‘क्रूज 51 दिनों में लगभग 3,200 किमी की यात्रा करके बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा’
वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां दुनिया के नदी में चलने वाले सबसे लंबे यात्री जहाज एमवी गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई जिसमें स्वीडन के 31 पर्यटक सवार हैं। प्रधानमंत्री ने यहां रविदास घाट से क्रूज को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। क्रूज 51 दिनों में लगभग 3,200 किमी की यात्रा करके बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा। वाराणसी जिले के एक अधिकारी ने बताया कि क्रूज पर स्वीडन के 31 पर्यटक सवार हैं।
क्रूज के निदेशक राज सिंह ने बताया कि इस चलते फिरते पांच सितारा होटल में 18 सुइट कमरे हैं, जिसमें 36 पर्यटक ठहर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इसमें चालक दल के 40 सदस्यों के रहने की भी व्यवस्था है और क्रूज में स्पा, सैलून और जिम जैसी अन्य भी सुविधाएं भी हैं। सिंह ने बताया कि पर्यटकों को प्रतिदिन 25 से 50 हजार रुपये किराया देना होगा। डिब्रूगढ़ तक की यात्रा की कुल लागत लगभग 20 लाख रुपये आएगी।
उन्होंने बताया, ‘‘गंगा विलास क्रूज प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीक से लैस है। इस क्रूज में एसटीपी प्लांट (मल जल शोधन संयंत्र) है, जिससे किसी भी तरह का मल जल गंगा में नहीं जाएगा। क्रूज में फिल्ट्रेशन प्लांट लगा है जिससे गंगा जल को शुद्ध कर के उसे नहाने और दूसरे काम में लिया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि इस क्रूज में 40 हजार लीटर का ईंधन टैंक और 60 हजार लीटर का ताजा पानी का टैंक है। सिंह ने बताया कि एमवी गंगा विलास वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू कर 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
इस दौरान यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदी प्रणालियों के रास्ते अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। सिंह ने बताया कि गंगा विलास क्रूज वाराणसी में प्रसिद्ध गंगा आरती और बौद्ध धर्म की महान श्रद्धा के स्थान सारनाथ में रुकेगा। उन्होंने बताया कि यह मायोंग में भी रुकेगा, जो अपनी तांत्रिक विद्या के लिए जाना जाता है और सबसे बड़ा नदी द्वीप और असम में वैष्णव संस्कृति के केंद्र माजुली भी जाएगा।
उन्होंने बताया कि क्रूज पर सवार यात्री बिहार स्कूल ऑफ योग और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे, जिससे उन्हें आध्यात्मिकता व ज्ञान में समृद्ध भारतीय विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। सिंह के मुताबिक यह क्रूज रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध सुंदरबन के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से भी गुजरेगा।
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