उज्जैन, यहां एक बच्ची से हैवानियत का मामला सामने आया है। मेडिकल में रेप की पुष्टि होने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए चरक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत गंभीर होने के बाद उसे डॉक्टरों ने इंदौर रेफर कर दिया। बच्ची की हालत में सुधार नहीं होने पर पुलिसकर्मियों ने अपना खून देकर मदद भी की, लेकिन उसके प्राइवेट पार्ट्स को अधिक नुकसान पहुंचने के कारण खून बहुत बह चुका था।
बालिका ढाई घंटे तक अर्ध अवस्था में एक कॉलोनी से दूसरे कॉलोनी तक भटकती रही। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कुछ लोग उसे भटकते हुए देखते हैं लेकिन मदद के लिए आगे नहीं आते। अधिक खून बह जाने की वजह से उसकी स्थिति नाजुक हो गई थी। सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो रिक्शा हाटकेश्वर मार्ग पर दिखाई दिया है, जिसमें एक व्यक्ति भी पीडि़ता के साथ दिखा है।
फुटेज की मदद से पुलिस ने ऑटोवाले को खोज निकाला। हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला कि बच्ची नीलगंगा थाना क्षेत्र में सिंहस्थ बायपास के सांवराखेड़ी मार्ग, तिरूपति ड्रीम्स, हाटकेश्वर विहार कॉलोनी समेत चिंतामण ब्रिज मार्ग पर घूमती रही।
फोन पर पोर्न वीडियो देख बना हैवान बना मामा, 6 साल की बच्ची से की दरिंदगी
गुरुग्राम, दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 6 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने का बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म के आरोप में एक 35 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी शख्स पीड़ित बच्ची का पड़ोसी है और वह उसे मामा कहकर बुलाती थी। आरोप है कि उसने मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखकर बच्ची के साथ हैवानियत की।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के सतेंद्र कुमार के रूप में हुई है, जो अपने परिवार के साथ गुरुग्राम सेक्टर-15 पार्ट-2 की एक कॉलोनी रह रहा था। वहीं, बच्ची का परिवार भी उत्तर प्रदेश से ही ताल्लुक रखता है। आरोपी पीड़ित बच्ची का पड़ोसी है और वह उसे मामा बुलाती थी। पीड़िता की मां द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, यह घटना शनिवार को हुई जब वह और उसका पति काम पर चले गए थे, जबकि उनकी दोनों बेटियां घर पर अकेली थीं। मां को घटना के बारे में तब जानकारी हुई जब उसने कुछ गड़बड़ी का संदेह होने अपनी बेटी से इस बारे में पूछताछ की।
मां ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि मेरी छह साल की बेटी सतेंद्र के कमरे पर पहुंची। वह उस समय अकेला था और मोबाइल पर कुछ अश्लील वीडियो देख रहा था। उसने कमरा बंद कर दिया और मेरी बच्ची के साथ बलात्कार किया। उसने इस घटना के बारे में किसी को भी कुछ नहीं बताने के लिए मेरी बेटी को धमकाया।
मेडिकल में रेप की पुष्टि
पुलिस ने बताया कि पुलिस बच्ची को मेडिकल जांच के लिए सिविल अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने बलात्कार की पुष्टि की है। आरोपी के खिलाफ पुलिस स्टेशन में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है और उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी, दरिंदगी बताकर रो पड़ी पीड़िता
