Tuesday, December 24, 2024
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सिमटती जा रही है असहमति की जगह : कॉमरेड बच्चीराम कौंसवाल स्मृति व्याख्यान में वक्ताओं ने संवैधानिक मूल्यों की दिलाई याद

“जनपक्षीय पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट सम्मानित”

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि असमति की आवाज को न सिर्फ जगह मिले, बल्कि पूरा सम्मान भी मिले। लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है। असहमति की जगह सिमटती जा रही है और ऐसी आवाजों को कुचलने के प्रयास किये जा रहे हैैं। इससे लोकतंत्र के सामने संकट पैदा हो गया है। कॉ. बच्चीराम कौंसवाल स्मृति सम्मान एवं व्याख्यान कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह बात कही।
जन संवाद समिति उत्तराखंड की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान एवं व्याख्यान समारोह में जनपक्षीय पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट को स्मृति चिन्ह, शॉल और 11 हजार रुपये नकद देकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान स्व. बच्चीराम कौंसवाल के धर्मपत्नी श्रीमती जगदेश्वरी कौंसवाल, वरिष्ठ कवि व लेखक सोमवारी लाल उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत और सीपीएम नेता कॉ. सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने प्रदान किया।
इस मौके पर ‘मौजूदा परिपेक्ष्य में कॉ. बच्चीराम कौंसवाल की प्रासंगिकता’ विषय पर एक व्याख्यान का भी आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने कॉ. कौंसवाल को जन संघर्षों का पुरोधा, निष्पक्ष पत्रकार और योग्य शिक्षक बताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब आम लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है, समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया जा रहा है और घृणा का वातावरण तैयार किया जा रहा है, ऐसे में कॉ. कौंसवाल के विचार हमें एक राह दिखाते हैं। वरिष्ठ कवि, लेखक और पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल ने कहा कि कॉ. कौंसवाल की पुण्यतिथि पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने पहला पुरस्कार त्रिलोचन भट्ट को दिये जाने को एक सकारात्मक पहल बताया।
सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि कॉ. बच्चीराम कौंसवाल जानते थे कि मौजूदा दौर में हमें साम्प्रदायिक ताकतों के साथ लड़ने के लिए सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मोर्चे की भी जरूर है। इसीलिए उन्होंने जन संवाद समिति का गठन किया। सीपीएम के नेता शिव प्रसाद देवली ने पत्रकारिता के मौजूदा दौर को निराशाजनक बताया और कहा कि आज पत्रकारिता का अर्थ सत्ता का स्तुतिगान हो गया है, यह बेहद खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है, वह लोकतंत्र को जानबूझकर खतरे में डालने जैसा है। त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि मीडिया कर्मियों पर मालिकान की ओर से कई तरह के दबाव होते हैं, फिर भी जनपक्षीय सोच रखने वाले पत्रकारों को किसी न किसी रूप में जनता के पक्ष में खड़ा जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान आज हमारे सभी अधिकारों को छीनना चाहता है। हम क्या खाएं, क्या पीएं, कौन सा रंग धारण करें और किसकी जय बोलें, सत्ता चाहती है कि यह भी उसकी मर्जी से हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार रोजगार और भू-कानून जैसे मुद्दों पर बुरी तरह से घिरी हुई है। लोग इन सवालों को न उठाएं, इसलिए लगातार साम्प्रदायिक मुद्दों का हवा दी जा रही है। पुरोला से लेकर मजार जेहाद, यूसीसी और बनभूलपुरा तक की घटनाओं को उन्होंने शर्मनाक ओर संवैधानिक मूल्यों के विपरीत बताया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कॉ. कौंसवाल के जन संघर्षों और समाज के लिए उनके समर्पण को याद किया।
जन संवाद समिति के सचिव सतीश धौलाखंडी ने कहा कि यह सम्मान हर दो साल में दिया जाएगा। अगली बार से पत्रकारिता के अलावा साहित्य, जनसंघर्ष और रंगमंच के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एक-एक व्यक्ति को भी सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन कमलेश खंतवाल ने किया।
इस मौके पर गीता गैरोला, निर्मला बिष्ट, विजय गौड़, डॉ. जितेन्द्र भारती, प्रमोद कौंसवाल, हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार, राकेश अग्रवाल, जगमोहन मेहंदीरत्ता, अखिलेश उनियाल, इंद्रेश नौटियाल, स्वाति नेगी, संजय कोठियाल, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, लेखराज, एनएस पंवार, विनोद खंडूरी, मदन मोहन कौंसवाल, नमन कौंसवाल, अर्जुन रावत, जबर सिंह पावेल, प्रो. राजेश पाल, नन्दलाल शर्मा, हरिओम पाली, किशन गुनियाल, मामचंद, राजेश सकलानी, राकेश पंत, अरिजेन्द्र सिंह, नवनीत गोसाईं, पंकज कौंसवाल, शोभा कौंसवाल, संजीव घिल्डियाल, गजेन्द्र बहुगुणा सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया।

