“मेष संक्रांति के स्नान के बाद बृहस्पतिवार को मेला स्वास्थ्य विभाग ने पंचदशनाम जूना अखाड़ा जूना अखाड़ा के आश्रम में कोविड शिविर आयोजित किया। गौरतलब है कि जूना अखाड़ा और श्री निरंजनी अखाड़ा में सबसे अधिक संत कोविड संक्रमित पाये गये “
हरिद्वार, आस्था का पर्व महाकुंभ के बीच एक दु:खद खबर से बैरागी अखाड़े में हड़कंप मच गया, दून के एक निजी अस्पताल में अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास (65) की मौत हो गई। महामंडलेश्वर कोविड जांच में संक्रमित पाए गए थे। उनको सांस में तकलीफ और बुखार की शिकायत थी। इस खबर से
श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के वयोवृद्ध महामंडलेश्वर कपिल देव दास की मौत से बैरागी संत समाज सहित पूरी कुंभनगरी में सकते में है। 12 अप्रैल को महामंडलेश्वर का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया था।
उनको सांस लेने में परेशानी और बुखार की शिकायत थी। आननफानन महामंडलेश्वर के अनुयायियों ने उनको देहरादून स्थित कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया। यहां कोविड जांच में महामंडलेश्वर पॉजिटिव पाए गए। 13 अप्रैल को महामंडलेश्वर का तबीयत ज्यादा खराब हो गई। डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी रात 10:30 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद महामंडलेश्वर के अनुयायी उनके शव को मध्य प्रदेश स्थित आश्रम में ले गए। हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एस के झा के मुताबिक निर्वाणी अणि के एक संत की मंगलवार रात को देहरादून अस्पताल में मौत हुई है। संत की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। उनके संपर्क में आए संतों और अनुयायियों के कोविड जांच के लिए स्वैब सैंपल एकत्र करने के लिए छावनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा गया है।
प्रशासन ले रहा जूना अखाड़े में संतों की कोविड जांच के सैंपल
मेला स्वास्थ्य विभाग की कोविड सैंपलिंग टीम श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा पहुंची। यहां टीम ने 200 संतों की स्वैब सैंपल एकत्र किए। सैंपल देने वाले संतों को जांच रिपोर्ट आने तक आइसोलेट होने के लिए कहा गया है। मेष संक्रांति के स्नान के बाद बृहस्पतिवार को मेला स्वास्थ्य विभाग ने पंचदशनाम जूना अखाड़ा जूना अखाड़ा के आश्रम में कोविड शिविर आयोजित किया। गौरतलब है कि जूना अखाड़ा और श्री निरंजनी अखाड़ा में सबसे अधिक संत कोविड संक्रमित मिले हैं।
सबसे पहले अखाड़े केअंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि, श्रीमहंत प्रेमगिरि, प्रवक्ताश्रीमहंत नारायण गिरि, सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंतविद्यानंद सरस्वती, सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती, पूर्वसभापति श्रीमहंत सोहन गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, कोठारीलालभारती के सैंपल लिए गए। इसके बाद पदाधिकारी संतों की मौजूदगी में ही अन्य संतों के सैंपल एकत्र किए गए।
श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि आपदा के इस कठिन समय में कुंभ मेला का मुख्य शाही स्नान सकुशल संपन्न हो गया। इसके लिए मेला प्रशासन और पुलिस का सहयोग सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के साथ साथ हर संतों को भी कोविड गाइड लाइनका पालन करना चाहिए।
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