“देहरादून आर्थोपेडिक एसोसिएशन ने भ्रान्ति को पूरी तरह से किया स्पष्ट”
देहरादून, आजकल सोशल मीडिया, वॉट्सअप पर बिना सत्य को जाने परखें, एक मेसेज प्रसारित किया जा रहा है, अधिकतर इस प्रकार के मैसेज किसी व्यक्ति या संस्थान की छवि पर किसी षड्यंत्र, दुर्भावना से लांछन लगाने व हानि पहुंचाने के लिए प्रसारित किए जाते हैं और बुराई का मैसेज अच्छाई से कई गुना तेज फैलता है, ऐसा ही वॉट्सअप पर एक ताजा प्रकरण जिसमें सिनर्जी अस्पताल में महिला मरीज 27 दिसम्बर को सिनर्जी हॉस्पिटल में चोट लगने के बाद इमरजेंसी में आयी जिसको अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण मित्तल के द्वारा देखा गया फिर उसका एक्स- रे कराया गया और बताया गया की हड्डी कई टुकडो में टूटी है और ऑपरेशन की सलाह दी गयी, लेकिन इसके अगले दिन व्हाट्सएप पर भ्रामक एवं झूठा मेसेज डाला गया, कि हड्डी टूटी हुई नहीं थी और मरीज को ऑपरेशन की गलत सलाह दी गयी है और यह भी कहा गया की मरीज को जब मैक्स हॉस्पिटल दिखाया गया तो पता चला की हड्डी टूटी नहीं थी एवं आरोप लगाया की डॉक्टर प्रवीण स्वार्थवश गलत डायग्नोसिस कर के ऑपरेशन की गलत सलाह दे रहे है।
वास्तविकता यह थी कि उक्त महिला रोगी को जब मेक्स अस्पताल में डॉ हिमांशु कोचर को दिखाया गया, तो उन्होंने भी सी टी स्कैन करा कर हड्डी को चार हिस्सों में टूटा बताया एवं ऑपरेशन की सलाह दी।
देहरादून आर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रतिष्ठित अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 3 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस विषय में भ्रान्ति को पूरी तरह से स्पष्ट किया है एवं डॉ. प्रवीण मित्तल के ऊपर लगे झूठे आरोप और चिकित्सक एवं रोगी के पवित्र रिश्ते को तार तार करने के कुत्सित प्रयास की कड़ी निंदा की।
उस मरीज का 3 जनवरी को ग्राफिक एरा हॉस्पिटल में डॉ राहुल अग्रवाल द्वारा ऑपरेशन हुआ और प्लेट भी डाली गई जैसे की डॉ प्रवीण मित्तल व मेक्स अस्पताल के चिकित्सक ने कहा था, डॉ. प्रवीण मित्तल एवं सिनर्जी अस्पताल के द्वारा आपराधिक अवमानना का विधिवत् नोटिस भी दे दिया गया है।
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