राजधानी दून के पलटन बाजार प्रेम नगर के मुख्य बाजार में खासतौर से होने लगी रौनक
देहरादून उत्तराखंड राज्य की राजधानी जून में दीपावली और धनतेरस को लेकर मुख्य बाजारों में रौनक होने लगी है चाहे वह कपड़ों के खरीदारी हो बर्तनों एवं साज सज्जा के सामान की खरीदारी ही क्यों ना हो सभी सामानों को लेकर बाजारों में खरीदार करने वाले जमकर खरीदारी कर रहे हैं इन दोनों मुख्य रूप से दो मेलो का भी आयोजन कार्यक्रम चल रहे हैं जिम विरासत महोत्सव मेला तथा सरस मेला भिन्न-भिन्न स्थान पर आयोजित किया जा रहा है दोनों मेलों में भी जमकर खरीदारी हो रही है I आकर्षक सजा सज्जा के सामान की खरीदारी खासतौर से हो रही है मुख्य रूप से बच्चे महिलाएं और नौजवानों द्वारा पूर्ण उत्साह और आनंद लिया जा रहा है I राजधानी के माने जाने वाले मुख्य बाजार पलटन बाजार, घंटाघर, राजपुर रोड, धामावाला बाजार में खास रौनक यूं तो प्रतिदिन बनी रहती है, लेकिन इन दोनों दीपावली और धनतेरस को देखते हुए इस रौनक में प्रतिदिन रौनक में चार चांद लग रहे हैं I इसके अलावा इन दोनों घरों को पेंट पुताई से सुसज्जित भी किया जा रहा है I नए-नए सामान को घरों में लाकर भी रौनक खुशहाली बढ़ाई जा रही है I
“पर्यावरण गतिविधि” द्वारा पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन
देहरादून, पर्यावरण गतिविधि, महानगर उत्तर भाग द्वारा एक पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन ब्लूमिंग बडस पब्लिक स्कूल में किया गया।
गतिविधि के महानगर (उत्तर) भाग के संयोजक डॉ भवतोष शर्मा ने गोष्ठी में सभी का स्वागत करते हुए गोष्ठी के आयोजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने “हरित घर” विषय पर विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि हरित घर संकल्पना के अंतर्गत घर में पौधारोपण, जल का संरक्षण, ऊर्जा का संरक्षण, सोलर ऊर्जा का प्रयोग, घर के जैविक कचरे से खाद बनाकर घर में ही उसके प्रयोग, प्लास्टिक पॉलिथीन कचरे को कम करना तथा ईको ब्रिक तैयार करना, घर की छत पर पक्षियों को दाना, पानी आदि कार्यों के होने पर कोई भी घर हरित घर की श्रेणी में माना जाता है।
उन्होंने कहा कि हरित घर संकल्पना पर्यावरण के संरक्षण के साथ ही मानव स्वास्थ्य की भी रक्षा करती है और सकारात्मकता प्रदान करती है।
गतिविधि के प्रांत सह संयोजक चंदन बिष्ट ने उत्तराखंड में चल रहे गतिविधि के कार्यों पर विस्तार से बताया एवं 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ हेतु “हर घर कुम्भ, घर घर कुम्भ, हरित कुम्भ हेतु” रूप रेखा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने में सभी की भागीदारी से हम आगे बढ़ेंगे तो सुखद परिणाम प्राप्त होंगे।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (UPES) देहरादून के लॉ विभाग के प्रोफेसर (डॉ) मोहित गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर एवं वैश्विक स्तर पर विभिन्न नियम बनाये गये हैं । उन्होंने “एनवायरनमेंटल लॉ” पर विस्तार से बताया ।
दून पी जी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक डॉ रूप किशोर शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण आधारित कृषि पर बताया।
महानगर पेड़ प्रमुख राजेश शर्मा ने पूरे कार्यक्रम का समन्वयन करते हुए औषधीय पौधों के रोपण एवं उपयोग पर बताया।
इस अवसर पर पर्यावरण कार्यकर्ता मुकेश उपाध्याय ने कहा कि धार्मिक संस्थानों की भी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य वसंत उपाध्याय ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरणीय कार्य को जन जन तक पहुंचाने के साथ ही उनके द्वारा भी किए गए कार्य अन्य विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हैं। सजीव विनोदिया ने कहा कि समाज के सभी संगठन मिलकर कार्य करेंगे तो पर्यावरण संरक्षण कार्य में सकारात्मक परिणाम आयेंगे। कार्यक्रम में पर्यावरण प्रहरी प्रियांशु ने कहा कि युवाओं की भूमिका पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में बहुत महत्वपूर्ण है।
गोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ भवतोष शर्मा ने कहा कि समाज में पर्यावरण संरक्षण कार्यों हेतु सभी का सहयोग लेना है और सभी को सहयोग देना है। इस विचार के साथ पर्यावरण गतिविधि के कार्यों को गति देना है।
कार्यक्रम में किशन नगर क्षेत्र के 30 से अधिक पर्यावरण प्रहरी, मातृ शक्ति उपस्थित रहीं।
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