देहरादून, एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिनको पुलिस ने कनक चौक पर ही रोक दिया। जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गये।
सोमवार को एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला परेड ग्राउंड पर एकत्रित हुए जहां से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया। वह जैसे ही कनक चौक पर पहुंचे तो पुलिस ने उनको बैरकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिससे गुरिल्लाओं पर पुलिस के बीच तीखी नोंक झोंक हुई। जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गये। जिसके बाद एसएसबी गुरिल्ला संगठन का एक प्रतिनिधि मण्डल सचिव गृह से मिलने सचिवालय गया। जहां पर उन्होंने सचिव गृह को अपना ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने कहा कि 18 सालों से प्रदेश के अपनी मांगों को लेकर आन्दोलनरत हैं तथा कई बार मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं तथा वार्ता भी हुई किन्तु संगठन की जायज मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि संगठन की कई दौर की बातचीत केन्द्र व राज्य सरकार के साथ हुई तथा 20 दिसम्बर 2020 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तमाम विभागीय सचिवों व मुख्य सचिव के साथ गुरिल्ला पदाधिकारियों एवं अन्य गुरिल्ला की वर्चुअल माध्यम से भी बैठक सम्पन्न हुई थी तथा बैठक में कार्यवृत्त भी तैयार हुआ था कतिपय बिन्दुओं पर सहमति भी बनी थी किन्तु शासन की अकर्मण्यता के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ पायी है तथा गरीब व असहाय गुरिल्लां की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वहीं विरोध को देखते हुए तत्काल गुरिल्लाओं के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया गया। इसपर अन्य गुरिल्ला एस्लेहॉल के समीप धरने पर बैठ गए। दोपहर करीब 02 बजे प्रतिनिधिमंडल सचिवालय से वार्ता कर लौटा। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई। सीओ डालनवाला अभिनय चौधरी ने वार्ता में हुए निर्णय गुरिल्लाओं के सामने रखे। प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम हरिगिरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। विभागों को गुरिल्लाओं के समायोजन के लिए पत्राचार किया जा रहा है। संगठन ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वह अनिश्चित काल तक धरने पर रहेंगे।
यह है गुरिल्लाओं की तीन मुख्य मांग :
-सेवा योग्य गुरिल्लों को राजकीय सेवा में लिया जाये।
-उम्र दराज गुरिल्लों को सम्मानजनक पेंशन अथवा एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाये।
-गुरिल्लों के मृतक आश्रितों को रोजगार व पेंशन प्रदान की जाये।
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