Monday, May 5, 2025
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सरकार नहीं दिला पायी भंडारागार निगम कार्मिकों को सातवां वेतनमान : मोर्चा

देहरादून (विकासनगर), जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं उत्तराखंड राज्य भंडारागार निगम के संरक्षक रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भंडारागार निगम के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किए जाने के मामले में लगभग चार साल से पत्रावली शासन में धूल फांक रही है, लेकिन बेशर्म सरकार उपलब्धियां मना रही है | मंत्री/ मुख्यमंत्री इस मामले में सब नाकाम हो चुके हैं | उक्त मामले में पत्रावली कई बार सहकारिता विभाग से उद्यम विभाग को प्रत्यावित की गई, जिसमें उद्यम विभाग ने लगभग छह- सात बार आपत्तियों पर आपत्तियां लगाकर पत्रावली को ठंडा बस्ती में डाल दिया था, लेकिन फिर कुछ पूजा- अर्चना करने के उपरांत आपत्तियां निस्तारित हुई | बावजूद इसके आज तक पत्रावली सहकारिता विभाग में धूल फांक रही है| यह आलम तब है जब निगम फायदे (लाभ) में चल रहा है| उद्यम विभाग पूछता है कि निगम घाटे में है या लाभ में ! अगर यही सवाल विधायकों के वेतन- भत्ते, सुख सुविधायें बढ़ाने में किया जाए तो सरकार तब यह सब नहीं देखती | सवाल यह उठता है कि जब हर काम के लिए मा. न्यायालय की ही शरण लेनी है तो फिर इस इतने बड़े
बड़े लश्कर, मंत्री-मुख्यमंत्री, सचिवालय, जिस पर प्रतिवर्ष करोड़ों- अरबों रुपए खर्च हो रहा है ,की जरूरत ही क्या है! सरकार व उसके मंत्री बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति बहुत ही विष्फोटक है |
आज प्रदेश में हर काम की कीमत तय कर दी गई है, जिसके चलते माफियाओं- अधिकारियों के गठजोड़ की ऐश हो रही है | सरकार कह रही है कि हमने आठवें वेतनमान हेतु कमर कस ली है ,लेकिन यहां तो अभी सातवां वेतनमान ही नहीं दिया गया | ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता बचता है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन ही लगा दिया जाए । पत्रकार वार्ता में प्रवीण शर्मा पिन्नी व अतुल हांडा मौजूद थे ।

 

दून पुस्तकालय में डॉ.सुवर्ण रावत ने बच्चों को सिखाये रंगमंच के गुर

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के बाल अनुभाग ने बच्चों में रंगमंच कि प्रारम्भिक जानकारी देने के उद्देश्य से एक दिवसीय बाल रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में दिल्ली के प्रसिद्ध राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के थिएटर शिक्षा प्राप्त डॉ. सुवर्ण रावत ने बच्चों में रंगमंच की आधारभूत व प्रारम्भिक जानकारी प्रदान की. एक दिन की यह कार्यशाला बेहद महत्वपूर्ण रही, डॉ. सुवर्ण के व्यापक अनुभव से बाल प्रतिभागियों ने रंगमंच की कई बारीकियां सीखी. कुल मिलाकर यह कार्यशाला गतिशीलता और आकर्षकता से भरपूर रही. ध्वनि प्रक्षेपण, अभिव्यंजना, शारीरिक गतिविधियों, लयबद्ध संगीत, और विविध अभिनय तकनीकों जैसी रंगमंचीय गतिविधियों को बेहद सरल व सहज रूप से बताया ।
इस आनंददायक सत्र में देहरादून शहर के विविध स्कूलों के 76 से अधिक बच्चों की उत्साहपूर्वक भागीदारी रही. इसमें बच्चों के माता-पिता, अभिभावक और शिक्षक भी शामिल रहे.
डॉ. सुवर्ण रावत ने कहा कि इस दृष्टिकोण का उद्देश्य बच्चों के विकास के लिए एक समग्र ढांचा तैयार करना है. कार्यशाला आयोजित करने के पीछे यह सुनिश्चित करना था कि संगीत, माइम, अभिनय के माध्यम से बच्चों में रंगमंच व कला के प्रति उनके प्रदर्शन को कई स्तरों पर विकसित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र पिछले 7- 8 महीनों से इस तरह की प्रभावशाली गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के रचनात्मक, सामाजिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लगातार सक्रिय है. बच्चों की मौलिकता,अभिव्यक्ति व सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देकर, दून पुस्तकालय बच्चों को यहाँ एक स्वतंत्र और खुला वातावरण प्रदान कर रहा है।
कार्यक्रम में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी, बाल अनुभाग की प्रभारी, मेघा ऐन विल्सन, जन कवि डॉ. अतुल शर्मा, पुतुल कलाकार रामलाल भट्ट, रंगकर्मी बद्रीश छाबड़ा, सुन्दर सिंह बिष्ट,देवेंद्र कांडपाल, प्रखर, मोनिका सहित कई अभिभावक, लेखक व अन्य लोग उपस्थित थे।

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