देहरादून, उत्तराखंड के उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थान डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डीबीएस महाविद्यालय, एमकेपी महाविद्यालय समेत अनेक सरकारी सहयता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को पैसे की कमी का बहाना बना कर राज्य की भाजपा सरकार बंद करना चाहती है।
यह आरोप उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जान बूझ कर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है जिससे उच्च शिक्षा में पिछले दशकों से महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सरकारी सहायता पाने वाले नामी अशासकीय महाविद्यालय बंद हो जाएं और उसके लिए भाजपा सरकार ने वर्ष 2019 से इन महाविद्यालयों में नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे हालत ऐसे हो गए कि डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कुल स्वीकृत 186 पदों में से डीबीएस महाविद्यालय में 15 पद, एमकेपी महाविद्यालय में कुल स्वीकृत 63 पदों में से 49 पद रिक्त चल रहे हैं। एमपीजी महाविद्यालय में 5 पद रिक्त पड़े हैं जबकि एसजीआरआर में अध्यापकों के 13 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि नॉन टीचिंग स्टाफ में भी सभी महाविद्यालयों में आधे से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। धस्माना ने कहा कि हालत ऐसे ही रहे तो आने वाले कुछ वर्षों में अनेक संकायों में अध्यापक ना होने से संकाय ही बंद हो जाएंगे।
धस्माना ने कहा कि डीएवी महाविद्यालय एक जमाने में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तर भारत का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान था जहां से देश के महान नेता स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा उसके माध्यमिक स्कूल से पड़ कर निकले, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चंद, उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी, उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी चमन लाल प्रद्योत समेत अनेक विभूतियां यहां से शिक्षा ग्रहण कर देश के अनेक भागों में अलग अलग क्षेत्रों में सेवा की। धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार इन शिक्षण संस्थाओं को कमजोर कर निजी विश्व विद्यालयों को बढ़ावा दे कर उच्च शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि डीएवी महाविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई तीन वर्ष की जहां पंद्रह हजार रुपए से कम में पूरी हो जाती है वहीं यही कोर्स किसी निजी विश्विद्यालय से कराने में साढ़े चार लाख रुपए से छह लाख रुपए में होता है।
धस्माना ने कहा कि सस्ती उच्च शिक्षा देने वाले इन सरकारी अनुदान से चलने वाले अशासकीय महाविद्यालयों को बंद कर महंगी उच्च शिक्षा देने वाले निजी विश्विद्यालय को सरकार बड़ावा दे रही है। धस्माना ने कहा कि आने वाले चंद महीनों में मोटी रकम ले कर कम से कम दो दर्जन नए विश्विद्यालय खोलने की तैयारी सरकार कर रही है। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा के प्रति इस रवैया के खिलाफ वे शीघ्र प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार को उचित निर्देश देने का आग्रह करेंगे।
धस्माना ने राज्य सरकार के अशासकीय महाविद्यालयों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यहवार पर 15 सूत्री आरोप पत्र भी जारी किया।
यूकेडी ने मांगा राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का समर्थन
देहरादून, मूलनिवास, भूकानून तांडव रैली को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय उपाध्यक्ष तथा राज्य आंदोलनकारी प्रमिला रावत तथा पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य और वरिष्ठ यूकेडी नेता विपिन रावत समर्थन मांगने हेतु राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के कार्यालय में पहुँचे, राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने क्षेत्रीय मुद्दों पर यूकेडी को सहर्ष समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
इस अवसर पर प्रमिला रावत ने सुलोचना ईष्टवाल को राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर पुष्प गुच्छ देकर बधाई भी दी। मंगलवार 15 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस संबंध मे मीटिंग आयोजित की गयी है। इस अवसर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश संगठन सहसचिव राजेंद्र गुसाई भी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर माने जिपंस मर्तोलिया, बिन्दुवार होगी जांच, भूख हड़ताल का निर्णय किया स्थगित
देहरादून, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से मिले आश्वासन के बाद जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने 16 अक्टूबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के फैसले को स्थगित कर दिया है। डॉ रावत ने स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार तथा स्वास्थ्य महानिदेशक डां तारा आर्या की मौजूदगी में सदस्य के द्वारा उठाए गए बिंदुओं को सुना। उन्होंने कहा कि प्रकरण के एक-एक बिन्दू की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विधानसभा के सभा कक्ष में उक्त अधिकारियों के के सम्मुख जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी में व्याप्त अव्यवस्था,अनियमितताओं के मामलों को मंत्री के सम्मुख उठाया।
उन्होंने इन मामलों में तीन वर्षों से मुख्य चिकित्सा अधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा दिए जा रहे सहयोग के बारे में भी बताया l उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच होती तो कुछ अधिकारियों पर इसकी गाज गिरेगी। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा महानिदेशक तथा निदेशक एन.एच.एम. को जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि तय समय सीमा के भीतर इस प्रकरण की जांच हो जानी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी से भी संदर्भ में फोन पर वार्ता की गई स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई पहल से संतुष्ट होकर जिला पंचायत सदस्य ने 16 अक्टूबर से प्रस्तावित अपने भूख हड़ताल के निर्णय को स्थगित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने जो संवेदनशीलता इस मुद्दे को पर दिखाई है, उससे वह गदगद है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिया जाना उनका प्रथम लक्ष्य है। इसके लिए वह कुर्बानी देने को भी तैयार हैं
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