नई दिल्ली। अगर आप पेट्रोल और डीजल की कीमत के 100 रुपये के पार पहुंचने को लेकर टेंशन में हैं, ये खबर आपकी टेंशन और बढ़ा देगी। दरअसल बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च ने इस साल और अगले साल के लिये अपने ब्रेंट क्रूड की कीमतों का अनुमान बढ़ा दिया है। रिसर्च की माने तो अगले साल ब्रेंट क्रूड खुद 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच सकता है, जो कि फिलहाल 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है। यानि तेल कीमतों में राहत की उम्मीद की गुंजाइश अब सरकार के द्वारा लगाये जा रहे टैक्स में कटौती से ही है, लेकिन ये इस बात से तय होगा कि अर्थव्यवस्था कोरोना के संकट से कितनी जल्दी निकलती है और आय के दूसरे स्रोत से सरकारी खजाने को कितनी राहत मिलती है।
100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकता है ब्रेंट
रिसर्च रिपोर्ट की माने तो अगले 18 महीनों के दौरान दुनिया भर में तेल की मांग में बढ़त तेल के उत्पादन में बढ़त की दर को पीछे छोड़ सकती है. इससे इन्वेंटरी में गिरावट आयेगी और कीमतों में बढ़त देखने को मिलेगी।। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कुछ समय के लिये ब्रेंट 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच सकता है। बैंक ने पहले ही ब्रेंट के लिये अपना अनुमान 63 से बढ़ाकर 38 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है। वहीं 2022 में ब्रेंट की औसत कीमत का अनुमान पहले के 60 डॉलर प्रति बैरल से बढ़ाकर 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचा दिया है। हालांकि साल 2023 में कीमतें एक बार फिर घटकर औसतन 65 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती हैं।
मोदी सरकार का इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर
कच्चे तेल की कीमतों में इस तेजी की वजह से ही सरकार ने अपना ध्यान इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगा दिया है। भारत अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश हिस्सा बाहर से खरीदता है, हालांकि इस साल की शुरुआत में सरकार ने तेल उत्पादक देशों से उत्पादन बढ़ा कर कीमतों में कटौती की बात कही थी, लेकिन फिर भी कीमतों में बढ़त जारी रही। भारत में सौर और जल विद्युत की काफी क्षमता है वहीं ईलेक्ट्रिक व्हीकल निवेश और रोजगार का नया साधन बन सकती है। इसलिये सरकार लगातार नई पॉलिसी लाकर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ोतरी करने की कोशिश में है। तेल कीमतों में उछाल के बाद से लोगों की भी रुझान इलेक्ट्रिक व्हीकल पर बढ़ा है। इसके साथ ही सरकार इथेनॉल मिश्रण जैसे विकल्पों पर भी काम कर रही है।
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