कुशीनगर। पडरौना में हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी सोमवार को थाने में दरिंदों की दरिंदगी बताकर रो पड़ी और मां से लिपट गई। वहां मौजूद महिला सिपाही ने किशोरी को समझाया, लेकिन इसकी सिसकियां कम नहीं हुई। किशोरी की मां ने बताया कि घटना के बाद घर पहुंची युवती सहमी हुई थी और रात को सो नहीं रही थी, तो निजी डॉक्टर से इलाज कराना पड़ा। इसके बाद तबीयत में सुधार हुआ। सोमवार को उसकी बड़ी और माता-पिता साथ में दिन भर थाने से लेकर सीएचसी तक परेशान रहे। थाने में मौजूद किशोरी ने बातचीत के दौरान बताया कि मां गांव में समूह की मीटिंग में गई थी और पिता मजदूरी करने गांव में गए थे। घर में मैं अकेली थी। दोपहर में गांव का क्यामुद्दीन आया और यज्ञशाला की तरफ लेकर चला गया। वहां रात को बगीचे में रखा और गलत काम किया। विरोध करने पर सुबह छोड़ने की बात कही।
इसके बुलाने पर तीन युवक कार लेकर पहुंचे और उसे जबरन लेकर गोरखपुर-हाटा हाईवे पर चले गए। कार में चारों युवकों ने शराब और सिगरेट पी। इसके बाद जहांगीर अपने मोबाइल में अश्लील वीडियो मुझे जबरन दिखा रहा था। विरोध करने पर मार रहा था। इसके बाद चारों युवक सामूहिक दुष्कर्म किए। पीड़िता ने बताया कि सुबह से लेकर शाम तक कार में उसे लेकर घूमते रहे। दिन में खाना तक नहीं दिया, सिर्फ पानी और बिस्किट दिए थे। रात को जब लेकर थाने में युवक पहुंचे थे, जहांगीर ने इंस्पेक्टर से हाथ मिलाया और सभी साथ बैठकर चाय पीए। इसके बाद मेरे घरवालों को बुलाया गया। मां कार्रवाई की जिद्द पर अड़ गई और मुझे घर ले जाने से मना कर दिया। लेकिन पुलिस वाले उस दिन आरोपियों का ही पक्ष लेने लगे। किशोरी की मां ने बताया कि लग रहा था कि अब न्याय नहीं मिलेगा।
थाने में आने पर इंस्पेक्टर अपशब्द बोलकर भगा देते थे और उनके पास ही आरोपी बैठा रहता था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और न्याय मिला। बेटी की यह बात सुनकर पिता और बड़ी बहन की आंखें भर आईं। जहांगीर कार्रवाई की जद में आए इंस्पेक्टर का चहेता था। चर्चा है कि थाने पर आने वाले अधिकांश मामलों में पुलिस से वार्ता इसके माध्यम से होती थी। इंस्पेक्टर का प्राइवेट वाहन लेकर बाजार और अपने गांव में घूमता रहता था। आरोपी जहांगीर की पुलिस से नजदीकी गांव में एक जमीन पर कब्जा करने के दौरान बढ़ी। इसके बाद उसका अधिकांश समय थाने में कटता था। अगर थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज और इंस्पेक्टर के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाल दिया जाए तो गैंगरेप के आरोपी और पुलिस की नजदीकियों का राज खुल जाएगा। घटना में शामिल जहांगीर की कार, जिसमें यह घटना हुई, अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।
लोगों में चर्चा है कि आखिर जहांगीर और इंस्पेक्टर से ऐसी कौन सी नजदीकी थी कि गैंगरेप के मामले में भी कार्रवाई करने से कतरा रहे थे। जहांगीर पुलिस से नजदीकी बढ़ाकर गांव में कमजोर लोगों को परेशान करता था। साहस जुटाने के बाद पीड़ित परिवार आरोपी पर कार्रवाई के लिए अडिग हुआ था। निलंबित हुए कप्तानगंज के इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह ने एसपी को भी भ्रामक जानकारी दी थी। पीड़ित परिवार एसपी से मिलकर शिकायत किया था और इंस्पेक्टर की भूमिका को संदिग्ध बताया था, लेकिन जोड़तोड़ में माहिर इंस्पेक्टर ने अपने अफसर को भी गलत जानकारी देकर कुर्सी बचा ली थी, लेकिन 14 दिन बाद वीडियो वायरल होने पर सच्चाई सामने आई और इंस्पेक्टर को कुर्सी गंवानी पड़ी। कार्रवाई के जद में आए दरोगा और गैंगरेप के आरोपी जहांगीर का भी सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है।
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