नई दिल्ली. देश में ज्यादातर लोग निवेश के लिए बैंकों की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं पर ज्यादा भरोसा करते हैं. इनमें बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FD) स्कीम्स को सबसे ज्याद पसंद किया जाता है. अगर आपको बैंक एफडी से ज्यादा मुनाफा कमाना है तो पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं (Post Office Saving Schemes) में निवेश करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. दरअसल, पोस्ट ऑफिस की करीब-करीब सभी बचत योजनाओं में फिक्स्ड डिपॉजिट्स से ज्यादा ब्याज मिलता है. इनमें भी पोस्ट ऑफिस की तीन बचत योजनाएं इसलिए खास हो जाती हैं क्योंकि इनमें ज्यादा ब्याज के साथ ही आयकर कानून की धारा-80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स डिडक्शन (Income Tax Deduction) का फायदा मिलता है. बैंक 5 साल या उससे ज्यादा के एफडी पर देते हैं 5.5% तक ब्याज टैक्स डिडक्शन का फायदा उपलब्ध कराने वाली पोस्ट ऑफिस की इन तीन बचत योजनाओं में पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) शामिल हैं. बता दें कि बैंकों में 5 साल या इससे ज्यादा समय के फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिकतम 5.5 फीसदी ब्याज मिलता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 5 साल से उससे अधिक के एफडी पर 5.4 फीसदी, एचडीएफसी बैंक (HDFC) 5.5 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) 5.25 फीसदी की दर से ब्याज देते हें. वहीं, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉडिट में निवेश करने पर आपको 6.8 फीसदी ब्याज मिलेगा.
PO टाइम डिपॉजिट में 5 साल के निवेश पर मिलेगा 6.8% ब्याज
कोई भी व्यक्ति बैंकों के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी फिक्स्ड डिपॉजिट करा सकता है. इसे पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट कहा जाता है. हालांकि, बैंकों में आप न्यूनतम 7 दिन से 28 दिन में मैच्योर होने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट से लेकर 10 साल तक के लिए एफडी करा सकते हैं. वहीं, पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट कम से कम 1 साल और ज्यादा से ज्यादा 5 साल के लिए करना होता है. पोस्ट ऑफिस इस पर मिलने वाले ब्याज की दर में हर तीसरे महीने बाद संशोधन करता है. पोस्ट ऑफिस के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दरें 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी हैं. पोस्ट ऑफिस 1, 2 और 3 साल की अवधि वाले टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी ब्याज देता है. वहीं, 5 साल के लिए निवेश करने पर 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.
एनएससी पर मिलता है सालाना 6.8 फीसदी का गारंटीड रिटर्न
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में 5 साल के लिए निवेश करने पर गारंटीड रिटर्न मिलता हैृ. अभी एनएससी पर सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है, जो मैच्योरिटी पूरा होने पर मिलता है. इस पर मिलने वाले रिटर्न की गणना सालाना चक्रवृद्धि ब्याज पर होती है. इससे निवेश करने वालों को मैच्योरिटी पर शानदार रिटर्न मिलता है. इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्सेबल होती है. हालांकि, जब आप ब्याज राशि को दोबारा इसमें निवेश कर देते हैं तो यह टैक्स फ्री हो जाती है. इसमें आप कम से कम 1000 रुपये जमा कर सकते हैं. इस योजना में कोई भी व्यक्ति कई अकाउंट खोल कसता है. यही नहीं, आप इसमें तीन संयुक्त खाते भी खोल सकते हैं.
पीपीएफ में निवेशकों को मिलता है गारंटीड टैक्स-फ्री रिटर्न
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) बैंकों के साथ ही पोस्ट ऑफिस में भी खोला जा सकता है. ये लॉन्ग टर्म डेट इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में से एक है. पीपीएफ में निवेशकों को गारंटीड टैक्स-फ्री रिटर्न मिलता है, जो आपको एनपीएस, म्यूचुअल फंड जैसे दूसरे लॉन्ग टर्म निवेश विकल्पों में नहीं मिलता है. पीपीएफ में हर साल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा-80C के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा मिलता है. पीपीएफ में ब्याज और मैच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है. इसमें पीपीएफ अकाउंट पर लोन की सुविधा भी मिलती है. यह छोटी अवधि का लोन लेने वालों के लिए फायदेमंद है. सेल्फ इम्प्लॉयड प्रोफेशनल और ईपीएफओ के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए पीपीएफ निवेश का सबसे अच्छा विकल्प मामना जाता है. निवेशकों को इसे 15 साल के लिए ओपन करना होता है.
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