Sunday, November 24, 2024
HomeTrending Nowअच्छी खबर : पिथौरागढ़ के कैलाश कुमार को मिला प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह...

अच्छी खबर : पिथौरागढ़ के कैलाश कुमार को मिला प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां’ सम्मान

(एल. मोहन लखेड़ा )

देहरादून, उत्तराखंड़ के रंगमंच के लिये हर्ष का विषय है कि यहां के एक युवा रंगकर्मी को ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार 2021’ से नवाजा जायेगा, जनपद पिथौरागढ़ में डीडीहाट तहसील में एक छोटा सा गांव है मझेड़ा, पुरस्कार पाने वाले कैलाश कुमार की जड़ें इसी गांव से जुड़ी हैं,कैलाश कुमार की परवरिश और शिक्षा-दीक्षा दिल्ली जैसे बड़े महानगर में हुई पर अपने लोक और जड़ों के प्रति उनका घर लगाव ही ही था कि उन्होंने मैदानों के आसान रास्तों को छोड़कर पहाड़ की कठिन चट्टानों से उलझने का रास्ता चुना |
कला के क्षेत्र में ख़ासे अनुभव को समेटकर दिल्ली को अलविदा कहकर साल 2012 में उन्होंने पिथौरागढ़ में अपनी सांस्कृतिक गतिविधियाँ शुरू कर दीं. युवा कैलाश की मेहनत 2014 में ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ के रूप में साकार हुईं ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ का पिथौरागढ़ मुख्यालय बना |
कैलाश की ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ ने पिथौरागढ़ में लगभग समाप्त हो चुके रंगमंच को पुनर्जीवित किया. अब पिथौरागढ़ के युवा न सिर्फ रंगमंच का सपना देखने लगे बल्कि इस दुर्गम जिले से प्रतिष्ठित माने जाने वाले नाट्य विद्यालयों के दरवाजे खटखटाकर उनके भीतर दाखिल हुए. ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ ने पिथौरागढ़ में बाकायदा नाट्य समारोह आयोजित किये, जिनमें देश के दिग्गज रंगकर्मियों ने प्रस्तुतियां दीं. ‘भाव राग ताल नाट्य अकादमी’ के आयोजनों में जुटने वाली भारी भीड़ इस बात की गवाह है कि उत्तराखण्ड के दुर्गम इलाके तक रंगमंच का रस खूब पीना चाहते हैं | कैलाश कुमार ने पिथौरागढ़ में न सिर्फ रंगमंच को पाला पोसा बल्कि स्थानीय लोक कलाओं के संरक्षण और प्रचार-प्रसार का काम भी बखूबी किया. दूरदर्शन और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर वैष्णव जन तो तेने कहिये भजन का इंस्ट्रूमेंटल तैयार किया गया. भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में उत्तराखण्ड के 3 वाद्य यंत्रों को भी प्रतिनिधित्व मिला- हुड़का, थाली और मशकबीन, यह कैलाश कुमार और उनकी ‘भाव राग ताल अकादमी’ की वजह से ही संभव हुआ | अकादमी हिलजात्रा के संरक्षण के साथ ही उसका देश के कई इलाकों में प्रदर्शन भी किया करती है |May be an image of 1 person, beard and standing

कैलाश कुमार ने अकादमी के माध्यम से उत्तराखण्ड के लोक वाद्य और अन्य साजो-सामान बनाने वाले कारीगरों को भी संरक्षण व रोजगार दिया | वे पिथौरागढ़ के लाउडन फोर्ट पर बाकायदा एक स्टोर में स्थानीय कारीगरों के शिल्प को प्रदर्शन के लिए रखते हैं और पर्यटकों और इस शिल्प के छाने वालों को उसे सहज उपलब्ध करवाते हैं |
वर्तमान में कैलाश कुमार और उनकी संस्था ‘भाव, राग, ताल नाट्य अकादमी’ आज देश और दुनिया में पहाड़ के लोक की ख़ुशबू बिखेर रही है, लोक परम्पराओं पर मजबूत धरातलीय काम करने वाले युवा कैलाश बंजर होते पहाड़ की धरती पर अंकुरित ऐसा पौधा है जो नई उम्मीद और हौसला देता है |
‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार’ के तहत कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए 25,000 रूपये की धनराशि के साथ सम्मानित किया जाता है | कलाकारों को यह पुरस्कार संगीत नाट्य अकादमी के चेयरमैन द्वारा दिया जाता है |May be a closeup of 1 person, beard and outdoors

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments