Monday, November 25, 2024
HomeStatesUttarakhandसद्भावना से ही राष्ट्र मजबूत होगा - सतपाल जी महाराज

सद्भावना से ही राष्ट्र मजबूत होगा – सतपाल जी महाराज

हरिद्वार,(कुलभूषण ) । ऋषिकुल मैदान में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सद्भावना सम्मेलन के दूसरे दिन भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए उत्तराखंड सरकार में कैबिनेटमंत्री व सुविख्यात समाजसेवी श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि हरिद्वार हरि का द्वार है, गंगा का द्वार है, गंगा स्वर्ग की धारा थी।भगीरथ ने कर्म किया और स्वर्ग की धारा को धरती पर उतार दिया। ऐसे ही हम भी कर्म करेंगे तो स्वर्ग को धरती पर उतार सकते हैं। उन्होनें कहा कि गंगा किसी से भेदभाव नहीं करती, सबकी प्यास बुझाती है, गंगा सदभावना का संदेश देती है, देश में सदभावना फैलेगी तो देश मजबूत होगा। देश को मजबूत बनाने के लिए हमें सद्भावना फैलानी है।
श्री महाराज जी ने कहा कि वैशाखी पर्व पर हम अध्यात्म को समझें, विवेकानंद जी जब स्वामी रामकृष्ण परमहंस के पास गए और उनसे पूछा कि क्या आपने परमात्मा को देखा? तो स्वामी रामकृष्ण परमहंस कहते हैं, जैसे में तुम्हें देख रहा हूँ ऐसे ही मैंने परमात्मा को देखा है, उतनी स्पष्टता से मैंने उसका अनुभव किया है और मैं तुम्हें भी अनुभव करा सकता हूँ। महाराज श्री ने कहा कि महापुरुष यही कहते हैं कि मैं अनुभव करा सकता हूँ, उस अनुभव के लिए हम तत्वदर्शी महापुरुष के पास जाते हैं, उनकी सेवा द्वारा प्रसन्न करके आत्मज्ञान की दीक्षा लेकर अपना कल्याण करते हैं।
श्री महाराज जी ने उपस्थित सभी भक्त समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हे भारतवासियों! हम सब मिलकर चलेंगे तो अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और अपने देश को विश्वगुरु बनाएंगे, यह सब एकता और सद्भावना से ही संभव है। मराठी में मन एक मध्यस्थ पुस्तक और तेलुगु में सदगुरू महिमा का विमोचन श्री गुरू महाराज जी के कर कमलों द्वारा।
सम्मेलन में श्री विभुजी महाराज जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो भक्त जीवन में संघर्ष करते हुए अपने गुरु महाराज के प्रति अटूट श्रद्धा रखता है, ऐसे भक्त पर परमात्मा की सदैव कृपा बनी रहती है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री महाराज जी, पूज्य माता श्री अमृता जी व अन्य गणमान्य विद्वानों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। बालकलाकारों द्वारा तेलगु भाषा में प्रेरणादायक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
मंच संचालन महात्मा श्री हरिसंतोषानंद जी ने किया।

आश्रम के प्रांगण में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय रक्तदान शिविर के दूसरे दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री माता श्री अमृता जी, श्री महाराज जी की पुत्रवधू आराध्या जी, मोहिना जी ने रक्तदान शिविर का निरीक्षण कर रक्तदान दाताओं का उत्साह बढ़ाया और अपने-अपने क्षेत्र में इस पुनीत और निस्वार्थ कार्य को अन्य लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा दी। कैम्प में दूसरे दिन ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों की टीम, ब्लड सेंटर जौलीग्रांट और जिला अस्पताल रुड़की के सौजन्य से यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। दो दिन के इस शिविर में लगभग 600 यूनिट ब्लड एकत्र किया गया। शिविर में समिति के सेक्रेटरी आनंदी प्रसाद, रामणिक भाई(सेक्रेटरी, श्री प्रेमनगर आश्रम), प्रबंधक पवन भाई, महात्मा कमलेशानन्द, बसंत जिंदल, ललित कुमार, नवीन सिंघल, रामफल गर्ग आदित्य उपस्थित रहेl

 

