Monday, December 30, 2024
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नियमितीकरण की मांग को लेकर महासंघ का सचिवालय कूच, सीएम को प्रेषित किया ज्ञापन

देहरादून (दीपिका गौड़), राज्य निगम कर्मचारी, अधिकारी महासंघ ने नियमितीकरण की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया। जहां पर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्य निगम कर्मचारी, अधिकारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए जहां से उन्होंने सचिवालय के लिए कूच किया। वह जैसे ही अभिषेक टावर के पास पहुंचे तो पुलिस ने बैरकेडिंग लगाकर उनको रोक दिया। जिसके बाद वह वहीं पर धरने पर बैठ गये। जिसके बाद मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि सुरेन्द्र कुमार ने वहां पहुंचकर उनसे ज्ञापन लिया।
ज्ञापन में उन्होंने कहा कि राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ उत्तराखण्ड सार्वजनिक निगमों/निकायों/उपक्रमों के कार्मिकों को जनवरी 2024 से मंहगाई भत्ते का झुनझुना दिखायां। महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गौसाई द्वारा कहा गया है आज पूरे प्रदेश में दैनिक/संविदा/विशेष श्रेणी/आउट सोर्स नासूर बन चुकी , बेरोजगारौ की सामाजिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सार्वजनिक निगमों /निकायों/उपक्रमों में हजारों पद रिक्त हैं जिनके सापेक्ष दैनिक/संविदा/विशेष श्रेणी/आउटसोर्स के नाम से राज्य गठन के पश्चात लगातार कार्य लिया जा रहा है लेकिन शासन की हीलाहवाली के चलते नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण अनेकों कार्मिक नियमित होने की प्रत्याशा में सेवानिवृत हो गये है। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश पन्त द्वारा कहा गया कि सार्वजनिक निगमों के कार्मिकों के साथ शासन का रवैया सौतेला रहा है। मंहगाई भत्ता हो या सातवें वेतन आयोग के अनुसार मकान किराया भत्ता, हो या शिथिलीकरण का लाभ दिये बात रही हो किसी पर भी निर्णय नहीं किया जा रहा है। आज तक सार्वजनिक निगमों के कार्मिको को विना आन्दोलन के शासन कुछ देने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा गया कि निगमों / निकायों में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने पर कार्मिक ढांचे में चतुर्थ श्रेणी के पदों को मृत घोषित किया गया। लेकिन निगमों/निकायों में फील्ड के महत्वपूर्ण पदों पर बिना मैन पावर के कार्य नहीं हो सकते हैं। जिनमें हजारों की संख्या में दैनिक आउटसोर्स, पी टी सी, पर ठेकेदारो के माध्यम कार्मिक लगातार राज्य बनने के बाद काम कर रहे हैं। इसलिये जिन पदों को कार्मिक ढांचे में मृत घोषित किया गया उनके सापेक्ष कार्य करने वाले हजारों कार्मिकों को न्याय दिलाने के लिये महासंघ को आन्दोलन के लिये बाध्य होना पड रहा है। इस अवसर परं दिनेश गौसाई, श्याम सिंह नेगी, राजेश रमौला, ओ पी भटृ, अनुराग नौटियाल, टी एस बिष्ट , शिशुपाल रावत, मनमौहन चौधरी बी एस रावत, संदीप मल्होत्रा, रमेश बिजौला आदि मौजूद थे।

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