Sunday, November 10, 2024
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विकेश के खुलासों से शासन, प्रशासन असहज हुआ, इसलिए उन्हें अपमानित कर किया गया जिला बदर : आरटीआई क्लब

सूचना का अधिकार का प्रयोगकर भ्रष्टाचार को उजागर करना अपराध नही : डा. बीपी मैंठाणी

देहरादून, उत्तराखंड़ पुलिस द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी को जिला बदर कर दण्डित करने को लेकर आरटीआई क्लब उत्तराखंड़ ने स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की | पत्रकारों से रूबरू होते हुये क्लब के अध्यक्ष डा. बीपी मैंठाणी ने कहा कि हमारी अधिवक्ता विकेश नेगी से दूरभाष पर बात हुई है। उनका कहना है कि उन पर जितने भी आरोप है वे न्यायलायों में झूठे साबित हुए है और क्यों कि उन्होंने प्रदेश में उच्च स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को आरटीआई कानून के माध्यम से उजागर किया है इसलिए उन्हें प्रशासन द्वारा दण्डित किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम उनके दोष मुक्त होने का दावा नही करते है, क्योंकि हमारा उनसे कोई पूर्व परिचय नही है। वे आरटीआई क्लब के सदस्य भी नही है। परन्तु हाल के घटनाक्रम के आलोक में उनका कथन सत्य प्रतीत होता है। उन्होने हाल ही में प्रतिष्ठित सैन्य धाम के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। कुछ समय पहले उन्होने देहरादून नगर निगम के महापौर और पार्षदों के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि हम यह मानने के लिए बाध्य हुए है कि विकेश सिंह नेगी को उनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग कर प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए उत्पीड़ित किया गया है। यदि वे एक असमाजिक व्यक्ति है, जिनके विरूद्ध कई मुकदमें दर्ज है तो उनका जिला बदर पहले भी हो सकता था। हम यह मानते है कि उनके हाल के खुलासों से शासन, प्रशासन असहज हुआ है, इसलिए उन्हें अपमानित करते हुए ढ़ोल नगाड़े के साथ जिला बदर किया गया है। वह कदाचित सही नही हुआ है |
मैंठाणी ने कहा कि सूचना का अधिकार का प्रयोगकर भ्रष्टाचार को उजागर करना अपराध नही है, बल्कि यह इस कानून का मुख्य उद्देश्य है और विकेश नेगी ने एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभाई है जिसके लिए उनकी प्रशांसा होनी चाहिए थी।वहीं सरकार के इस कदम से सामान्य नागरिकों में सरकार की कार्यप्रणाली पर संदेह होगा और आरटीआई एक्टिविस्ट का मनोबल गिरेगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरटीआई क्लब की उपाध्यक्ष एडवोकेट सुश्री रीता सूरी ने कहा कि हम यह देख रहे है कि सरकार ने इन हाइप्रोफाइल घोटालों पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है और न ही इनके विरूद्व जाँच बैठायें जाने की सूचना मीडिया में प्रकाशित हुई है। इस संबन्ध में एक अगस्त को एक पत्र भी जिलाधिकारी को प्रेषित किया गया जिसमें विकेश सिंह नेगी को जिला बदर करने के आदेश पर पुनः विचार कर उसे निरस्त कर उनका उत्पीड़न बन्द करने की भी मांग की गयी, आरटीआई क्लब का मानना है कि यदि विकेश नेगी के विरूद्ध कोई अपराधिक प्रकरण गतिमान है तो उन्हें सामान्य विधिक तरीकों से भी निस्तारित किया जा सकता है |
पत्रकार वार्ता में सुरेन्द्र सिंह थापा, यज्ञ भूषण शर्मा, अजय नारायण शर्मा आदि के आरटीआई क्लब से जुड़े सदस्य भी मौजूद रहे |

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