योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्साः राज्यपाल
देहरादून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में आज 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ करते हुए योग को भारत की चेतना और विरासत का केंद्र कहा तथा इसे भारत की सॉफ्ट पावर का भी सशक्त उदाहरण बताया।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि योग एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से तथा एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम करता है। दुनिया भर के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति स्वस्थ रहता है, तो परिवार स्वस्थ रहता है और जब परिवार स्वस्थ रहता है, तो देश स्वस्थ रहता है। उन्होंने सभी को योग को जीवन जीने का माध्यम बनाने की प्रेरणा दी तथा सभी संस्थाओं से अपील की कि योग को जनसुलभ बनाया जाए।
वहीं राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला।
राज्यपाल ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है जिसने संपूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य किया है। प्रसन्नता की बात है कि आज यह दिवस न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए स्वास्थ्य, शांति और समरसता का प्रतीक बन चुका है। राज्यपाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने की प्रक्रिया है। यह आत्मानुशासन, संयम, और मानसिक शांति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज योग एक वैश्विक अभियान बन चुका है, और यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि दुनिया भारत की इस विरासत को स्वीकार करके और अपनाकर लाभान्वित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ट्टएक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग।’ भारत की सनातन सोच ट्टवसुधैव कुटुम्बकम’ की वैश्विक अभिव्यक्ति है जो हमें याद दिलाता है कि हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य, हमारी प्रकृति, हमारा पर्यावरण और हमारी सामाजिक संरचना सभी परस्पर गहराई से गूंथे हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसी आध्यात्मिक और प्राकृतिक भूमि पर योग का अभ्यास विशेष महत्व रखता है। उन्होंने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें।
इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से उत्तराखंड द्वारा तैयार की गई भारत की पहली योग नीति— 2025 की विशेषताएं और लक्ष्य बताए। कहा कि यह नीति भारत का पहला योग उघमिता और अनुसंधान हब बनाएगी।
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