-ऐतिहासिक नगर परिक्रमा में दूनवासियों ने गुरु की संगत का किया जोरदार स्वागत
-श्री गुरु महाराज जी की प्यारी संगतों के साथ नगर परिक्रमा में शामिल हुए दूनवासी
-25,000 (पच्चीस हज़ार) संगतें शामिल हुई नगर परिक्रमा में
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), श्री दरबार साहिब, देहरादून के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में सोमवार को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकली।
फूल बरसांदी जांवा राह तेरे फुल बरसांदी जांवा……., किवें करां, किवें करा तेरी सेवा मालका किवें करां…..जे बाबा मैं खुद ही आंवा, जे बाबा मैं खुद ही आंवा मैं किस्मद दा माडा मालका किवें करां… जैसे गुरु भक्ति के भजनों से नगर परिक्रमां में संगत रमी रही। जहां-जहां से नगर परिक्रमा निकली दूनवासियों ने तहेदिल से संगतों का स्वागत किया। नगर परिक्रमा के दौरान रास्ते भर दूनवासी श्री गुरु राम राय जी महाराज व श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के जयकारे लगाते रहे। श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस (श्री झण्डे जी आरोहण के तीसरे दिन) के तीसरे दिन आयोजित होने वाली एतिहासिक नगर परिक्रमा का स्वागत करने के लिए दूनवासी साल भर इंतजार करते हैं। नगर परिक्रमा के रूट पर हर जगह संगत का ज़ोरदार स्वागत किया गया। भजन कीर्तन के बीच श्रद्धालुओं को श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने आशीर्वाद दिया। दूनवासियों ने ऐतहासिक नगर परिक्रमा के रूट पर जगह जगह लंगर व खान-पान की समुचित व्यवस्था सहित आकर्षक स्वागत व्यवस्था की।
श्री दरबार साहिब परिसर से सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर ऐतिहासिक नगर परिक्रमा शुरू हुई। नगर परिक्रमा कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंची। यहां संगत को चने, मुरमुरे व गुड़ का प्रसाद वितरित किया गया। यहां से नगर परिक्रमा तिलक रोड, टैगोर विला, घण्टाघर पर पहुंची। नगर परिक्रमा के घण्टाघर पहुंचने पर कुछ समय के लिए मानो सबकुछ थम सा गया। ढोल की थाप पर दूनवासियों ने पूरे स्नेहपूर्वक बाहें फैलाकर गुरु संगत का पुष्पवर्षा के साथ जोरदार स्वागत किया।
संगत श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाती व दून के श्रद्धालु उन पर फूलों की बारिश कर देते। इस नज़ारे का साक्षी बनने के लिए हजारों की तादाद में श्ऱद्धालु घण्टाघर व आसपास के क्षेत्र में डटे रहे।
घण्टाघर से पल्टन बाजार होते हुए नगर परिक्रमा लक्खीबाग पुलिस चैकी के सामने से होते हुए रीठा मण्डी में प्रवेश किया, यहां से नगर परिक्रमा में शामिल संगतें व दूनवासी श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बाॅम्बे बाग पहुंचे, यहां पर संगतों को गन्ने का प्रसाद बांटा गया। नगर परिक्रमा में 25 हजार से अधिक संगत शामिल रहीं। इसके बाद नगर परिक्रमा की संगत समाधि स्थल श्रीमहंत साहिबान पर माथा टेकेने क लिए पहुंची। दोपहर 11ः45 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर सम्पन्न हुई। स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा नगर परिक्रमा के सम्पूर्ण रूट के दौरान शहर भर में भव्य स्वागत, लंगर व जलपान की व्यवस्था की गई। नगर परिक्रमा के दौरान शहर के कई गणमान्य व्यक्तियों, विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के विधायकों, पदाधिकारियों ने पुष्पवर्षा कर संगत का स्वागत किया। श्री दरबार साहिब में अपराह्न 5 बजे मसंदों व संगत की विदाई हुई। शाम 6 बजे खुशी का प्रसाद वितरित किया गया।
अतिथि देवो भवा के भाव से विभोर हुई संगतें : श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज
श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि ऐतिहासिक नगर परिक्रमा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से संगतें देहरादून पहुंचती हैं। दूनवासियों ने अतिथि देवो भवः के भाव को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चरितार्थ किया इसके लिए संगतों ने दूनवासियों का विशेष आभार जताया है। हर साल दूनवासियों की ओर से संगत का जिस स्नेह व अपनेपन के साथ स्वागत किया जाता है उस प्रेम को पाने के लिए संगत हर साल भारी संख्या में दून पहुंचती है। उन्होंने श्री झण्डे जी मेले के सफल आयोजन व गुरु संगत को दिए गए स्नेह व सम्मान के प्रति समस्त दूनवासियों का हार्दिक आभार जताया। श्री महाराज जी ने मेले के सफल आयोजन में सहयोग के लिए पुलिस, प्रशासन, मीडियाकर्मियों, नगर निगम प्रशासन सहित सभी नगर वासियों का आभार व्यक्त किया, उन्हें धन्यवाद दिया। उन्हांने अपने संदेश में कहा कि श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद व कृपा आप सभी पर बनी रहे।
अन्य राज्यों से आई अधिकांश संगतें वापिस लौटीं :
दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज में खुशी का प्रसाद वितरित होने के बाद सोमवार को अन्य राज्यों से आई अधिकांश संगतें अपने ग्रह जनपदों के लिए लौट गईं।
गुरु के रंग में रंगी रहीं संगत
लाई-लाई-लाई-लाई-लाई बाबे ने फुलां दी बरखा लाई………….,आज दी घड़ी बाबा जी रोज़-रोज़ आवे…………., मेला खुशियां दां आंदा है हर साल मेला खुशियां दा…………. फुल बरसांदी जांवा राह तेरे फुल बरसांदी जांवा, फड लै मेरियां बांवा दातया फुल बरसांदी जांवा…………., हर इक दी ओ सुणदां, ऐसे दाता मेहर लगाई, जिन्नी करई ओनी थोडी मेरे साहिब दी बढ़याई ऐ-मेरे साहिब दी वढेआई ए …………., फुल बरसे फुल बरसे सारे राह बाबा जी तेरे फुल बरसे……. जैसे भजनों पर संगतों ने जमकर नृत्य किया।
नगर परिक्रमा के दौरान पूरी हर्ष-उल्लास व उमंग के साथ संगत गुरु के रंग में रंगी दिखी। इस दौरान संगतों में भारी उत्साह देखा गया। ढोल की थाप पर संगतों ने नृत्य किया व श्री गुरु महाराज के सिमरन में भेंटें गाई।
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