Tuesday, November 26, 2024
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राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक, अपर मुख्य सचिव ने सभी बैंकों को दिए आवश्यक निर्देश

देहरादून, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्द्धन ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जाय। उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरतमंदो के ऋण आवेदनों के मामलों में बैंक संवेदनशीलता के साथ काम करे। पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोग आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं पर निर्भर है। पलायन रोकने तथा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में बैंकों की अहम भूमिका है। गुरूवार को सचिवालय में अवस्थापना विकास बैंकर्स स्थायी समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव ने बैकों को निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों व ग्रामीणों को स्वरोजगार की ऋण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए।

राज्य के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभाग ने केवीआईसी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत अभी तक 2257 आवेदकों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे हैं। साथ ही उद्योग विभाग तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा लाभार्थियों को ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। राज्य के एमएसएमई विभाग ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 8362 आवेदकों के ऋण आवेदन बैंकों को भेजे हैं। बैठक में बैंकों तथा यूएलबी को हर शुक्रवार कैंप लगाकर ऋण आवेदनों के निस्तारण के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में बैंको को अभी तक पीएम स्वनिधि के तहत 22963 ऋण आवेदन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5960, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 2402, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 2257, वीर चन्द्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 257, होम स्टे योजना के तहत 258 ऋण आवेदन प्राप्त हुए है।
कुल प्राप्त 34097 ऋण आवेदनों में से विभिन्न बैंकों द्वारा 17503 आवेदन स्वीकृत किए गए है। बैंकों ने 8241 ऋण आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए। ऋण आवेदनों के निरस्त होने के मुख्य कारणों में आवेदकों द्वारा ई-केवाईसी न करवा पाना, बैंकों की अन्य औपचारिकाताएं पूरी न कर पाना, सिबिल डिफॉल्ट, आवेदकों का बैंकों के सेवा क्षेत्र से बाहर होना है। लगभग 6792 ऋण आवेदन बैंकों में विचाराधीन हैं। उत्तराखण्ड में बैंकों द्वारा व्यापारिक, सेवा, निर्माण, कृषि सहयोगी गतिविधियों के लिए 10 लाख रूपये तक की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत इस वर्ष (2022-2023) 90494 लाभार्थियों को 1084 करोड़ 97 लाख रूपये के ऋण वितरित किए गए हैं। अनुमान है कि इससे अभी तक 205517 लोगों को रोजगार मिला है।

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने बैंकों को दिसम्बर तक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 250 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक इस योजना के तहत 75 स्वीकृत ऋण आवेदकों को 1014.31 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैंकों को दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (हो स्टे) के 200 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को निर्धारित अवधि तक पूरा करने के निर्देश मिले हैं। होम स्टें में निर्धारित लक्ष्य 200 के सापेक्ष 74 ऋण आवेदन स्वीकृत तथा 1523.81 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।

राज्य में पर्यटन विकास की दृष्टि से बैंकों को होम स्टे योजना के ऐसे ऋण आवेदन जिनमें सेक्शन 143 के तहत अकृषि प्रमाण पत्र एवं निर्माणाधीन इकाई का मानचित्र अधिकृत एजेंसी से स्वीकृति की जरूरत नही है, को अविलम्ब निस्तारित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। जानकारी दी गई कि पी एम स्वनिधि के तहत ऋण प्रदान करने समय सीमा दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दी गई है।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी रविशंकर, चीफ मैनेजर एसबीआई अभिषेक नैथानी, डिप्टी सीईओ खादी बोर्ड एस डी मासीवाल, चीफ मैनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा हुकुम सिंह, उद्योग विभाग, एमएसएमई विभाग तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई विश्व बैंक वित्त पोषित यूकेपीएफएमएस परियोजना के मिड टर्म रिव्यू की बैठक

देहरादून, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित यूकेपीएफएमएस परियोजना के मिड टर्म रिव्यू की बैठक आयोजित की गई।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से यह अपेक्षा की कि वे वित्त विभाग द्वारा प्रोक्योरमेंट अधिप्राप्ति शिकायत क्रियाविधि पोर्टल में तत्काल अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 1 करोड़ रुपए से अधिक की सभी ई – निविदाओं को अनिवार्य रूप से उक्त पोर्टल (http://pgrm.uk.gov.in) प्रकाशित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए एवं प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर एवं आयुक्त राज्यकर अहमद इकबाल भी उपस्थित थे।

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