कीव(यूक्रेन), रूस की तरफ से यूक्रेन पर दबाव बढ़ाने के लिए लगातार बमबारी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन में कल्सटर बम और वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया जा रहा है। युद्ध के छठे दिन रूस ने यूक्रेन के खिलाफ प्रतिबंधित थर्मोबैरिक हथियार का इस्तेमाल किया है। ये दावा यूक्रेन के अमेरिका में राजदूत की तरफ से किया गया है। ओखतिर्का के मेयर ने कहा कि रूस ने सोमवार को वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया जो कि जेनेवा कंवेंशन के तहत प्रतिबंधित है।
तबाही का दूसरा नाम है वैक्यूम बम
साल 2007 में इस बम को बनाया गया था। इसमें बारूद का इस्तेमाल नहीं होता है। इसमें उच्च दाब वाले विस्फोट भरे होते हैं। ये बम वातावरण से ऑक्सीजन सोख लेता है। इससे अल्ट्रासोनिक शॉकवेब निकलती है। ये बम 300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है। ये बम 44 टीएनटी की ताकत वाला धमाका कर सकता है। जिनेवा एक्ट के तहत इस बम पर पाबंदी लगाई गई है, इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसे फॉदर ऑफ ऑल बम भी कहा जाता है।
रूस की ऊपर वेस्टर्न मिलिट्री एक्सपर्ट ने गंभीर आरोप लगाए हैं। खारकीव में रूस ने कल्सटर बम का इस्तेमाल किया है। बता दें कि कल्सटर बम के इस्तेमाल पर रोक लगी है। कल्सटर बम के बारे में कहा जाता है कि ये आसमान से ही फटता है और इसमें अलग-अलग स्टैटर्स होते हैं।
ऑपरेशन गंगा में शामिल होगी वायुसेना, यूक्रेन से फंसे भारतीय नागरिकों को निकालेंगे C-17 विमान
नई दिल्ली, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के काम में तेजी के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा में वायु सेना के परिवहन विमानों को शामिल करने का निर्देश दिया है। उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल यूक्रेन में मानवीय सहायता सामग्री ले जाने के लिए भी किया जाएगा। ये विमान भारत से राहत सामग्री लेकर जाएंगे और लौटते समय वहां से भारतीय छात्रों को वापस लेकर आएंगे। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय लिया है कि छात्रों को वापस लाने के काम में तेजी लाने के लिए वायु सेना का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके लिए वायु सेना के विमानों का ऑपरेशन गंगा में इस्तेमाल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि वायु सेना इसके लिए अपने विशाल मालवाहक विमानों सी-17 का मंगलवार से ही इस्तेमाल करेगी। इन विमानों को ऑपरेशन करना में शामिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इनमें एक साथ बड़ी संख्या में छात्रों को वापस लाया जा सकता है। इसे यह कार्य कम समय में पूरा हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन से लगते पड़ोसी देशों में भेजने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य सड़क मार्ग से यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंचने वाले छात्रों को आसान और सुरक्षित तरीके से स्वदेश लाना है।
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