर भर्तियां पूरी की जा चुकी हैं। चयन सूची विभागों को भेजी जा चुकी हैं। अब 1544 पदों की एलटी भर्ती, 200 पदों की वन स्केलर भर्ती, 229 पदों की आबकारी निरीक्षक, परिवहन आरक्षी आदि की भर्ती, 34 पदों की वाहन चालक भर्ती और 25 पदों की सहायक भंडारी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द पूरी होगी।

 

रिटायर्ड आईएएस अफसर सुशील कुमार बने राज्य निर्वाचन आयुक्त

Uttarakhand रिटायर्ड आईएएस अफसर सुशील कुमार बने राज्य निर्वाचन आयुक्त,  भारतीय सेना में इंजीनियर्स कोर में कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूप में भी ...
देहरादून, 2005 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुशील कुमार को शासन द्वारा राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार सौंपा गया है। वह बीते साल गढ़वाल आयुक्त के पद से रिटायर हुए थे।
आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयुक्त(पंचायतराज और स्थानीय निकाय) का पद बीते आठ माह से खाली था। वहीं, अब प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव को देखते हुए शासन ने सुशील कुमार की नियुक्ति इस पद पर की गयी है। जिसके आदेश शासन द्वारा आज जारी किये गये है।
आयुक्त सुशील कुमार उत्तराखंड कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविघालय से विज्ञान में स्नातक और आईपी विश्वविघालय, नई दिल्ली से एमबीए किया है। राज्य सिविल सेवा में शामिल होने से पहले उन्होंने भारतीय सेना में इंजीनियर्स कोर में कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूप में भी काम किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नगर आयुक्त देहरादून, जिला मजिस्ट्रेट पिथौरागढ़ और जिला मजिस्ट्रेट पौड़ी गढ़वाल जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्हें उत्तराखंड के श्रम आयुक्त और गन्ना आयुक्त के रूप में विभिन्न विभागों के कार्यकाल का भी अनुभव है। उन्होंने सरकार में राजस्व विभाग के सचिव और खाघ एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य किया है।

 

फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल पर दून पुस्तकालय में हुआ व्याख्यान

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से गुरुवार की सायं विलक्षण फिल्मकार श्याम बेनेगल के जीवन व उनके कार्यों पर एक व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। फिल्मों के जानकार व इतिहासविद डॉ. मनोज पंजानी ने यह व्याख्यान संस्थान के सभागार में दिया। डॉ. मीनू गोयल ने शुरुआत में फ़िल्मों, श्याम बेनेगल के जीवन व उनके कार्यों पर गहनता से प्रकाश डाला। उन्होंने मनोज पँजानी द्वारा फिल्म के क्षेत्र में किये जा रहे इस तरह के अकादमिक कार्यों की खूब प्रसंशा की। उल्लेखनीय है कि श्याम बेनेगल की फिल्में अपने राजनीतिक-सामाजिक सन्दर्भों के लिए जानी जाती रही हैं। भारत में उन्हें समानांतर सिनेमा के प्रवर्तक और अतंरराष्ट्रीय फलक पर उन्हें नई धारा की सिनेमा का नेतृत्वकारी माना जाता है। भारत एक खोज सहित संविधान जैसी चर्चित फिल्में भी उन्होनें बनाईं।
डॉ. मनोज पंजानी ने अपने व्याख्यान में कहा कि इस बार फिल्म निर्माता के रूप में उन्होनें 50 साल पूरे कर लिए हैं। अंकुर, निशांत, मंथन, भूमिका, जुनून, मंडी, वेलकम टू सज्जनपुर, त्रिकाल, सूरज का सातवां घोड़ा, मैमथ, जुबैदा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वैल डन अब्बा जैसी उनकी फिल्मों का सन्दर्भ देकर उन्होनें उनसे जुड़ी कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने शबाना आज़मी, अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह, दीप्ति नवल, रजित कपूर और राजेश्वरी सचदेव जैसे कलाकारों व लेखक सत्यदेव दुबे, खालिद मोहम्मद व छायाकार गोविंद निहलानी, को आगे लाने का कार्य किया।
डॉ. पंजानी ने कहा कि श्याम बेनेगल ने विजय तेंदुलकर और गिरीश कर्नाड जैसी साहित्यिक हस्तियों के साथ काम किया था। उनकी फ़िल्मों को विदेशों में फ़िल्म समारोहों में भी सराहा गया है। उनकी फ़िल्मों को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। श्याम बेनेगल दादा साहब फाल्के पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी रहे हैं। उन्होनें उनका उत्तराखंड से भी जुड़ाव की बात भी बताई और कहा कि उनकी फिल्म ‘जुनून‘ रस्किन बॉन्ड के उपन्यास ‘फ्लाइट ऑफ पिजन्स‘ पर आधारित है। उनकी करीब 10 फिल्मों की लेखिका शमा जैदी की स्कूली शिक्षा वुड स्टॉक में हुई है।
कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज ने किया। इस कार्यक्रम में फिल्मों के दौरान श्याम बेनेगल साथ काम करने वाले कुछ लोगों के संदेशों का वाचन रंगकर्मी, विनीता ऋतुंजया और दून लाइब्रेरी के युवा सदस्यों द्वारा किया गया। कुछ युवा साथियों ने कुछ फिल्मों के गीत भी सुनाए।
आज के इस सत्र में पूर्व प्रमुख सचिव, उत्तराखंड ,विभापुरी दास,समर भंडारी,बिजू नेगी, हिमांशु आहूजा, पंकज शर्मा, राकेश कुमार, शैलेन्द्र नौटियाल, सुंदर बिष्ट,जनकवि अतुल शर्मा, रंगमंच व फिल्म से जुड़े लोग, साहित्यकार, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और दून पुस्तकालय के सदस्य सहित बड़ी संख्या में युवा छात्र उपस्थित रहे।

