देहरादून, उत्तराखण्ड़ में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच अब मिशन हौसला के तहत राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने सक्रिय हो गया, एनडीआरएफ ने प्रदेश के 20 गांवों को गोद लिया है। इसके तहत इन गांवों में कोविड से सुरक्षा के कामों को अंजाम दिया जाएगा। प्रत्येक गांव में दो सिपाही तैनात किए जाएंगे। इन जवानों के पास दवाओं से लेकर ऑक्सीजन आदि मौजूद रहेगी।
डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि शुरूआती चरण में गढ़वाल के 14 और कुमाऊं के छह गांवों को गोद लिया गया है। इन्हें एसडीआरएफ का सुरक्षा कवच दिया जा रहा है।
इस अभियान की शुरूआत डीआईजी अग्रवाल व सेनानायक आईपीएस नवनीत भुल्लर ने वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखाकर की। इस अभियान में पर्वतीय जनपदों के वह गांव हैं जो जनसंख्या और क्षेत्रफल के साथ ही कोविड से अधिक प्रभावित हैं |
चौखुटिया डाक बंगले के पुराने भवन में दस बैंड के कोविड केयर सेंटर खोलने की तैयारी अंतिम चरण में हैl केयर सेंटर को सेना गोद लेगी l सेंटर के लिए ऑक्सीजन सहित सभी जरूरी सामान, उपकरण आदि सेना की डोगरा रेजीमेंट उपलब्ध कराएगी l
इसकी जानकारी एसडीएम गौरव पांडे के हवाले से देते सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधकारी डाक्टर अमित रतन ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में चिकित्सक व अन्य स्टाफ सीएचसी चौखुटिया का ही रहेगा l कोविड केयर सेंटर खुलने से चौखुटिया तहसील क्षेत्र के अलावा इससे लगे गढ़वाल के कुनीगाड, खंशर घाटी आदि क्षेत्रों के दर्जनों ग्राम वासियों को भी इसका लाभ मिलेगा l इसके तहत प्रत्येक गांव में दो जवान नियुक्त किए जाएंगे। यह ग्रामीणों को कोविड से जागरूकता के साथ ही मास्क भी देंगे। इसके अलावा सैनिटाइजेशन करेंगे और लोगों को सैनिटाइजर भी वितरित करेंगे। प्रतिदिन गांव की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को प्रेषित की जाएगी।
जवानों के पास आवश्यकता होने पर ऑक्सीजन सिलिंडर भी फ्लोमीटर के साथ होगा। कोविड से आइसोलेट हुए ग्रामीणों को घर के बाहर न आने की हिदायत भी दी जाएगी। जवान प्रतिदिन लोगों को योग और प्राणायाम भी कराएंगे। एसडीआरएफ की टीम के पास मेडिसिन किट भी उपलब्ध है, जो जरूरत के हिसाब से दी जाएगी।
गांवों के नाम:
पिथौरागढ़- खोलिया और दौला गांव।
बागेश्वर- ऐठान
अल्मोड़ा- बलटा और माठ गांव।
चंपावत- ज्ञानखेड़ा
रुद्रप्रयाग- रामुपर, कलना।
पौड़ी- गोदी दुगड्डा, सिरौ, स्वीत और डूगरी पंथ।
टिहरी- कुट्ठा।
उत्तरकाशी- गणेशपुर, नेताला, क्यार्का, नगाण।
चमोली- रामणा, बोला, सीगधार और खडे़धार।
प्रतिदिन कर रहे पांच हजार को कॉल
वर्तमान में एसडीआरएफ हर दिन पांच हजार आइसोलेट हुए और संक्रमित हुए लोगों की जानकारी लेती है। इसके बाद इन्हें कंट्रोल रूम से भी लोगों को फोन किया जाता है। विशेषज्ञ प्रश्नोत्तरी के बाद घर जाकर मरीजों को चाही गई मदद पहुंचाते हैं।
उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रतिदिन ही लगभग पांच हजार से अधिक कॉल आइसोलेट हुए व्यक्तियों को किए जा रहे हैं। इसके अलावा एक टीम हाई रिस्क और लो रिस्क आइसोलेट हुए व्यक्तियों की पहचान कर रही है। साथ ही साथ लावारिस शवों का दाह संस्कार भी एसडीआरएफ ही कर रही है।
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