 

प्रगति समीक्षा को लेकर बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष गैरोला ने ली बैठक

देहरादून, बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला की अध्यक्षता में सभी विभाग अध्यक्षों के साथ बैठक संपन्न हुई जिसमें बीस सूत्री कार्यक्रमों को विकासखंड स्तर तक अनुश्रवण कर विकासखंडों को रैंकिंग किए जाने की प्राथमिकता महसूस की गई।
बैठक में उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला ने अवगत कराया कि विकासखंड स्तरीय फ्रेमवर्क में ध्वजवाहक सतत् विकास व आकांक्षी विकास खंडों के की Key performance Indicators जोड़े गए हैं कुल 110 संकेत को चिन्हित किया गया है।
एनआईसी राज्य इकाई के सहयोग से विकसित 20 सूत्रीय कार्यक्रम के नवनिर्मित वेब एप्लीकेशन का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें अब सीधे मासिक प्रगति रिपोर्ट जनपद के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी प्रविष्टि करेंगे तथा प्रत्येक संकेतक के डाटा प्रमाणीकरण का कार्य विभाग अध्यक्ष स्तर पर किया जाएगा इस हेतु सभी जनपद के अधिकारियों व राज्य मुख्यालय के लिए पृथक पृथक आई डी एवं पासवर्ड निर्धारित किए जाएंगे। डैशबोर्ड के माध्यम से जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी 20 सूत्रीय कार्यक्रम की डाटा एंट्री वह वैलिडेशन की प्रगति की मॉनिटरिंग कर पाएंगे।

साथ ही उपाध्यक्ष गैरोला ने दिसंबर माह की प्रगति समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री आवास नगरी एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सभी जनपदों को न्यूनतम प्रगति अर्थात डी श्रेणी होने पर चिंता व्यक्त की एवं अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। जे. सी. चंदोला शोध अधिकारी 20 सूत्री कार्यक्रम द्वारा अवगत कराया की पूर्व महा की प्रगति के आधार पर 33 संकेतकों/ योजनाओं की सूचियां भी अब ऑनलाइन फीड की जाएगी जिसमें जिला विकासखंड व पंचायत स्तर के फिल्टर लगाए गए हैं।

संयुक्त निदेशक टी. एस. अन्ना द्वारा अवगत कराया की 20 सूत्री फ्रेम में 11 योजनाओं को रैंकिंग में शासन के निर्देश अनुसार जोड़ा जाना है जिसे प्राप्त डाटा का उपयोग सतत् विकास लक्ष्यों के सूचकांक बनाए जाने में किया जाएगा।

कार्यक्रम में अर्थ सांख्यिकी निदेशक सुशील कुमार सीपीपीजीजी के विशेषज्ञ शैलेंद्र सिंह सहित अर्थ एवं संख्या के समस्त संयुक्त निदेशक उपनिदेशक वह 20 सूत्री कार्यक्रम के अधिकारी कर्मचारी सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रतिभा किया गया।

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