Saturday, September 21, 2024
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जीवन के यथार्थ को चित्रित करती हैं, ‘ढाई कमरे‘ में संग्रहित लघु कथाएं

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से संस्थान के सभागार में सुपरिचित साहित्यकार और शिक्षाविद डॉ. विद्या सिंह के सद्य प्रकाशित लघु कथा संग्रह ढाई कमरे का लोकार्पण किया गया और बाद में उस पर सार्थक चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधारानी पाण्डे ने की।
मंचासीन अतिथि के रूप विख्यात नवगीतकार श्री असीम शुक्ल, पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सविता मोहन मौजूद रहे। जबकि अतिथि वक्ताओं के तौर पर विचारक व राजकीय महाविद्यालय सुद्धोवाला के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र नाथ तिवारी, साहित्यकार और डीएवी कालेज के प्रोफेसर राजेश पाल तथा कवि चन्द्र नाथ मिश्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में लघु कथा संग्रह ढाई कमरे पर सार्थक विमर्श किया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार शिव मोहन सिंह ने किया।
उल्लेखनीय है कि ढाई कमरे कथा संग्रह में डॉ. विद्या सिंह के 100 से अधिक छोटी-छोटी लघु कथाओं का उम्दा संकलन किया गया है। मूल रूप से यह लघु कहानियां समाज में विद्यमान अंधविश्वास, कुरीतियों कुप्रथाओं के साथ ही विषमता, शोषण, क्रूरता, अमानवीयता पर कड़ा प्रहार करती हुई दिखायी देती हैं। यह सभी लघु कथाएं एक तरह से समकालीन समाज के विविध परिवेश और पारिवारिक स्थितियों को साफ तौर पर रेखांकित करती हैं।
कार्यक्रम की कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुधारानी पाण्डे ने कथाकार को बधाई देते हुए कहा कि डॉ विद्या सिंह के लघु कथा संग्रह ढाई कमरे की कहानियां लघु कथा विधा की श्रेष्ठतम रचनाएं हैं। आकार में लघु होने के बाद भी ये कथाएं अपने समकालीन पाठकों के बहुत नजदीक हैं। डॉ विद्या सिंह की सभी कथाएं समकालीन समाज के विभिन्न चित्रों विशेष रूप से नारी जगत की वर्तमान स्थिति को रेखांकित करती सशक्त कहानियां हैं। सरल सहज भाषा और प्रवाह के साथ जीवन के भोगे हुए यथार्थ की सशक्त कहानियां हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल ने कहा कि मूल्यों के समकक्ष मनः चेतना को रखते हैं तो बरबस ही अभिव्यक्ति की आवश्यकता अनुभव होने लगती है और लघुता पूर्वक विराट मूल्य की प्रतिष्ठा की स्थिति का परिवेश बन जाता है, जैसा कि विद्या जी की अनेक लघुकथाओं से परिलक्षित हो रहा है। इसके अतिरिक्त मैं यह आवश्यकता और अनुभव करता हूं कि लघुकथा के माध्यम से मूल्य की प्रतिष्ठा और विस्तार का दायित्व लेखक से अधिक पाठक का हो जाता है।
शिक्षविद डॉ. सविता मोहन ने अपने विचार में कहा कि लेखिका की कथात्मक निष्ठा प्रशंसनीय है। दरअसल लघुकथाएं जीवन के समय, मन की व्यथा व प्रसन्नता के प्रभाव को सूक्ष्म रूप में व्यक्त करती हैं। सशक्त कथातत्व के साथ कम शब्दों में मन पर पड़े प्रभाव को कह देना सशक्त कथाकार ही कर सकता है। ढाई कमरे पुस्तक को पढ़कर यह स्पष्ट है कि डॉ विद्या सिंह एक श्रेष्ठ शब्द शिल्पी हैं। उनके ढाई कमरे की सभी कथाएं स्त्री मन की अलग-अलग तस्वीरें प्रदर्शित करती हैं।
अतिथि वक्ताओं में डॉ. धीरेन्द्र नाथ तिवारी ने ‘ढाई कमरे‘ लघुकथा संग्रह को मध्यवर्गीय जीवन के नाना प्रसंगों को एक आधुनिक नज़रिए से देखने की कोशिश बताया और कहा कि यह कथाएँ, पढ़े लिखे समाज में स्त्रियों और दलितों के प्रति संकीर्ण दृष्टिकोण कोे भी सामने लाती हैं ।
वहीं कवि चन्द्रनाथ मिश्रा ने इन लघु कथाओं को मानव जीवन की उष्मा से ओतप्रोत बताया। कहा कि विभिन्न पात्रों के माध्यम से मानव जीवन की विभिन्न समस्याओं और संवेदनाओं को व्यक्त करती यह लघु कथाए दिलचस्प और पठनीय हैं।
साहित्यकार राजेश पाल ने कहा कि ढाई कमरे की लघु कथाएं संस्मरणात्मक शैली में लिखी गई है जो पाठकों में संवेदनाएं एवं जिज्ञासाये जगाती है। इनमें तार्किकता पर भावनात्मक आदर्शवाद ज्यादा प्रबल दिखाई देता है। ये लघु कथाएं रोजमर्रा के जीवन से अनचिन्हे विषय और संदर्भ उठाती है अत अपनी पठनीयता एवं रोचकता बनाए रखने में सफल है। कुल मिलाकर ये लघु कथाएं सामाजिक विसंगतियों और मानवीय संबंधों के अंतर्द्वंद की परतें खोलती है।
कथा संग्रह की लेखिका विद्या सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के कई दशक बीत जाने पर भी हमारा समाज अंधविश्वासों, कुरीतियों और कुप्रथाओं से ग्रस्त है। साहित्य सदैव इन समस्याओं को अपने लेखन में उजागर करता रहा है। लघु कलेवर और प्रभावात्मकता की वजह से लघुकथाएं मुझे सदैव आकृष्ट करती रहीं, अतः सामाजिक विसंगतियों के प्रति अपना प्रतिरोध दर्ज़ करने के लिए मैंने इस विधा का चयन किया।कार्यक्रम में डॉ. मनोज पंजानी सहित कुछ अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया।
इस अवसर पर डॉली डबराल, सुरेंद्र सिंह सजवाण, कृष्णा खुराना, डॉ.सत्यानन्द बडोनी, मनमोहन चड्ढा, कुसुम भट्ट, गुरुदीप खुर्राना,डी.एन.भटकोटी, प्रवीन भट्ट, भारती पांडे, कल्पना बहुगुणा, रमाकांत बेंजवाल, सुंदर सिंह बिष्ट, वीरेन्द्र डंगवाल, बीना बेंजवाल, दयानन्द अरोड़ा सहित शहर के अनेक साहित्यकार,लेखक, साहित्य प्रेमी, रंगकर्मी,,पत्रकार, सहित दून पुस्तकालय के युवा पाठक सहित अन्य प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