सन्यास जीवन से पूर्व स्वामी अखंडानंद गिरी डाॅ. गुलशन कुमार के नाम से कालेज में दी थी अपनी सेवाएं

हरिद्वार,(कुलभूषण ) गणेश वाटिका श्री वाटिका श्याम पुर कांगड़ी में आज ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद जी महाराज के षोडशी समष्टि भंडारे एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे अंशुल कुमार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चादर विधि से उपस्थित सन्तों के द्वारा संपन्न की गई । इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य 1008 श्री प्रबोधानंद जी महाराज ने कहा समाज को कल्याण का मार्ग दिखाने वाले तपस्वी संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज ।
इस अवसर पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा अपने सत्संग रूपी गंगा के बहाव से परम पूज्य ब्रह्मलीन अखंडानंद जी महाराज भक्तों को पाप मुक्ति तथा जगत को सत्य का बोध कराने वाले एक महान संत थे। इस अवसर पर अपने भाव अर्पित करते हुए स्वामी राघवानंद जी महाराज ने कहा महाराज जी अपने विचारों की उर्जा से मनुष्य को आत्ममंथन का सुखद अनुभव कराने वाले एक तपस्वी संत थे। स्वामी अरुण दास जी महाराज ने कहा समाज में रहते हुए आत्म चिंतन में सदैव खोए रहने वाले परम विभूति थे परम पूज्य अखंडानंद जी महाराज।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन कर रहे श्री महंत शुभम गिरी जी महाराज ने कहा समय-समय पर सभी का मार्गदर्शन कर सत्य का मार्ग दिखाने वाले एक ज्ञानमूर्ति संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज। एसएम जे एन पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डाॅ सुनील कुमार बत्रा ने अपने भावों को व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी अखन्डानन्द गिरी जी एक मधुर भाषी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी , ज्ञान का प्रवाह संचित करने वाली एक महान विभूति थे । सन्यास जीवन से पूर्व स्वामी अखंडानंद गिरी जी डाॅ गुलशन कुमार के नाम से कालेज के पूर्व प्राचार्य के रुप में भी अपनी सेवाएं दी थी आप इतिहास एवं राजनीति विज्ञान के मूर्धन्य विद्वान रहे डाॅ बत्रा ने अखिल भारतीय सनातन परिषद्, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्, गुरु चरणानुरागी समिति, एस एम जे एन पीजी कालेज के प्रतिनिधि के रुप में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
इससे पूर्व श्री महंत रविन्द्र पुरी अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्, अध्यक्ष, अखिल भारतीय सनातन परिषद्, सचिव, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की ओर से अपना संदेश प्रेषित किया ।
इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए साध्वी मुक्ता मां ने कहा आत्मचिंतन आत्मज्योति की ओर ले जाने वाले दुर्लभ ज्ञानमूर्ति संत थे स्वामी अखंडानंद जी महाराज। ब्रह्मलीन स्वामी परमानंद जी महाराज अखंडानंद जी महाराज ने समाज को सत्य का पथ दिखाया समाज का मार्गदर्शन कर उन्हें कल्याण का मार्ग दिखाया महंत कमलेशा नंद जी महाराज ने कहा ज्ञान के माध्यम से सभी का मार्गदर्शन करने वाले एक विद्वान संत थे स्वामी जी । इस अवसर पर महामंडलेश्वर प्रमोदानंद जी महाराज महामंडलेश्वर संजय गिरी जी महाराज स्वामी राघवानंद, सतपाल बह्मचारी, देवेंद्र दास तोमर,महंत शुभम गिरी जी महंत कमलेशानंद स्वामी घनश्याम गिरि स्वामी उमेश मुनि, साध्वी मुक्ता साध्वी आनंदी मां , डाॅ सुनील कुमार बत्रा, उज्ज्वल बत्रा, लव दत्ता मनोजानंद वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज श्री श्याम गिरी जी महाराज, स्वामी सतीश वन राष्ट्रीय सचिव प्रचार अखिल भारतीय सनातन परिषद् , दिनेश चंद शर्मा प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सनातन परिषद् , दिगम्बर रधुवन, यदुवंश , विनोद गिरी अनुज गिरी , दिगंबर आशुतोष पुरी सहित भारी संख्या में संत व भक्तजन उपस्थित रहे

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments