Saturday, December 28, 2024
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’एम्स’ की मदद से घर वापस लौटा हिमांशु, 22 दिनों से लापता था 14 वर्ष का नाबालिग

ऋषिकेश, पिता के द्वारा प्रताड़ित किए जाने और रोज-रोज की डांट से क्षुब्ध होकर 14 साल का एक नाबालिग घर छोड़कर 250 किमी दूर भाग आया। इस दरम्यान दृष्टिबाधित इस मासूम के पैर की एड़ी में कील चुभ गई और इलाज के अभाव में जख्म गहरा हो गया। असहनीय दर्द झेल रहे इस बच्चे के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। किसी ने उसे एम्स पहुंचाया तो एम्स के चिकित्सकों व अन्य स्टाफ ने न केवल घर से भागे इस नाबालिग का निःशुल्क इलाज किया अपितु इसके घर सूचना भेजकर उसे माता-पिता के सुपुर्द कराने में विशेष भूमिका भी निभाई। अस्पताल से बच्चे को सकुशल घर लौटते वक्त परिजनों के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी। कहने लगे ’’थैंक्यू एम्स’’।

दिल्ली से हरिद्वार और हरिद्वार से एम्स अस्पताल ऋषिकेश तक के सफर की कहानी में 14 वर्षीय हिमांशु को जीवन की इस छोटी उम्र में पेश आए तमाम झंझावातों ने तोड़ कर रख दिया था। मानसिक वेदना और दिन-प्रतिदिन गहराते पैर के जख्म के कारण हिमांशु अवसादग्रस्त होने के कारण कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं था। बीते माह 28 मई को किसी ने इस नाबालिग को एम्स के गेट तक पहुंचाने में मदद की तो इसके पैर के घाव को देखकर सुरक्षा कर्मियों की मदद से इसे तत्काल एम्स की ट्राॅमा इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। एक आंख जन्म से ही दृष्टिबाधित होने के कारण परेशानी यह थी कि यह बच्चा न तो ढंग से देख पा रहा था और पकड़े जाने के डर से न ही खुलकर बोल पा रहा था। आंखें बता रही थी कि वह अपनों से बिछुड़ गया है और कई दिनों से इधर-उधर भटकते रहने के कारण कुछ स्पष्ट बोलने की स्थिति में नहीं है।

इन हालातों में उसे अज्ञात पेशेंट के रूप में दर्ज कर उचित इलाज के लिए ट्राॅमा इमरजेंसी से पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। साथ ही ट्राॅमा विभाग ने नाबालिग अज्ञात बच्चे के भर्ती होने की सूचना संस्थान के जनसंपर्क कार्यालय तक पहुंचाई। अस्वस्थता के कारण यह बच्चा गुमसुम था और किसी को कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था, जिससे यह पता नहीं चल पा रहा था कि उसका घर कहां है और किन हालातों में वह एम्स तक पहुंचा है। इस पर विभागीय स्टाफ के माध्यम से विभिन्न स्तर से कई बार प्रयास किए गए। बच्चे से कई बार पूछने के बाद जब कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया तो उसके कपड़े खंगाले गए। उसके कपड़ों से बरामद हुई एक पर्ची में एक फोन नम्बर पाया गया। इसी फोन नम्बर के आधार पर बच्चे के घर तक सूचना भेजी जा सकी। चिकित्सकों के अनुसार पैर में कील घुसने और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसके घाव से मवाद बहने की स्थिति आ गई थी।

3 दिन तक अस्पताल में इलाज करने के बाद बीते रोज सूचना मिलने पर जब बच्चे के परिजन एम्स पहुंचे तो बच्चे को परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने इसे लीक से हटकर किया गया एक रचनात्मक कार्य बताया। उन्होंने सेवाभाव से किए गए इस उत्कृष्ट कार्य के लिए संबन्धित स्टाफ की प्रशंसा की।

8 मई से गायब था हिमांशु :
थाना बसंत कुंज, नई दिल्ली के महिपालपुर इलाके से हिमांशु 8 मई से गायब था। आर्थिक तंगी की वजह से परिवार में रोज कलह होती थी। कुछ महीनों से पिता बेरोजगार हैं। कक्षा 7 में पढ़ रही अपनी छोटी बहन को स्कूल से लेने के लिए निकला मगर, हिमांशु जब शाम ढलने तक घर नहीं लौटा तो घरवालों ने इधर-उधर तलाश करने के बाद बसंत कुंज थाने में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उधर, हिमांशु अपने पिता की बार-बार डांट खाने और प्रताड़ित किए जाने से परेशान था। हालांकि उसने हाल ही में हाईस्कूल की परीक्षा दी है और वह प्रथम श्रेणी से पास हुआ है लेकिन परीक्षा परिणाम आने से पहले ही वह बिना बताए घर छोड़ चुका था और दिल्ली के ही एक हलवाई की दुकान पर काम करने लगा। दुकान में काम करते हुए अभी 3-4 दिन ही हुए थे कि उसके दाएं पैर की एड़ी में एक कील घुस गई। कील चुभने से जब हिमांशु काम करने लायक नहीं रहा तो दुकानदार ने बोझ समझकर उसे दिल्ली से हरिद्वार की ट्रेन में बिठा दिया। 14 साल के हिमांशु के लिए हरिद्वार नया शहर था। पैर के दर्द को सहते हुए हिमांशु ने हरिद्वार में भी कुछ दिन एक दुकान पर काम किया। बकौल हिमांशु कुछ दिन तक उसने जख्मी पैर की परवाह नहीं की और काम पर लगा रहा लेकिन जब पैर की एड़ी से मवाद बहने लगा तो दुकानदार ने हिमांशु की स्थिति भांप ली। ऐसे में दुकानदार ने एक टैम्पो वाले को किराया देकर हिमांशु को एम्स के गेट तक छुड़वा दिया। दिल्ली से एम्स ऋषिकेश तक पहुंचने की हिमांशु की इस कहानी का सुखद अंत यह है कि एम्स की मदद से हिमांशु के पिता खष्टी बल्लभ पांडेय को 22 दिन बाद फिर से अपना गुमशुदा बच्चा मिल गया है। घर से बच्चे को लेने के लिए उसके पिता खष्टी बल्लभ पांडेय व रिश्ते के चाचा पूर्ण चंद जोशी एम्स पहुंचे थे। नई दिल्ली के थाना बसंत कुंज में इस मामले की विवेचना कर रहे जांच अधिकारी उप निरीक्षक कुलदीप सिंह ने फोन द्वारा संपर्क साधकर एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने के लिए संस्थान द्वारा की गई मदद की सराहना की।

