देहरादून, बजट सत्र में केंद्र तथा राज्य सरकारों के लाखों पेंशनर्स की पेंशन से कम्यूटेड राशि की वसूली की अवधि 15 से घटाकर 10.8 साल किए जाने की उत्तराखण्ड़ पेंशनर समन्वय समिति ने मांग की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे गये ज्ञापन में उत्तराखंड पेंशनर समन्वय समिति के सदस्य सुशील त्यागी ने बताया है कि सेवानिवृत होने पर पेंशनर्स की मासिक पेंशन की कम्यूटेड राशि एकमुश्त प्राप्त होने पर पेंशनर्स अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां का निर्वाह करते हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकारों के नियमानुसार इस राशि की पूरी वसूली 12% ब्याज के साथ 15 वर्षों तक लगातार की जाती है। क्योकि ब्याज दरें वर्तमान में 8% तक कम हो गई है तो कम्यूटेड पेंशन की पूरी वसूली घटी ब्याज दरो के आधार पर 10.8 साल में हो रही है।जबकी पैंशन से किश्तों में वसूली लगातार जारी है और पैशनरस का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पंजाब तथा हरियाणा राज्यो में उच्च न्यायालय के स्थगनादेश के क्रम में भी वसूली की अवधि 10.8 साल निर्धारित करते हुए अतिरिक्त वसूली पर रोक लगा दी गई है। इससे पेंशनर्स को आर्थिक शोषण से आजादी मिली है।
त्यागी ने कहा है कि बजट सत्र में इस विषय पर नीतिगत निर्णय लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के पेंशनर्स को राहत दिलाई जानी औचित्यपूर्ण है।त्यागी के अनुसार कुछ राज्य सरकारों ने पहले ही वसूली की अवधि को 15 साल से घटा दिया है। इसलिए पूरे देश में एक ही समान नीति लागू होना जरूरी है अन्यथा पेंशनर्स को उच्च न्यायालयो की शरण लेने को बाध्य होना पड़ेगा।
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