 

परिवहन कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हुई तो होगा प्रदेशव्यापी आन्दोलन

देहरादून (दीपिका गौड़), प्रवर्तन कर्मचारी संगठन परिवहन विभाग उत्तराखण्ड़ एवं उत्तराखण्ड परिवहन मिनिस्ट्रीरिलय कर्मचारी संघ के आह्वान पर परिवहन विभाग के कर्मचारियों का आन्दोलन आज गुरुवार को जारी रहा।
मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों के कार्यबहिष्कार आन्दोलन के कारण जहां एक ओर प्रदेश के समस्त कार्यालयों में आमजनता का काई भी वाहन एवं लाईसेंस सम्बन्धी कार्य सम्पन्न नहीं हुआ वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन कार्मिकों के कार्य बहिष्कार पर होने के कारण प्रदेश का परिवहन सम्बन्धी प्रवर्तन कार्य पूर्णरूप से ठप्प रहा।
सम्भागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय देहरादून में संचालित आज के कार्य बहिष्कार कार्यक्रम में प्रदेश के अधिकांश बड़े कर्मचारी संगठनों के जिलास्तरीय कार्यकारणी द्वारा आन्दोलन को न केवल समर्थन प्रदान किया गया अपितु यह भी आह्वान किया गया कि यदि शीघ्र ही परिवहन कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होती है तो प्रदेश के समस्त कर्मचारी संगठन परिवहन कर्मचारियों के समर्थन में प्रदेश व्यापी आन्दोलन को बाध्य होंगे ।
सम्भागीय परिवहन कार्यालय, देहरादून में परिवहन विभाग द्वारा निलम्बित कर्मचारियों की बहाली हेतु क्रमबद्ध आन्दोलन / कार्य बहिष्कार के पाचवें दिन पूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुए प्रवर्तन कर्मचारी संगठन एवं मिनिस्ट्रिीयल कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा विभाग के उच्चाधिकारियों को अतिशीघ्र निलम्बन वापसी कर कर्मचारियों की बहाली हेतु मांग की गई, आन्दोलन में प्रवर्तन कर्मचारी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज एवं मिनीस्ट्रीयल संघ के प्रदेश महामंत्री बिनोद चमोली द्वारा कार्मिकों द्वारा चलाए जा रहे आन्दोलन की एकता एवं अनुशासन को सराहते हुए यह मांग की गई कि कार्मिकों की बहाली होने तक पूर्ण कार्यबहिष्कार को जारी रखा जाएगा।
मिनिस्ट्रीयल संघ के जिलाध्यक्ष बृज मोहन द्वारा शासन की उदासीनता पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए सभी कार्मिको से एकजुट रहते हुए आन्दोलन को गति प्रदान किये जाने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम स्थल पर आन्दोलन को समर्थन प्रदान करने हेतु उपस्थित विभिन्न बड़े संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा शासन-प्रशासन की हठधर्मिता एवं निर्दोष कार्मिकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की निन्दा करते हुए आन्दोलन को तन-मन-धन से पूर्ण समर्थन एवं आवश्यकता होने पर प्रदेशव्यापी पूर्ण कार्यबहिष्कार की चेतावनी दी गई।

