देहरादून (लक्ष्मी प्रसाद बडोनी), अपने गीतों से उत्तराखंड की सियासत में हलचल मचाने वाले गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की निकाय चुनाव में एंट्री से खलबली मच गई है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को नेगी दा राजधानी के नत्थूवाला क्षेत्र में कांग्रेस के मंच पर दिखाई दिए। कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल के स्वागत में यह मंच सजाया गया था। इस दौरान नेगी दा ने अपने जनगीतों की प्रस्तुति देते हुए इशारों-इशारों में बदलाव का संदेश दे दिया।
कार्यक्रम से कुछ समय निकालकर गढ़ रत्न नेगी दा ने से बात की गयी, तो नेगी दा ने राज्य की दशा और दिशा को लेकर पूछे गए सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। साफ कहा कि राज्य की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। वह अपने गीतों में जनता के मन की बात कहते हैं। बकौल नेगी दा, वह किसी भी पार्टी का प्रचार नहीं करते हैं। वह स्वभाव से वामपंथी हैं और सच्चाई उजागर करने में यकीन रखते हैं।
निकाय चुनाव में कांग्रेस के मंच पर प्रस्तुति देने के सवाल पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वह एक कलाकार हैं। कांग्रेस ने उन्हें मंच दिया, तो वह आ गए। कोई और पार्टी उन्हें मंच देती, तो वह वहां भी प्रस्तुति देते। हालांकि उन्होंने सफाई दी कि वह आरएसएस के मंच पर भी जा चुके हैं। ‘नौछमी नरैण’ और ‘कतगा खालू’ गीतों से कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने सफाई दी कि दोनों गीतों में सच्चाई थी। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नेगी दा के चेहरे पर पद्म पुरस्कार न मिलने की पीड़ा साफ दिखाई दी। हालांकि इससे संबंधित सवाल पर उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि यह सवाल सरकारों से पूछा जाना चाहिए।
पोखरियाल ने समुचित विकास का किया वादा :
रायपुर क्षेत्र के नत्थूवाला में आयोजित सभा में कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल ने नगर के समुचित विकास का वादा किया। उन्होंने 20 सूत्री संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि वह उत्कृष्ट शिक्षा, स्वस्थ समाज और हर हाथ को रोजगार देने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
हवा का पता लगाने आए थे भाजपाई :
नत्थूवाला में मंगलवार को आयोजित कांग्रेस की सभा में भारी संख्या में लोग जुटे। यह भीड़ मेयर प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल के समर्थन में आई थी, या लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को सुनने। यह तो 25 जनवरी को मतगणना के बाद ही पता चलेगा। लेकिन, भीड़ में कई लोग भाजपा से जुड़े भी थे, जो ‘हवा’ का पता लगाने आए थे। भाजपा की प्रचार गाड़ियां भी लगातार कांग्रेस के सभास्थल के पास से गुजर रही थी।
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