Sunday, November 24, 2024
HomeStatesUttarakhandउत्तराखंड़ में आगामी 22 अप्रैल से हो जाएगा चारधाम यात्रा का आगाज,...

उत्तराखंड़ में आगामी 22 अप्रैल से हो जाएगा चारधाम यात्रा का आगाज, पंजीकरण की अनिवार्यता आवश्यक

देहरादून, आगामी 22 अप्रैल से उत्‍तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा। इसे लेकर सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल, केदारनाथ के 25 व बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य

वहीं चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। 21 फरवरी सुबह सात बजे से आनलाइन व आन काल माध्यमों से पंजीकरण शुरू हो गए हैं। आप भी यात्रा पर जाना चाहते हैं तो जल्‍दी करें। आप चार तरीकों से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। प्रथम चरण में केदारनाथ और बदरीनाथ धामों के लिए पंजीकरण किए जाएंगे। दोनों धामों के लिए प्रतिदिन 55 से 60 प्रतिशत पंजीकरण होंगे। प्रथम चरण में केदारनाथ व बदरीनाथ के लिए प्रतिदिन क्रमश: नौ हजार व 10000 पंजीकरण किए जाएंगे।

इन माध्यमों से पंजीकरण :

वेबसाइट:- registrationandtouristcare.uk.gov.in

वाट्सएप नंबर 91-8394833833 (Yatra टाइप करें)

टोल फ्री नंबर 0135-1364

एप touristcareuttrakhand

श्रद्धालुओं से उन्हीं की भाषा में बात करेगी पुलिस

चार धाम यात्रा ड्यूटी में तैनात पर्यटन पुलिस को इस बार विभिन्न राज्यों की भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि दक्षिण भारत क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं को भाषायी आधार पर समस्या का सामना न करना पड़े। पर्यटन पुलिस में नियमित पुलिस के ही कार्मिकों को शामिल किया जाएगा। इससे पूर्व इन्हें रिजर्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

हर वर्ष तमिलानाडू, आंध्र प्रदेश, केरल आदि राज्यों के श्रद्धालु यहां चार धाम यात्रा के लिए आते हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर हिंदी व अंग्रेजी का ज्ञान नहीं होता है। वहीं, उनकी क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान यहां पुलिसकर्मियों को नहीं होता है। ऐसे में बातचीत के दौरान पुलिसकर्मी भी उन्हें सही से गाइड नहीं कर पाते हैं।

इसी समस्या को देखते हुए पुलिस विभाग ने चार धाम यात्रा में तैनात पुलिसकर्मियों को कुछ क्षेत्रीय भाषा सिखाने की योजना बनाई है। वहीं वर्ष 2022 में यात्रा के दौरान 70 कार्मिकों की तैनाती पर्यटन पुलिस के लिए तौर पर की गई थी। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात करने की तैयारी की जा रही है। उत्तराखंड में गोवा व केरल की तर्ज पर पर्यटन पुलिस का अलग ढांचा बनाने की भी योजना बनाई जा रही है। इसके लिए अलग एसओपी तैयार की जाएगी।

 

उत्तराखंड में गोल्डनकार्ड धारकों को एलोफैथी के साथ-साथ मिलेगी आयुर्वेदिक उपचार की भी सुविधाउत्तराखंड में गोल्डनकार्ड धारकों को एलोफैथी के साथ-साथ मिलेगी आयुर्वेदिक  उपचार की भी सुविधा, ओपीडी की कैशलेस सुविधा पर भी हुई चर्चा | Himalayan ...

‘ओपीडी की कैशलेस सुविधा पर भी हुई चर्चा, चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा होगी ऑनलाइन, समयबद्ध होगा भुगतान’

देहरादून, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अंतर्गत अब राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को एलोफैथी के साथ-साथ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार कराने की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही गोल्डन कार्ड धारकों हेतु चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा को शीघ्र ही ऑनलाइन एवं समयबद्ध किया जायेगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की समीक्षा बैठक ली। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के बिलों का चिकित्सा प्रतिपूर्ति दिया जायेगा। प्रथम चरण में गोल्डन कार्ड धारकों को आयुष उपचार से संबंधी दवा एवं जांच के बिलों का ही प्रतिपूर्ति दिया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को समबद्धता सुनिश्चित करने के साथ ही एक माह के भीतर ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इस व्यवस्था के अंतर्गत गोल्डन कार्ड धारकों के प्रतिपूर्ति दावों के परीक्षण के स्तर को कम कर बिलों के भुगतान हेतु कार्मिक के मूल विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग व डीडीओ तक समय सीमा निर्धारित कर दी जायेगी, ताकि कार्मिकों को समय पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सके और उन्हें अन्यत्र भटकना न पड़े |

बैठक में गोल्डनकार्ड धारकों को ओपीडी की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर भी चर्चा हुई, जिस पर अंतिम निर्णय के लिये शीघ्र ही स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें मुख्य सचिव सहित वित्त विभाग के अधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राजकीय पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड की सुविधा चाहे या नहीं इस व्यवस्था को उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर पूर्व में ही स्वैच्छिक कर दिया गया है।

बैठक में अपर सचिव आयुष डॉ0 विजय कुमार जोगदंडे, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक आयुष डॉ0 अमन कुमार त्रिपाठी, उप सचिव आयुष गजेन्द्र सिंह कफलिया, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 मीतू शाह, अनु सचिव स्वास्थ्य जसविंदर कौर, अतुल जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments