देहरादून, राज्य से दूर मुम्बई में रह रहे उत्तराखंड़ के पहाड़ियों का दिल आज भी पहाड़ के लिये धड़कता है, पहाड़ की सेवा और अपनी सांस्कृतिक विरासत संजोय रखने के लिये गठित उत्तरांचल महासंघ मुंबई पिछले कई वर्षो से सकरात्मक सेवा में लगी है, चाहे कोरोना काल हो या कोई भी विपत्ति जब पहाड़ पर आती है तो संघ मदद को हमेशा तत्पर रहता है, टिहरी जनपद के घनसाली से गांव महिलाओं की मदद कर लौटे उत्तरांचल महासंघ का यह दल आज दून के प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरु हुआ, पत्रकारों से बातचीत करते हुये संघ की अध्यक्षा आनंदी गैरोला ने बताया कि उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाने एवं महिला सशक्तिकरण तथा पर्यावरण विकास को लेकर हमारी संस्था पर्वतीय भूभाग की सेवा कार्य कर रही है ।
श्रीमती गैरोला ने कहा कि वर्तमान में उत्तरांचल महासंघ द्वारा टिहरी गढ़वाल के द्वारी गांव में घनसाली क्षेत्र में तकनीक शिक्षा एवं महिलाओं के स्वरोजगार के लिए कार्य किए जिसके तहत महिलाओं को सिलाई मशीन के साथ साथ शिक्षा ले रहे गरीब एवं निर्धन छात्रों को 500 रुपये मासिक दूध वगैरहा के लिये सहायता भी दी है, उनका कहना है कि पत्रकार वार्ता के माध्यम से हम पर्वतीय वासियों को एक सार्थक संदेश भी देना चाहते हैं कि आप भी आगे आयें और उत्तराखण्ड़ की सेवा की पहल करें, अध्यक्षा ने कहा कि हम अपने सेवा इस कार्य के पूरे पर्वतीय जनपदों का भ्रमण कर आवश्यकता अनुसार आगे बढ़ायेंगे, इसके लिये हमारे उत्तराखंड के प्रवासीजन जो कि मुंबई में निवासरत है वहीं से अपने उत्तराखंड के गांव के विकास के बारे में निरंतर प्रयासरत है और नई सोच के साथ कार्य कर रहे हैं और पिछले कई वर्षो से संस्था सेवा कार्य को संचालित कर रही है |
संस्था की संयुक्त मंत्री लक्ष्मी घिल्डियाल ने कहा कि 2013 से सेवा के इस कार्य में संस्था के 30 सक्रिय सदस्य अपनी अपनी क्षमता के अनुसार मदद के लिये आगे आते हैं, श्रीमती घिल्ड़ियाल ने कहा कि संघ का मकसद है कि उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों एवं महिलाओं को कैसे आगे बढ़ाया जाए साथ पलायन के मुद्दों पर कैसे हम लोग उत्तराखंड सरकार और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहे है l पत्रकार वार्ता में उपाध्यक्ष हरिपाल सिंह बिष्ट, विजया पंत तुली पर्वतारोही, संरक्षक कुसुम लता गुसांई, स्नेह लता जुयाल, मन मोहन घिल्ड़ियाल एवं उर्मिला धरडे आदि मौजूद रहे |
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