देहरादून, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ इंटेलेक्चुअल (एआईसीओआई) की ओर से शुक्रवार को देर रात यहां रिंग रोड स्थित महाराजा क्लब में आयोजित काव्यांजलि और बज़्मे-सुख़न में कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर की गई। इसके बाद काव्य पाठ शुरू हुआ। प्रसिद्ध कवि उपायुक्त, राज्य कर उत्तराखंड कुमार विजय ‘द्रोणी’ ने अपनी ग़ज़ल ‘मैं दिल में अपने इक गांव लिए फिरता हूं। शहरों के सागर में टूटी नाव लिए फिरता हूं। ‘ से तालियां बटोरी। प्रसिद्ध कवयित्री अरूणा वशिष्ठ ने अपनी कविता ‘गांव से पलायन कर रहे हैं आज गांव रो रहा है, मुझे आवाजें आई रोने की सिसकने की, मैंने पास जाकर पूछा तुम क्यों रो रहे हो उसने कहा तुम मुझे अकेला क्यों छोड़ रहे हो’ से उत्तराखंड में हो रहे पलायन का दर्द बयां किया, जिसे काफी सराहा गया।
प्रसिद्ध शायर अफ़ज़ल मंगलौरी ने देशभक्ति से ओतप्रोत ग़ज़ल ‘मेहनत से और तरक्की से हिंदुस्तान को, सोने की चिड़िया फिर से बनाने का वक्त है’ से महफ़िल लूट ली। पत्रकार एवं शायर दर्द गढ़वाली ने अपने दो शेरों ‘क्या-क्या चीजें रख रक्खी थी बक्से में। बंद पड़ी थी यादें सारी बक्से में। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ कहता था। चलता था जो लेकर आरी बक्से में’ से श्रोताओं की दाद बटोरी। पत्रकार एवं शायर परमवीर कौशिक ने अपने क़लाम ‘मुस्लिम की हूं इज्जत यारो हिंदू का सम्मान हूं मैं, मेरे अंदर झांककर देखो गीता हूं कुरआन हूं मैं’ से राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए प्रसिद्ध शायरा मोनिका मंतशा ने अपने दो शेर ‘इसी तरह से फ़क़त मुझमें जान बाक़ी है, किसी फ़क़ीर में जैसे जहान बाक़ी है। तिरे बग़ैर यूँ वीरान हो गई हूँ मैं, चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है।’ सुनाकर महफ़िल को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। प्रसिद्ध शायर अस्लम खतौलवी ने अहमदाबाद विमान हादसे को अपने शेर में ‘ये बात सच है मुक़द्दर से ज़िद नहीं करते, हवाएं काट रही हैं उड़ान लौट चलें’ बयां कर तालियां बटोरी। गीतकार भूपेंद्र बसेड़ा ने अपनी कविता ‘कलियुग ने कैसे दिन और दिखाने हैं’ से समाज में निरंतर हो रहे पतन को व्यक्त कर श्रोताओं को सोचने को मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध कवयित्री रश्मि चौधरी ने देशभक्ति रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। इससे पहले, मुख्य अतिथि रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी देहरादून के वाइस चांसलर डॉ. हिमांशु एरन, अति विशिष्ट अतिथि जस्टिस राजेश टंडन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व एमएलसी सैयद फ़रीद ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर प्रमोद भारती, इंजीनियर एसए अंसारी, दीपक अरोड़ा, सरस्वती रावत आदि मौजूद थे।
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