“खण्ड शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों को स्मार्ट बनाने सम्बन्धी मांगे प्रस्ताव”
देहरादून, नव नियुक्त जिलाधिकारी ने अब जिले के स्कूलों की दशा भी सुधारने का बीड़ा उठाया है । जिलाधिकारी ने इस बाबत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने को कहा है। बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए पठन-पाठन के साथ खेल गतिविधि भी हैं आवश्यक’’ स्कूलों में विकसित की जाएगी खेल अवस्थापनाएं’’ यह बात जिलाधिकारी सविन बंसल ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए कही। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों स्मार्ट बनाने की दिशा में योजना पर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निर्देेशित किया स्कूलों में प्रत्येक स्कूल में फर्नीचर उपलब्ध कराया जाए कोई भी बच्चा जमीन पर न बैठें यह सुनिश्चित कर लिया जाए। सभी स्कूलों में लगाएं जाएंगे टीवी, सभी कक्षाओं में लगाएं जाएंगे वाइट बोर्ड, छोटे बच्चों के लिए लगेंगे झूले, स्लाइड, कक्षा होंगी स्मार्ट, स्कूलों का किया जाएगा सौन्दर्यीकरण, कक्षाओं में होगी आकर्षक पेंटिंग। ऐसे सभी प्रस्ताव प्रस्तुत करने केमुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूलों के सुधारीकरण कार्यों में धन की कोई कमी नही होने दी जाएगी। उन्होंने प्रत्येक स्कूल में न्यूज़पेपर, मैगज़ीन, शब्दकोश और महापुरुषों की जीवनियाँ अनिवार्य रखे जाने के निर्देश दिए ताकि बच्चे व्यवसायिक शिक्षा के साथ-2 महापुरूषों की जीवनी से परिचित हो सके। जिलाधिकारी ने स्कूलों की कक्षाओं में मूलभूत सुविधा, लाईट, पानी, पेयजल, शौचालय उपलब्ध हों पानी की टंकियों की मरम्मत सफाई एवं सुरक्षा हेतु इंतजाम के साथ ही गुणवत्तायुक्त पोष्टिक भोजन सुनिश्चित करने हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं सम्बन्धित खण्ड एवं उप शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव, पानी की टंकी की मरम्मत एवं सुरक्षा के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों केा दिए।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, उप शिक्षा अधिकारी नगर, खण्ड शिखा अधिकारी विकासनगर, विनिता कठैत, कालसी निशा, सहसपुर कुन्दन सिंह, उप शिक्षा अधिकारी डोईवाला धनवीर सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।
पिछले 21 सालों से फरार 25 हजार का ईनामी गिरफ्तार
यूएसनगर, बीते 21 सालों से लगातार फरार चले रहे 25 हजार के ईनामी एक शातिर को पुलिस ने बिहार बार्डर से गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार बीते 12 मार्च 2003 को विजेंद्र पुत्र रामसुंदर मूल निवासी गांव सेलोर थाना गोधनी जिला सिवान बिहार हाल निवासी चूकटी देवरिया द्वारा थाना किच्छा में तहरीर देकर बताया गया था कि मेरी पुत्री नाबालिक जो 13 वर्ष की है, प्राथमिक विघालय ग्राम चुकटी देवरिया में कक्षा 3 में पढ़ती है और रोज की तरह स्कूल गई थी और शाम को घर वापस नहीं लौटी है । खोजबीन करने पर पता चला कि उसकी पुत्री को सुरेंद्र महतो पुत्र सरल महत्व मूल निवासी थाना महुआ थाना बरमटियागंज जिला बिहार बहला फुसलाकर ले गया है। मामले में पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी गयी। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी सुरेंद्र महतो और उसके छोटे भाई छोटेलाल द्वारा नाबालिग का अपहरण किया तथा इस पर वर्ष 2004 मे आरोपी छोटेलाल को गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा जेल भेजा गया था तथा तभी से आरोपी सुरेंद्र महतो लगातार फरार चल रहा था व पुलिस गिरफ्तारी से बच रहा था। जिसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। वर्ष 2004 से लेकर वर्तमान तक जनपद उधम सिंह नगर से कई बार पुलिस टीम आरोपी की गिरफ्तारी हेतु बिहार व उत्तर प्रदेश भेजी गई थी किंतु बार—बार आरोपी पुलिस गिरफ्तारी से बचकर भागने में सफल हो जा रहा था। हालांकि पुलिस लगातार प्रयास करते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड, छत्तीसगढ़ जहां भी आरोपी के छुपने की संभावना थी वहां जाकर उसको तलाश करने का प्रयास किया और सभी राज्यों की पुलिस को इस बारे में जानकारी दी। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि सुरेंद्र महतो देवरिया जिले में छिपकर रह रहा है ।सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए टीम द्वारा आरोपी को ग्राम चंदौली थाना सुरौली जनपद देवरिया उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि साहब जब मैंने यह अपराध किया था तो उस समय मेरी उम्र 40 साल के लगभग थी। मेरे छोटे भाई के कहने पर मेरे से यह गलती हुई थी। मैं किच्छा में चुटकी देवरिया में ठेकेदारी का काम करता था। तब हम दोनों एक नाबालिक लड़की लेकर बिहार भाग गए थे। उसके बाद में बिहार से झारखंड में जाकर छिप गया था। वहां मैं धान रोपने का काम करता था फिर काफी समय मैं गोरखपुर भी छुप कर रहा और अब मैं देवरिया में दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहा था। इतने साल बीत गए तो मुझे लगा कि पुलिस अब मुझे कभी गिरफ्तार नहीं कर पाएगी।
गंगा नदी में बहे दिल्ली निवासी दो युवक, एसडीआरएफ चला रही सर्च ऑपरेशन
