Saturday, March 29, 2025
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पेड़ बचाने के लिए हस्ताक्षर अभियान

-30 मार्च को पेड़ काटने की सरकारी नीति की निकाली जायेगी शव यात्रा

-सामाजिक संगठनों की ओर से गांधी पार्क के बाहर चलाया गया हस्ताक्षर अभियान

देहरादून, चिपको आंदोलन की 51वीं वर्षगांठ और चिपको की प्रमुख नेता गौरा देवी के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने गांधी पार्क के बाहर पेड़ काटने के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया। एक घंटे के इस सांकेतिक कार्यक्रम में 500 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किये और देहरादून के आसपास पेड़ न कटने देने का संकल्प लिया। यह अभियान 30 मार्च तक जारी रहेगा। 30 मार्च को एक जुलूस निकाला जाएगा और डीएम के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
हस्ताक्षर अभियान में शामिल जाने-माने पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस भीषण दौर में केवल पेड़ ही इसका असर कम कर सकते हैं। लेकिन, उत्तराखंड में विकास के नाम पर लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक जितने पेड़ काटे जा चुके हैं और जितनी योजनाएं प्रस्तावित हैं, उसे देखा जाए तो 65 हजार से ज्यादा पेड़ देहरादून के आसपास कट गये हैं या काट दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब एक-एक पेड़ को बचाना होगा।
उत्तराखंड़ महिला मंच के पद्मा गुप्ता ने कहा कि पेड़ काटने की यही रफ्तार रही तो हमारी तीसरी पीढ़ी देहरादून में सर्वाइव नहीं कर पाएगी। साल दर साल देहरादून का टेंपरेचर बढ़ रहा है। यह खतरे की घंटी है। उत्तराखंड इंसानियत मंच के नन्द नन्दन पांडे ने इस तरह के आंदोलन को तेज करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सरकार पेड़ काटने को सबसे बड़ा विकास मान रही है, जबकि बिना पेड़ काटे भी विकास किया जा सकता है। भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट ने आम नागरिकों और युवाओं का आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या इस आंदोलन से जुड़ें और जीवन बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाएं।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नितिन मलेठा ने कहा कि आज सिर्फ एक घंटे के लिए सांकेतिक अभियान चलाया गया। इसमें लोगों ने जिस उत्साह के साथ हिस्सा लिया, वह संतोषजनक था। इस मुहिम से जुड़े सभी लोग 30 मार्च तक अपने-अपने क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। 30 मार्च को पेड़ काटने की सरकारी नीतियों की शव यात्रा निकाली जाएगी और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा। नशा विरोधी जनमंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि पेड़ बचाने की इस लड़ाई में युवाओं का अच्छा सहयोग मिल रहा है, जो उम्मीद की किरण है। उन्होंने बताया कि यह अभियान सिटीजन फॉर ग्रीन दून, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, उत्तराखंड इंसानियत मंच, एसएफआई, उत्तराखंड महिला मंच, एडीसी फाउंडेशन, सर्वोदय मंडल, नशा विरोधी जन मंच, सीटू, जन संवाद समिति, हिन्द स्वराज मंच आदि अनेक संगठनों और आम नागरिकों से सहयोग से आगे भी जारी रहेगा।
हस्ताक्षर अभियान में कमलेश खंतवाल, इंद्रेश नौटियाल, कमला पंत, तुषार रावत, निर्मला बिष्ट, ज्योत्सना, शांति नेगी, सिद्धार्थ आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

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