वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारत, जी-20 में दो-स्तंभ वाले कराधान प्रस्ताव की बारीकियों तक पहुंचने के बहुत करीब है। उन्होंने कहा कि भारत इसके विवरण को अंतिम रूप देने के आखिरी चरण में है। जी-20 देशों के वित्त मंत्री 13 अक्तूबर को वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे।
आईसीआरआईईआर (अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए भारतीय परिषद) की वार्षिक अंतरराष्ट्रीय जी20 कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कर व्यवस्था के मुद्दों के लिए दो स्तंभ वाला समाधान एक उन्नत कार्यान्वयन चरण में पहुंचेगा जिसका संचालन भारत को करना होगा।
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, ‘इस समय, हम दो स्तंभ वाले प्रस्ताव की बारीकियों के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पहुंचने के बहुत करीब हैं। हम इस पर पहले ही बातचीत कर चुके हैं और इसके फ्रेमवर्क पर सहमति जता चुके हैं। हम इसके विवरण को अंतिम स्वरूप देने के आखिरी चरण में हैं।’
जानिए इस प्रस्तावित व्यवस्था के बारे में
इस साल जुलाई में कुल 130 देश वैश्विक कर नियमों में सुधार करने पर सहमत हुए थे। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाना है कि एक से अधिक देश की नागरिकता रखने वाले लोग वहीं पर कर चुकाएं (न्यूनतम 15 फीसदी) जहां पर वह काम कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने तब इसे लेकर कहा था कि लाभ आवंटन में हिस्सेदारी और कर नियमों के दायरे सहित कुछ अहम मुद्दों को संबोधित किया जाना बाकी है और प्रस्ताव के तकनीकी विवरण पर काम करने के बाद अक्तूबर तक इस संबंध में एक ‘सर्वसम्मत समझौता’ होने की उम्मीद है।
इस दो स्तंभ वाले प्रस्तावित समाधान में दो घटकों को शामिल किया गया है। इनमें पहला स्तंभ, बाजार के अधिकार क्षेत्र में अतिरिक्त लाभ के हिस्से के दोबारा आवंटन को लेकर है। वहीं, दूसरे स्तंभ में न्यूनतम कर और कर नियमों के विषयों को रखा गया है।
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