नई दिल्ली, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की “हर घर नल- हर घर जल योजना” ग्रामीण क्षेत्रों के लिये वरदान साबित होगी। आकांक्षी जनपदों को इस महत्वपूर्ण योजना में वरीयता दिये जाने की आवश्यकता है। यह बात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज “पोस्ट बजट वेबिनार- लीविंग नो सिटिजन बिहाइन्ड” के अवसर पर सम्बोधित करते हुये कही गयी। केन्द्र और राज्य सरकारें मिलजुल कर इस जल जीवन मिशन के लिये कार्य कर रही हैं। आने वाले वर्षों में इस मिशन पर हम 3.5 लाख करोड़ रूपये से अधिक धनराशि व्यय करेंगे। उनके द्वारा कहा गया कि अगले पॉंच वर्षों में हमें गत 70 वर्षों में किये गये काम की अपेक्षा चार गुना कार्य अधिक करना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कहा गया कि भारत की आत्मा मेहनतकश लोगों में बसती है। 130 करोड़ भरतीयों की कुछ कर गुजरने की इच्छा की भावना का सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि हम उनके प्रयासों को बल दें। लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये और उनके हितों की रक्षा के लिये वर्ष 2014 से हमारी सरकार अथक और निरन्तर कार्य कर रही है। हमने विशेषकर उन लोगों के सपनों को साकार करने पर ध्यान दिया है जिन्होनें अपने और अपने परिवार के बेहतर जीवन का स्वप्न देखा था पर उसे पूरे करने के साधन उन्हे पहले कभी उपलब्ध नही कराये गये।
लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये पेयजल अनिवार्य है। अधिकतर बीमारियां पानी के माध्यम से फैलती हैं। नल से जल, गरीबों के स्वास्थ्य में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, क्योंकि अक्सर गरीब लोग स्वच्छ जल की कमी के कारण रोगों का शिकार हो जाते हैं। स्वच्छ जल का एक अन्य लाभ यह होगा कि ग्रामीण महिलाओं का जिन्हे लम्बी दूरी से पानी लाना पड़ता है, उन्हे मुश्किलों से मुक्ति मिलेगी। ठीक उसी तरह जैसे उज्वला योजना से उन्हे जलावन की लकड़ी जुटाने से मुक्ति मिली हैl यह मिशन भी उनके समय और ऊर्जा को बचाते हुये उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस प्रयास में सभी हितधारकों, विशेषकर ग्रामीण समुदायों से मैं एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह करता हॅू ताकि जल हमारी साझी प्रतिबद्वता बने। हमें इस मिशन को एक “जन आंदोलन” और जल को ”सभी का सरोकार“ बनाना है। इस मिशन के अन्तर्गत सृजित परिसम्पत्तियों के प्रति लोग सामुहिक रूप से “अपनेपन का भाव” विकसित करें। आइए हम सभी एकजुट होकर जल की हर बूंद को संरक्षित करने, हर ग्रामीण परिवार को साफ पेयजल उपलब्ध कराने और इस प्रकार अपनी भावी पीढ़ियों के लिये पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करें।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुये भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा कहा गया कि जल जीवन मिशन भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लक्ष्य सभी घरों तक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना ही नही है बल्कि स्थानीय जल संसाधनों के सर्वांगीण प्रबन्धन को बढ़ावा देना भी है। इस जल आपूर्ति कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते समय जल श्रोतों का संरक्षण करके उन्हें सतत बनाने और जल के पुनः उपयोग की विधियों का प्रयोग करने जैसे उपायों की जरूरत पर ध्यान दिया गया है और इन्हे पहली बार योजना की रूपरेखा का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है।
श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन योजना हेतु 60 हजार करोड़ रूपए का बजट का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इन प्रचालन दिशा निर्देशों में किये गये उल्लेख के अनुसार केन्द्र और राज्स सरकारों के बीच ऐसा मजबूत तालमेल बनेगा | जिससे न केवल इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का कार्यान्वयन हो सकेगा बल्कि अधिक से अधिक जनता को इससे जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। इसलिये हमारे इस महान राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति से मैं आग्रह करता हॅू कि वह जल जीवन मिशन को अपना मिशन समझे और हमारे सभी ग्रामीण परिवारों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने के इस आन्दोलन को एक जन आंदोलन बनाने के लिये कार्य करें।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुये हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर इन्वारन्मेंट इकोलोजी एण्ड डेवलपमेंट (हाईफीड) जो कि जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का मुख्य संसाधन केन्द्र (केआरसी) के रूप में कार्यरत है, के निदेशक डा. कमल बहुगुणा द्वारा कहा गया कि इम्प्लिमेंटिंग सपोर्ट ऐजेंसी के रूप में हाईफीड द्वारा नियोजन चरण में उत्तराखण्ड के 184 गॉंवों में ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है तथा उक्त समितियों के साथ बैठकर गॉंवों का बेसलाईन सर्वे कर विलेज एक्शन प्लान तैयार किये गये हैं। अधिकांश गांवों की डीपीआर तैयार हो चुकी हैं तथा योजना क्रियान्वयन का कार्य प्रारम्भ होकर पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य गतिमान है।