 

सीनियर एवं जूनियर गर्ल्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में अनन्या बिष्ट व कादम्बरी गुसांई ने जीता खिताब

देहरादून(केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंर्तसदनीय सीनियर एवं जूनियर गर्ल्स बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया और प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में शिवालिक हाउस की अनन्या बिष्ट एवं जूनियर वर्ग में शिवालिक हाउस की कादम्बरी गुसांई ने मैच जीतकर खिताब अपने अपने नाम किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल में खेली जा रही बैडमिंटन प्रतियोगिता के अंतर्गत फाइनल मैच खेला गया। इस दौरान सीनियर वर्ग में मंदाकिनी हाउस और शिवालिक हाउस के बीच मैच खेला गया और जिसमें एकतरफा मुकाबले में शिवालिक हाउस की अनन्या बिष्ट ने विपक्षी खिलाड़ी को 15-8 से पराजित करते हुए शानदार जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम किया।
इस अवसर पर जूनियर वर्ग में मोनाल हाउस और शिवालिक हाउस के बीच खेले गये मैच में एकतरफा मुकाबले में शिवालिक हाउस की कादम्बरी गुसांई ने 11-2 से जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम किया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में विजेताओं एवं उप विजेताओं को ट्राफी एवं सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी के साथ खेल प्रेमी छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

 

उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन का संवाद : 12 जिलों ने 13 वें जिला हरिद्वार से मांगा समर्थन

“एक राज्य एक पंचायत चुनाव” पर हरिद्वार के साथ हुआ संवाद, 31अगस्त को हरिद्वार फिर करेगा मंथन”

देहरादून (हिना आजमी), उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने आज हरिद्वार जनपद के त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” के लिए हरिद्वार जनपद का सहयोग मांगा। कहा कि इस राज्य के 12 जनपदों में आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन को हरिद्वार भी अपना सहयोग दे। उन्होंने कहा कि 12 जनपदों में तीन पंचायतें एक मंच में आ गई है, इस प्रयोग को हरिद्वार में भी किया जाए। हरिद्वार के प्रतिनिधियों ने 31 अगस्त को आपस में बैठ कर इस प्रस्ताव पर विचार मंथन किए जाने का आश्वासन दिया है।
राज्य अतिथि गृह हरिद्वार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने हरिद्वार के तीनों पंचायतों के प्रतिनिधियों के समक्ष इस बात को जोर देकर रखा कि उत्तराखंड के 12 जनपदों के प्रतिनिधि हरिद्वार जनपद से सहयोग की आशा रखते है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन में अपना सहयोग प्रदान करने कर एक राज्य एक पंचायत चुनाव के सपने को पूर्ण करने के लिए आगे आए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायतों यह संगठन राज्य में 29 विषयों को पंचायतों को सौपने, पंचायतों का आरक्षण विधान सभा की तरह 30 वर्ष करने आदि विषयों पर संघर्ष करने वाला है। इस संघर्ष में भी हरिद्वार का अमूल्य सहयोग संगठन को चाहिए।
देहरादून के कालसी के क्षेत्र प्रमुख मठौर सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड के 12 जनपदों में वार्ड मेंबर्स, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य तथा क्षेत्र प्रमुख और जिला पंचायत के अध्यक्ष एक मंच में आ चुके है। इस प्रयोग को हरिद्वार में भी लागू किया जाना है।
पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा की क्षेत्र प्रमुख रुचि कैंतुरा ने कहा कि उत्तराखंड में तीन पंचायतों का एक छत्तरी के नाचे आकर अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का जो माडल कार्य कर रहा है। वह कल पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद को इस समय संगठन का साथ देकर पंचायत के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों में अपनी प्रमुख भागीदारी निभानी चाहिए।
हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र प्रमुख डॉ. हर्ष कुमार दौलत ने कहा कि 31 अगस्त को एक बार पुनः हरिद्वार में बैठक करेंगे। इस प्रस्ताव पर गहनता के साथ विचार मंथन किया जाएगा।
उसके बाद हरिद्वार के त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि अपना पक्ष सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने कहा कि वह तीनों पंचायतों के प्रमुख प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे।
इस अवसर पर हरिद्वार के पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, बहादराबाद की क्षेत्र प्रमुख श्रीमती आशा नेगी, लक्सर क्षेत्र प्रमुख डॉ. हर्ष कुमार दौलत, प्रमुख प्रतिनिधि बालम सिंह नेगी, ग्राम प्रधान संगठन के मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह नेगी, निर्मला राठौर पूर्व ग्राम प्रधान बलवंत सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।

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