डीएम ने शिल्पकार की तरह बुनी नगर निगम की नई सफाई व्यवस्था।
चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढते रहे डीएम, जिस पर हाथ डालने से बचते रहे जिम्मेदार, डीएम ने बदल डाली वर्षों पुरानी व्यवस्था।
तमाम दबाव व सिफारिश दरकिनार कर डीएम ने निष्क्रिय सफाई कम्पनी को बाहर कर लिया सख्त निर्णय।
डीएम ने अपने हाईस्टैक प्रोजेक्ट मैनेजमंेंट अनुभव का किया पूर्णतः इस्तेमॉल, 3माह की कवायद के बाद जनमानस से किये गए कमिटमेंट को किया पूरा।
तमाम रूकावटों के बाद भी धीरे-धीरे व्यवस्था बनाने में जुटे रहे डीएम, आखिरकार नगर निगम को मिल ही गई नई सफाई कम्पनी।
नगर निगम के अपने प्रशासक कार्यकाल के अन्तिम दिवस तक भी पूर्ण मनोबल के साथ शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने में जुटे रहे डीएम।
आखिरकार नई फर्म को लाने में सफल हुए डीएम, फर्म को बड़े शहरों में है गार्बेज कलैक्शन का अच्छा अनुभव।
सफाई कार्यों हेतु भाड़े के वाहन का झंझट खत्म, कम्पनी के पास है, टिफिंग वाहन की मैन्यूफैक्चरिंग।
प्रदर्शन सुधारने हेतु दिए गए समय, भारी अर्थदण्ड की कार्यवाही के उपरान्त भी व्यवस्था पटरी पर नही ला पाई पुरानी कम्पनी,
देहरादून , नगर निगम को जल्द ही शहर में सफाई व्यवस्थाओं हेतु नई फर्म मिलने जा रही है। नगर निगम के प्रशासक पदभार ग्रहण करते ही जिलाधिकारी सविन बसंल निरंतर नगर निगम के सफाई कार्यों/व्यवस्थाओं की अपने स्तर पर निरंतर मॉनिटिरिंग कर रहे हैं। सफाई कम्पनियों को प्रदर्शन सुधारने हेतु दिए गए समय के उपरान्त भी कम्पनियां अपने प्रदर्शन में सुधार नही ला पा रही थी, ना ही अनुबन्ध में वर्णित तथ्यों के आधार पर व्यवस्था बना पा रही थी, जिस पर जिलाधिकारी/प्रशासक ने नगर निगम के 47 वार्डों की डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन हेतु नई टैण्डरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
डीएम सविन बंसल ने शिल्पकार की तरह नगर निगम की नई सफाई व्यवस्था को बदलने आई चुनौतियों को स्वीकार करते डीएम धीरे आगे बढते रहे। यह एक ऐसा परिवर्तन है जिस पर जिम्मेदार हाथ डालने से बचते रहे वहीं डीएम ने वर्षों पुरानी व्यवस्था को बदल कर नजीर पेश की है। इस कार्य में तमाम दबाव व सिफारिश को डीएम ने दरकिनार करते हुए निष्क्रिय सफाई कम्पनी को बाहर कर सख्त निर्णय लिया। डीएम ने अपने हाईस्टैक प्रोजेक्ट मैनेजमंेंट अनुभव का पूर्णतः इस्तेमॉल करते हुए 3माह की कवायद के बाद जनमानस से किये गए कमिटमेंट को पूरा कर दिया है। तमाम रूकावटों के बाद भी धीरे-धीरे व्यवस्था बनाते हुए आखिरकार डीएम ने नगर निगम को सफाई व्यवस्था हेतु नई सफाई कम्पनी दिला दी है। डीएम नगर निगम के अपने प्रशासक कार्यकाल के अन्तिम दिवस तक भी पूर्ण मनोबल के साथ शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने में जुटे रहे, जिसका परिणाम यह हुआ कि आखिरकार नई फर्म जिसे बड़े यूपी, राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन कर रही है में है तथा गार्बेज कलैक्शन का अच्छा अनुभव, फर्म के पास अपने वाहन है तथा कम्पनी के पास टिफिंग वाहन की मैन्यूफैक्चरिंग है, जबकि पुरानी फर्म भाड़े के वाहनों का प्रयोग करती थी जिससे आय दिन डोर टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में दिक्कतें आ रही थी।
शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने हेतु डीएम की 03 माह की कवायद आखिरकार पूरी हो गई है, नगर निगम को एक अनुभवी कम्पनी मिल गई है, जिसे कूड़ा बड़े शहरों में कूड़ा कलेक्शन का अनुभव है साथ ही कम्पनी के पास अपने वाहन हैं। यह कम्पनी वर्तमान में यूपी, राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं का प्रबंधन कर रही है, जिसका एकल यूएलबी से कचरे का उच्चतम दैनिक संग्रह 1540 टीपीडी है और अन्य प्रमुख परियोजनाएं औसतन 250 टीपीडी है। तीसरे वित्तीय वर्ष में औसत टर्नओवर लगभग 150 करोड़ है। सभी प्रकार की अपशिष्ट प्रबंधन मशीनों, वाहनों और उपकरणों का घरेलू निर्माण तथा कम्पनी के पास ऐसे 3 प्लांट है। मोबाइल आधारित रियलटाइम यूसीसी संग्रह तंत्र के साथ ही परिवारों की केवाईसी के लिए इन हाउस आधारित ऐप। आईएसओ प्रमाणित कुशल शिकायत निगरानी तंत्र, रीयलटाइम एआई आधारित कर्मचारी उपस्थिति निगरानी प्रणाली मौजूद है।
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