नैनीताल, हाईकोर्ट में राज्य में समय पर निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मंगलवार को सुनवाई में शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया पेश हुए। उन्होंने हाईकोर्ट को आश्वसत किया कि छह माह में राज्य में नगर निकायों के चुनाव करा लिए जाएंगे।
याचिका में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सचिव के बयान रिकॉर्ड करने के बाद दोनों याचिकाओं को लंबित रखते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि नियत की है। मंगलवार को शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया कोर्ट में पेश हुए। राज्य सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि सरकार ने निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आरक्षण तय करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन भी किया है।
मामले के अनुसार जसपुर निवासी मो. अनीश व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि नगर पालिकाओं व नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो गया है लेकिन कार्यकाल समाप्त हुए एक माह बीत गया है फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया बल्कि निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। प्रशासक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जबकि निकायों के चुनाव कराने के लिए सरकार को याद दिलाने के लिए पूर्व से ही एक जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन है।
जनहित याचिका में कहा है कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वे निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करें। प्रसाशक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। यहां इसके विपरीत है निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कर्यक्रम घोषित नहीं हुआ।
लोकसभा व विधान सभा के चुनाव निर्धारित तय समय में होते है लेकिन निकायों के तय समय मे क्यों नहीं होते हैं। नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाना था जो अभी तक नहीं हुआ है।
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