मसूरी। मसूरी गर्ल्स इंटर कालेज में नई शिक्षा नीति पर सुझावों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षिकाओं ने नई शिक्षा नीति पर मंथन किया व अपने सुझाव रखें। मसूरी गर्ल्स इंटर कालेज सभागार में सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षिका उषा चौधरी की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति पर आयोजित गोष्ठी में शिक्षिकाओं ने कहा कि इसमें कई छात्र हितों को देखते हुए कई बदलाव किए गये हैं।
शिक्षिकाओं े सुझाव दिए कि नई शिक्षा नीति में स्किल पर विशेष जोर दिया गया है जो कि छात्र हित में हैं, ताकि छात्र शिक्षा के साथ सात तकनीकि में भी पारंगत हो सके। प्राथमिक शिक्षा में भाषा, विज्ञान व गणित के क्षेत्र में जोर दिया जाय ताकि तकनीकि का लाभ छात्र उठा सकें सुझाव दिया गया कि कंप्यूटर शिक्षा प्राथमिक वर्ग से शुरू की जाय। नई शिक्षा नीति में छात्रों को विषय चुनने की छूट दी गई है जो छात्रों के हित में है लेकिन यह छूट छोटी कक्षाओं से शुरू की जानी चाहिए ताकि छात्र अपने पसंद के विषय को चुन सके। वहीं सुझाव दिया गया कि जल और संसाधान के प्रति जागरूक करने के लिए भी प्राथमिक वर्ग से पर्यावरण व प्रकृति से जुड़ी शिक्षा दी जाय। वही सुझाव दिया गया कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोगात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाय। गोष्ठी में कहा गया कि शिक्षक केवल किताबी शिक्षा न दे बल्कि छात्रों को नैतिक शिक्षा एवं भविष्य निर्माण के प्रति जागरूक करने की भी शिक्षा दे ताकि छात्र उसी दिशा में अपना ध्यान केंद्रित कर सके। वहं सुझाव दिया गया कि सभी विषयों में कोर्स कम रखा जाय व व्यावहारिक शिक्षा के ज्ञान को बढावा दिया जाय। इस मौके पर प्रधानाचार्य अनीता डबराल, प्रभा थपलियाल, नीलम चौहान, शकुंतला पुरोहित, चंद्रमा थलवाल, विजय लक्ष्मी, प्रियंका पठोई, मासंती धनाई, सीमा बधानी, यामिनी बंगवाल, उषा पंवार, संगीता कडियाल आदि ने प्रतिभाग किया।
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