देहरादून, शहर में अवैध दौड़ रहे आटो रिक्शा पर परिवहन विभाग सख्त हो गया, अब परिवहन विभाग ऑटो-रिक्शा संचालकों का सत्यापन करेगा। इसके बाद ऑटो-रिक्शा पर स्टीकर लगाए जाएंगे। सत्यापन के लिए वाहन के प्रपत्र, ड्राइवर का लाइसेंस और पुलिस सत्यापन की आख्य का होना जरूरी है। यदि कोई वाहन का सत्यापन नहीं करता है तो ऐसे ऑटो-रिक्शा का परमिट रद किया जाएगा।
शहर में बड़ी संख्या में ऑटो-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इसमें करीब 2394 ऑटो-रिक्शा आरटीओ में पंजीकृत हैं, जबकि कई अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। संचालक यात्रियों से अभद्रता के साथ मनमाना किराया भी वसूल रहे हैं। कुछ ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों के पास लाइसेंस तक नहीं है। आरटीओ तक निरंतर ऐसी शिकायतें पहुंच रही हैं। जिस पर आरटीओ (प्रवर्तन) ने यात्री सुरक्षा और जनहित को देखते हुए ऑटो-रिक्शा के सत्यापन के आदेश किए हैं।
आदेश में आरटीओ (प्रवर्तन) सुनील शर्मा ने कहा कि सत्यापन की कार्यवाही सड़क सुरक्षा कार्यालय आशारोड़ी में 17 से 21 अक्तूबर तक सुबह एक बजे तक होगी। सत्यापन के लिए वाहन के प्रपत्र, ड्राइवर का लाइसेंस और पुलिस सत्यापन की आख्या का होना जरूरी है। इसके बाद वाहन में स्टीकर लगाया जाएगा।
“सत्यापन के लिए बनाया प्रारूप
आरटीओ ने सत्यापन के लिए प्रारूप बनाया है। इसमें वाहन संख्या, वाहन स्वामी का नाम, परमिट संख्या, वैधता, सत्यापन की तिथि, आवंटित स्टीकर संख्या और वाहन स्वामी का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा।”
ऑटो-रिक्शा यूनियन से मांगी सूची:
आरटीओ ने दून ऑटो-रिक्शा यूनियन से सभी ऑटो-रिक्शा की सूची मांगी है। इसके साथ ही अधीनस्त वाहन स्वामियों को सत्यापन की जानकारी देने को कहा। यह भी चेतावानी कि जो वाहन स्वामी सत्यापन नहीं करवाएंगे उनके वाहन का परमिट एमवी ऐक्ट की धारा 86 तहत निलंबित या निरस्त किया जाएगा। यह अभियान सत्यापन के बाद चलेगा।
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