मुंबई,। सडक़ सुरक्षा और बाजार में घटिया सुरक्षात्मक उपकरणों की बाढ़ से जुड़ी चिंताओं के बाद केंद्र सरकार ने जिला अधिकारियों को गैर-आईएसआई प्रमाणित हेलमेट के निर्माताओं और विक्रेताओं पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार ने अब तक 162 हेलमेट विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। अधिकारियों ने भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों के उल्लंघन को लक्षित करते हुए 27 छापे मारे हैं।
सभी हेलमेट के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा, हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों। यह पहल बाजार से असुरक्षित हेलमेट हटाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह कार्रवाई सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जून, 2021 में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने के बाद की गई है, जिसमें मानक आईएस 4151:2015 के तहत सभी हेलमेट के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य कर दिया गया है।
बिना प्रमाणिकता वाले हेलमेट बेचने वालों पर नकेल
अधिकारियों ने खास तौर पर सडक़ किनारे बिना प्रमाणिकता वाले हेलमेट बेचने वाले विक्रेताओं को निशाना बनाया है। उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप या वेबसाइट के माध्यम से विनिर्माता की साख को सत्यापित कर सकते हैं। जिला अधिकारियों को उल्लंघन की पहचान करने के लिए पुलिस और बीआईएस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अभियान को मौजूदा सडक़ सुरक्षा पहलों के साथ एकीकृत किया जाएगा।
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