देहरादून, शिवपुरी के पास दो युवक गंगा में नहाते समय नदी के तेज बहाव की चपेट में आकर बह गए। दोनों युवक अपने साथी सचिन( पुत्र राम तीरथ, निवासी मज़दूर कल्याण कैम्प दिल्ली) व राजीव चौधरी (पुत्र सुभाष चंद, निवासी साकेत दिल्ली) तथा महेश (पुत्र डालचंद निवासी शक्ति विहार मीठापुर, दिल्ली ) के साथ रात्रि में क़रीब 2 बजे शिवपुरी आये थे।
आकाश व संदीप सबमिट होटल से आगे नीचे गंगा किनारे नहाने लगे जिसमें दोनों पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गए।
एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की डीप डाइविंग टीम द्वारा जल पुलिस व स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर दोनों की सर्चिंग हेतु ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
डूबने वाले युवक :
-आकाश पुत्र इन्दरपाल (23 वर्ष)
-संदीप पुत्र गणेश (23 वर्ष)
समाज सेवा के पवित्र उद्देश्य के लिए समाज का संगठित होना नितांत आवश्यक : प्रो. नवानी
“पंडित दीनदयाल नवानी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक का हुआ लोकार्पण”
देहरादून, समाज सेवा के पवित्र उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समाज का संगठित होना नितांत आवश्यक है, तभी एक सुसंस्कृत और आदर्श समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। समाज सेवा का कार्य अपरिमित है और इसके लिए सक्षम लोगों को आगे आकर काम करना होगा।
यह बात आईआईटी कानपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र प्रसाद नवानी ने देवभूमि उपासक, समाजसेवी पंडित दीनदयाल नवानी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर कही। यह पुस्तक स्व. दीनदयाल नवानी के पुत्र पूर्व प्रधानाचार्य प्रवेश चंद्र नवानी ने लिखी है और हिमालयी सरोकारों के लिए समर्पित विनसर प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच कोटद्वार तथा विनसर पब्लिशिंग कं. ने समारोह का आयोजन रविवार को आईएसबीटी के निकट स्थित शिक्षांकुर द ग्लोबल स्कूल के सभागार में संयुक्त रूप से किया था।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद नवानी ने स्व. दीनदयाल नवानी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने प्रवासियों को संगठित कर समाज सेवा का अद्भुत कार्य किया, वह हमारे लिए प्रेरणास्रोत है और नवानी भ्रातृत्व सम्मेलन द्वारा समाज सेवा और उत्तराखंड के विकास के लिए यथासंभव कार्य किए जायेंगे और सही मायने में यह स्व. दीनदयाल नवानी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में पूर्व प्रधानाचार्य शिव प्रसाद कुकरेती ने स्व. दीनदयाल नवानी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा क्वेटा तथा स्वतंत्रता के बाद सहारनपुर तथा देश के अन्य भागों में प्रवासी पहाड़ियों को संगठित कर समाज सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था।
सेवानिवृत्ति के बाद बारह साल तक निर्विरोध ग्राम प्रधान रह कर क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया, उससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। ग्रामीण विकास नागरिक मंच के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक प्रवेश चंद्र नवानी ने उनके संगठन द्वारा किए जा रहे लोककल्याण के कार्यों का ब्योरा रखा गया। प्रसार भारती के पूर्व निदेशक चक्रधर कंडवाल ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए विनसर प्रकाशन के संचालक कीर्ति नवानी द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि विनसर प्रकाशन ने उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास, भूगोल, कला साहित्य पर जितना काम किया गया है, वह बेमिसाल है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जयंत नवानी ने नवानी वंश की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे पूर्वज महाकाल की नगरी के मांडू नामक स्थान से गढ़वाल के पहले प्रतापी राजा कनक पाल के साथ आए थे। पहले चांदपुर गढ़ के पास रहने के बाद गढ़वाल के विभिन्न गांवों में बसे। गंवाडी गांव इनमें सबसे प्रमुख है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. कमल नवानी ने समाज को संगठित करने के प्रयास की प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि और शिक्षांकुर स्कूल के संचालक आचार्य सच्चिदानंद जोशी ने इस विशेष आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगसाल “गणी” और डॉ. इंदु भारती नवानी ने संयुक्त रूप से किया। विनसर प्रकाशन के कीर्ति नवानी ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया।इस अवसर पर कार्यक्रम के दूसरे चरण में नवानी भ्रातृत्व सम्मेलन भी संपन्न हुआ।
सम्मेलन में नवानी भ्रातृत्व सम्मेलन के संरक्षक डॉ. राजेंद्र प्रसाद नवानी, डॉ. जयंत नवानी, प्रवेश चंद्र नवानी और उषाधर नवानी बनाए गए जबकि सतीश चंद्र नवानी को अध्यक्ष, डॉ. जे.पी. को उपाध्यक्ष, पंकज नवानी सचिव, अनूप नवानी कोषाध्यक्ष और सोहन नवानी सचिव बनाए गए। समारोह में बड़ी संख्या में मातृ शक्ति तथा गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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