चमोली, उत्तराखंड में रविवार को चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई आपदा ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब भी कई श्रमिक लापता हैं। राहत व बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षा बल सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बुधवार शाम तक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में से रेस्क्यू टीमों ने अभी तक 34 शव बरामद कर लिए हैं, जिनमें से 10 मृतकों क शिनाख्त हो गई है। चिंता की बात है कि आपदाग्रसत क्षेत्र में अभी भी 170 व्यक्ति लापता हैं। रेस्क्य कार्य में जुटे एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,सेना, आईटीबीपी सहित बीआरओ के बहादुर जवानों की कोशिश लगातार जारी है।
लेकिन सुंरग के अंदर मलबा व गाद उनकी परेशानी कम करने का नाम नहीं ले रही है। रैणी-तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है। टनल के अंदर मौजूद टनों मलबा बचाव कार्य में बाधा बन रहा है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है। लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की ओर से नवीनतम तकनीक के साथ ही खोजी कुत्तों को भी सहारा लिया जा रहा है।
बरामद शवों के डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है और सभी मानदंडों का पालन किया जा रहा है। बरामद शवों को मोरचरी कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर में रखा गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार सम्पर्क किया जा रहा है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। जनपद चमोली में स्थापित कन्ट्रोल रूम का नम्बर 01372-251487 एवं मोबाइल नम्बर 9084127503 है। अपनों की पहचान के लिए 86 परिजनों ने पुलिस के जारी व्हटसएप नंबर पर संपर्क साधा।
डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सभी संबंधित व्यक्तियों को व्हटसएप से लापता लोगों की सूची व शवों की पहचान का लिए विवरण भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया से अब तक दो शवों की शिनाख्त हो चुकी है। आपदा में बरामद शवों के डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की मदद भी ली जा रही है। शवों को जोशीमठ, कर्णप्रयाग व गोपेश्वर मोर्चरी में रखा गया है। इनके शिनाख्त के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। डीआईजी भरणे ने बताया कि शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा जा रहा है।
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