इन्होंने दिया समर्थन :

गुरुवार के कार्यबहिष्कार कार्यक्रम को समर्थन देने वालों में लोक निर्माण विभाग (चीफ) के विकम सिंह रावत, लोक निर्माण विभाग (खण्डीय) के केदार फर्खाण, कलैक्ट्रेट संघ के देहरादून शाखाध्यक्ष एवं पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ, देहरादून के अध्यक्ष आशीष जोशी, कलैक्ट्रेट संघ के देहरादून शाखा संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डे, सचिव उत्तराखण्ड मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संगठन, देहरादून / महामंत्री राजस्व महासंघ के अनुज कुमार प्रजापति, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिनिस्ट्रियल फैडरेशन के प्रदीप सैनी, कलैक्ट्रेट के संयुक्त सचिव, सचिन सिंह, एनसीसी मिनिस्ट्रियल संघ के प्रान्तीय महामंत्री सुखबीर रावत, मिनिस्ट्रियल फैडरेशन जिला शाखा के संगठन सचिव रंजन, एनसीसी निदेशालय के सुकेश अवस्थी एवं जिला सचिव पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ की श्रीमती उर्मिला द्विवेदी के साथ ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

यह रहे उपस्थित :

कार्य बहिष्कार कार्यक्रम में प्रवर्तन संघ के श्री आनन्द रतूड़ी, प्रकाश सेमवाल, कपिल प्रसाद, दीपक नौटियाल, आदर्श, विनोद रावत, जितेन्द्र, आनन्द असवाल, नरेश नेगी, बारूमल, शंकर पुण्डीर, भवान तोमर, लक्ष्मी थापा शूरवीर एवं मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के यशवीर सिंह बिष्ट, भुवनेश गुसोई, अमित गुप्ता, श्रीमती प्रीति, श्रीमती सुरेखा सपालोक एवं कु० निकिता गुसाई व अन्य समस्त कार्मिक सम्मिलित रहे। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री देवेन्द्र सिंह रावत एवं संचालन श्री मनोज सिंह भण्डारी द्वारा किया गया।

 

 

फ्रैंक एंथोनी अखिल भारतीय अंतर वि़द्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता 12 अगस्त को

देहरादून (के. एस. बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल फ्रैंक एंथोनी अखिल भारतीय अंतर वि़द्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 द्वितीय श्रेणी का आयोजन 12 अगस्त को किया जायेगा। इस दौरान देशभर के ग्यारह प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्र छात्रायें प्रतिभाग करेंगें।
यहां जानकारी देते हुए द हैरिटेज स्कूल की प्रधानाचार्य डॉक्टर अंजू त्यागी ने बताया द हैरिटेज स्कूल फ्रैंक एंथोनी अखिल भारतीय अंतर वि़द्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 द्वितीय श्रेणी के साथ ही दसवीं कक्षा और उससे नीचे की कक्षाओं के लिए चरण द्वितीय का आयोजन 12 अगस्त को किया जायेगा। इस दौरान काउंसिल स्तर पर आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता के आयोजन के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को तराशने के लिए यह मंच प्रदान करने पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता की मेजबानी मिलने से स्कूल परिवार अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता का निर्णय शहर के प्रतिष्ठित शिक्षकों के एक पैनल द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वाद विवाद प्रतियोगिता में लॉ मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज लखनऊ, सेंट स्टीफन्स स्कूल चंडीगढ़, सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल कानपुर, सेंट कबीर स्कूल हिसार, सेंट पॉल स्कूल राजकोट, सेंट जोजफ्स कॉन्वेंट स्कूल जालंधर, स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल गुरू ग्राम, अतुल वि़द्यालय जिला वलसाड गुजरात, द श्रीराम मिलेनियम स्कूल नोएडा और होली हार्ट प्रेसीडेंसी स्कूल अमृतसर प्रतिभाग कर रहे है।

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