देहरादून, लोकसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होगा। 19 अप्रैल को उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों के लिए प्रदेश में कुल 83,21,207 मतदाता, प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगें। इन मतदाताओं में 43,08,904 पुरुष मतदाता, 40,12,006 महिला मतदाता और 297 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कुल 93,357 मतदाता हैं।
उत्तराखंड में 11,729 पोलिंग बूथ बनाए गए :
वहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में 11,729 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इन सभी पोलिंग बूथ में 3461 पोलिंग बूथ शहरी क्षेत्रों और 8268 पोलिंग बूथ ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए हैं। प्रदेश में 100 और 100 साल से अधिक उम्र के कुल 1411 मतदाता हैं। जिसमें 558 पुरुष और 853 महिला मतदाता शामिल हैं। इसके साथ ही दिव्यांग मतदाताओं की कुल संख्या 79965 है। जिसमें 49792 पुरुष, 30170 महिला और 3 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। साल 2019 में हुआ लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं कुल मतदाताओं की संख्या 77,65,423 थी। इस साल 5,55,784 मतदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
95 लाख खर्च कर पाएंगे कैंडिडेट :
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया भारत निर्वाचन आयोग ने एक्सपेंडिचर सीजर मैनेजमेंट सिस्टम देश के पांच राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया है। ऐसे में किसी भी जगह पर शराब या कैश पकड़े जाने की जानकारी मौके से ही अपलोड कर दिया जाएगा। अभी तक 7 करोड़ रुपए सीज किया गया है। उन्होंने बताया लोकसभा चुनाव में हर प्रत्याशी 95 लाख रुपए तक ही खर्च कर पाएगा। प्रदेश में सबसे दुरस्थ 30 पोलिंग स्टेशन हैं, जहां मतदान के लिए पोलिंग पार्टियां, पोलिंग दिवस से तीन दिन पहले रवाना होंगी. प्रदेश में दुरस्थ 1155 पोलिंग बूथ हैं। जहा मतदान के लिए पोलिंग पार्टियां, पोलिंग दिवस से दो दिन पहले रवाना होंगी। इसके साथ ही अन्य 10544 पोलिंग स्टेशन के लिए पोलिंग पार्टियां, पोलिंग दिवस से एक दिन पहले रवाना होंगी।
पुलिस विभाग ने 1410 क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन :
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान ने बताया पोलिंग स्टेशन पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्लान तैयार किया गया है। पुलिस विभाग ने 1410 पोलिंग स्टेशन को क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन में रखा है। एक बार फिर से क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन की जानकारी को लेकर रिव्यू मीटिंग की जाएगी। सीएपीएफ के लिए नोडल अधिकारी बनाए गया है। पुलिस कर्मियों के चुनाव को लेकर पोस्टल बैलेट के लिए नोडल अधिकारी समेत वीवीआईपी सुरक्षा के लिए भी नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। पुलिसकर्मियों को चुनाव के मद्देनजर अभी तक करीब 10 हज़ार पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। इन सभी पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए 150 मास्टर प्रशिक्षक तैयार किए गए थे।
40 हजार से अधिक की फोर्स की तैनाती :
एडीजी ने बताया इस चुनाव के लिए प्रदेश में करीब 40 से 42 हजार पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। जिसमें 20 कंपनी सीएसपीएफ की मिली हैं। 115 कंपनी सीएपीएफ की और 22 कंपनी स्टेट आर्म्स पुलिस फोर्स की शामिल हैं। इसके साथ ही प्रदेश की 5 कंपनी स्टेट आर्म्स पुलिस फोर्स की अन्य राज्यों में भी जाएंगी। इसके साथ ही 15 हजार होमगार्ड की डिमांड अन्य राज्यों से की गई है। करीब 1704 पोलिंग स्टेशन लोकेशन हैं। जितने भी इंटर स्टेट बॉर्डर चेक पोस्ट और इंटर डिस्ट्रिक्ट चेक पोस्ट हैं उनको चिन्हित कर लिया गया है।
साथ ही एडीजी ने कहा राज्य के भीतर 93 जगहों पर बैरिकेट लगाए जाएंगे। इन सभी जगह पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी। अधिकांश जगहों पर सीसीटीवी लगा दिए गए हैं. जिन जगहों पर सीसीटीवी नही लग सकते उन जगहों पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जायेगी। ऐसे करीब 30 स्थान चिन्हित किए गए हैं। चुनाव की तिथियां का ऐलान होने के बाद ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। लिहाजा जितने भी लाइसेंसी हथियार हैं उनको जमा करने की कार्रवाई शुरू हो जाती है। ऐसे में लाइसेंसी हथियार जमा करने की करवाई 17 मार्च से शुरू हो जाएगी। प्रदेश में करीब 47,200 लाइसेंस हथियार हैं।
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