Monday, November 25, 2024
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उत्तराखंण्ड को भारत का सिरमौर बनाना है: प्रो. त्रिपाठी

हरिद्वार 09 नवम्बर (कुल भूषण शर्मा)उत्तराखण्ड संस्कृत विष्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति की ओर से उत्तराखण्ड राज्य स्थापनादिवस के अवसर पर ऑन लाइन संस्कृत हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रमका षुभारम्भ विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने किया उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का उद्देष्य यहां की संस्कृति एव परम्परा का संरक्षण कर उसे विषिश्ट पहचान देने के साथ ही यहां के युवाओ ंको रोजगारपरक षिक्षा उपलब्ध करा कर उनके समुज्ज्वल भविश्य की नींव तैयार करना था। उन्होंने कहा कि पुराणों ेंमें उत्तराखण्ड को मानसखण्ड व केदारखण्ड के रूप में बताया गया है। ।

पर्वतीय समाज को सुषिक्षित एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए मिलकर काम करना है। क गंगा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण व परम्परा संरक्षण के माध्यम से उत्तराखण्ड को पूरे भारत का सिरमौर बनाना है।
इस अवसर पर कुलसचिव गिरीष कुमार अवस्थी, प्रो. मोहनचन्द्रबलोदी, डॉ. विन्दुमती द्विवेदी, डॉ. अजय परमार, डॉ.हरीषचन्द्रतिवारी, डॉ. रामरत्न खण्डेवाल, डॉ. रत्नलालकौषिक, डॉ. रामभूशणबिजल्वाण, डॉ. प्रदीपसेमवाल, डॉ. उमेषचन्द्र षुक्ला, डॉ. धीरज षुक्ला, मनमीतकौर आदि उपस्थित रहे।

 

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