 

विरोध की राजनीति के चलते देश और प्रदेश का अपमान कर रहे है राहुल : भट्ट

देहरादून, भाजपा ने कहा कि राजनैतिक लाभ के मोह और तुष्टिकरण की नीति के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर आरोप लगाते हुए देश के साथ प्रदेश का भी अपमान कर रहे है।विरोध की राजनीति के चलते देश और प्रदेश का अपमान कर रहे राहुल : महेंद्र भट्ट  - हिन्दुस्थान समाचार

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कहा कि जिस तरह प्रदेश कांग्रेस देवभूमि की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं डेमोग्राफिक पहचाने से जुड़े सरकार के कार्यों का विरोध करते हुए देश मे राज्य की छवि खराब करने का प्रयास कर रही है, ठीक इसी तरह देश की छवि खराब करने की कोशिश उनके नेता विदेश दौरे पर कर रहे हैं । उन्होंने राहुल गांधी द्वारा राष्ट्र अपमान एवं मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष बताने व अल्पसंख्यकों की असुरक्षा को लेकर दिए बयानों की कड़ी आलोचना की है । उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि उन्हें एक पूरे समाज के अपमान का दोषी साबित होने पर न्यायालय द्वारा पूरी प्रक्रिया के तहत सजा दी गई थी, लेकिन अब जिस तरह की बयानबाजी वह विदेशी धरती पर कर रहे हैं वह सरासर न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है। उनका अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का एजेंडा इसी बात से प्रमाणित होता है कि उन्हें जिन्ना की मुस्लिम लीग पार्टी धर्मनिरपेक्ष और सनातनी कार्य करने वाली संस्थाएं संप्रदायिक नजर आती हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और उनके नेता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता और देश की तरक्की से इर्ष्या रखते हैं । जिसके कारण वह देश में नफरत का एजेंडा चला रहे हैं ।अफसोस है कि उनकी सैन फ्रांसिस्को की सभा में खालिस्तानी समर्थकों ने जमकर भारत विरोधी नारेबाजी की, लेकिन वह एक भी शब्द उनके खिलाफ नहीं बोले। लेकिन उसी सभा मे उन्होंने मोदी विरोध के चलते देश की लोकतांत्रिक संवैधानिक एवं न्यायिक प्रक्रिया पर जमकर झूठे आरोप लगाये। वे जिस अमेरिका में बैठकर भारतीय अर्थव्यवस्था के खराब होने पर प्रवचन दे रहे थे। हालांकि वहाँ के अर्थिक हालात वर्तमान में बेहद खराब हैं और समूचे यूरोप के साथ वह भी जबरदस्त आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं ।

श्री भट्ट ने प्रदेश कांग्रेसि को चेताते हुए कहा कि उत्तराखंड राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को आत्मसार करने वाला प्रदेश है लिहाजा यहां की 1.40 करोड़ राष्ट्रभक्त जनता उनसे आगामी चुनावों में राहुल के विदेशों में पूछे गए अपमानजनक सवालों पर जबाब अवश्य देगी । उन्होंने कहा कि धामी सरकार देवभूमि के सांस्कृतिक आध्यात्मिक एवं डेमोग्राफिक पहचान बनाए रखने के लिए तमाम ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय ले रही है जिसमें कठोरतम धर्मांतरण कानून, समान नागरिक संहिता, संख्त भू कानून, अवैध धार्मिक अतिक्रमण प्रमुख रूप में शामिल हैं । लेकिन उत्तराखंडियत का राग अलापने वाले कांग्रेसी बजाय स्वागत करने के, समुदाय विशेष की तुष्टि के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर इन तमाम कार्यों पर विरोध एवं दुष्प्रचार कर प्रदेश की छवि खराब करने का असफल प्रयास कर रहे हैं । हमारी सरकार बेटियों को बचाने के लिए संख्त धर्मान्तरण कानून लेकर आयी, साथ ही महिला अपराधों में लिप्त दोषियों के खिलाफ ऐतिहासिक व कठोरतम कार्यवाही की गई, युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए देश का सबसे सख़्त नकल कानून हम लेकर आये । जब भाजपा सरकार के प्रयासों से जनता पूरी तरह संतुष्ट है तो विपक्ष गलत तथ्यों एवं भ्रामक जानकारी फैलाकर राज्य की छवि खराब करने में जुटी है । उन्होंने आईना दिखाते हुए कहा कि यदि वे राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार की अपनी सरकारों के महिला अपराध, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार संबंधित आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो उन्हें चेहरा छिपाना मुश्किल हो जाएगा ।

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