‘हाईफीड’ द्वारा राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, उत्तराखण्ड शासन के सतत हयोग से जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जनपद टिहरी व उत्तरकाशी के 10 विकासखण्डों में ग्राम प्रधानों तथा ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों के प्रशिक्षण चलाये जा रहे हैं। संस्थान द्वारा अब तक 40 बैचों का प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है जिनमें 485 ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के 1652 सदस्यों को प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा चुका है तथा मार्च माह तक 1500 और सदस्यों को प्रकशित करने का लक्ष्य रखा गया है l इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा नेशनल जल जीवन मिशन के सहयोग से भी दो बैचों का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक आयोजित किया गया है।
डा. कमल बहुगुणा ने कहा कि जैसा कि पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में सभी विज्ञ हैं कि किस प्रकार की विकट परिस्थितियों में पहाड़ की महिलाओं को कई कई किलोमीटर दूर से पानी सिर पर ढोकर लाना होता है, इसके मध्यनजर माननीय प्रधानमंत्री जी के व्यापक जनहित के लिये उनके विज़न व मिशन के अनुरूप संचालित जल जीवन मिशन जैसी योजनायें समस्त देश और विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं के कार्यबोझ को कम करने के लिये वरदान साबित हो रही है। जैसा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के श्रोत धीरे धीरे सूख रहे हैं, अतः जल श्रोतों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिससे कि पेयजल की योजनायें लम्बे समय तक सस्टेन कर सकें।
डा. बहुगुणा ने कहा कि योजना के अन्तर्गत गठित ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों तथा समस्त ग्रामवासियों व विशेषकर महिलाओं द्वारा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत निर्मित की जाने वाली पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में बढ़ चढ़ कर सहभागिता की जा रही है तथा योजना निर्माण में 5 प्रतिशत नकद योगदान भी दिया जा रहा है। कई गॉंवों में यह योजना मूर्तरूप ले चुकी है तथा शेष गॉंवों में क्रियान्वयन चरण गतिमान है। ग्रामीणों के अनुसार हर घर नल- हर घर जल का यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री जी तथा माननीय जल शक्ति मंत्री जी व उनकी टीम के नेतृत्व व दिशानिर्देशन में भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना है जो कि सीधे सीधे मानव जीवन की परम आवश्यकता को पूर्ण कर रही है।
इस वेबिनार के अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भारत सरकार गिरिराज सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री भारत सरकार प्रहलाद सिंह पटेल, जल शक्ति राज्य मंत्री भारत सरकार विशेश्वर टुडू, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भारत सरकार श्रीमती विनी महाजन, सचिव पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पंकज जैन, सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एन.एन. सिन्हा, सचिव पंचायती राज भारत सरकार श्री सुनील कुमार, अपर सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार आशीष गोयल, के.अशोक कुमार वाइस प्रेसिडेंट लार्सन एण्ड टूब्रो, श्री निकोलस ओस्बेर्ट चीफ यूनिसेफ इण्डिया, जी. मथी वाथनन प्रमुख सचिव उड़ीसा शासन, शैलेश बगोली सचिव उत्तराखण्ड शासन, आर. मुकुन्दन प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टाटा केमिकल्स, श्री गिरीश कृष्णामूर्ति प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टाटा मेडिकल्स, शराकेश मिश्री डाइरेक्टर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि., संतोष कुमार कार्यकारी निदेशक भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि. आदि द्वारा भी प्रतिभागियों को सम्बोधित किया गया।
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