नई दिल्ली, भारत में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चेन्नई में इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस की ओर से गई स्टडी में कहा गया है कि देश में कोविड की की प्रजनन दर यानी ‘आर’ वैल्यू करीब तीन महीने बाद 1 को पार कर गया है।
स्टडी में कहा गया है कि जनवरी के बाद पहली बार आर वैल्यू बढ़कर एक से ज्यादा हुआ है। जिससे कोरोना संक्रमण बढ़ने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
सीताभरा सिन्हा के अनुसार, देश का आर-वैल्यू पिछले कुछ हफ्तों में लगातार बढ़ रहा है। बीते हफ्ते (12-18 अप्रैल के बीच) ये 1.07 रहा है। सिन्हा ने कहा कि पिछली बार आर-वैल्यू 1 से ऊपर 16-22 जनवरी के बीच रहा था, तह ये 1.28 था। उन्होंने कहा है कि आर-वैल्यू में यह वृद्धि केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कारण भी है।
आर वैल्यू का एक से ऊपर जाना क्यों चिंता की बात
‘R वैल्यू’ से मतलब कोरोना वायरस की प्रजनन दर से है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित करता है, उसके ही ‘R वैल्यू’ कहते हैं। यानी कोविड-19 से संक्रमित एक शख्स एक व्यक्ति को संक्रमित करता है तो R वैल्यू 1 होगी और एक संक्रमित व्यक्ति से औसतन 2 लोगों में संक्रमण फैलता है तो वैल्यू दो होगी। इसी तरह 1 से कम का ‘R’ वैल्यू से पता चलता है कि कम से कम एक अकेला रोगी औसतन एक से कम व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। इसलिए डॉक्टर चाहते हैं कि महामारी के समय में ‘R’ वैल्यू 1 से कम हो। ताकी यह सुनिश्चित हो कि वायरस अब बहुत कम फैल रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘R वैल्यू’ का 1 से अधिक होना कोरोना की नई लहर का भी एक संकेत होता है।
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