केंद्रीकृत संस्था एनटीए नीट जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने में अक्षम और अयोग्य : हिमांशु चौहान
एनटीए द्वारा प्रकाशित दशानिर्देशों में कहीं भी इस ग्रेस मार्किंग योजना का कोई उल्लेख नहीं : नितिन मलेठा
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), अखिल भारतीय प्रदर्शन दिवस पर एसएफआई ने डीएवी महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर एनटीए को ख़त्म करो, एनईईटी परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन पर उचित जांच हो आदि नारों के साथ एनटीए का पुतला फूंका।
पुतला दहन कार्यक्रम में राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने कहा कि 4 जून को नीट-यूजी परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कई शिकायतें सामने आ रही हैं, जो एनटीए के परीक्षा संचालन की पारदर्शिता पर सवाल उठा रही हैं। यह एनटीए लाए जाने के बाद से महत्वपूर्ण परीक्षाओं में निरंतर हो रहे गंभीर भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन की श्रृंखला की एक और कड़ी के रूप में हुआ है। परिणामस्वरूप, यह एक बार फिर साबित हो गया है कि एक केंद्रीकृत संस्था एनटीए नीट जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने में अक्षम और अयोग्य है। हिमांशु चौहान ने कहा की ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि एक ही केंद्र से एक ही क्रम में लगातार रोल नंबर वाले छात्रों को समान अंक मिले हैं, जो की प्रसंगवश 720 में से 720 अंक हैँ। रैंक में इस गंभीर विवर्धन के कारण उम्मीदवारों को अब निजी कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जो सीधे तौर पर एनटीए की नीतियाँ जैसे कि पाठ्यक्रम में उल्लेखनीय कमी के कारण है। मोदी सरकार में जिस तरह से एनएमसी और एनटीए मिलकर मेडिकल शिक्षा का निजीकरण कर रहे हैं, वह देश के भविष्य के लिए खतरनाक है। मेडिकल क्षेत्र में राज्य-आधारित संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रणाली को बदलने के लिए अंतहीन भ्रष्टाचार का तर्क था, अब यही अंतहीन भ्रष्टाचार का आरोप नीट-यूजी को लेकर भी सामने आ रहा है।
एसएफ़आई देहरादून जिला सचिव व पूर्व डी ए वी छात्रसंघ उपाध्यक्ष सोनाली नेगी ने कहा कि एसएफ़आई पेपरों में हुई धांधली का विरोध करता है तथा पूरे देश मे छात्र आंदोलन करने की चेतावनी देता है ।
जिला उपाध्यक्ष अयाज़ ने कहा कि एनटीए पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुका है, एनटीए पर हम कैसे भरोसा करे की वो सीयूईटीके एग्जाम में भी भ्रष्टाचार नहीं करता है। नीटके रिजल्ट में एनटीए ने ये भी माना की उसने छात्रों को ग्रेस भी दिया।
प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा ने कहा कि एमबीबीएस-बीडीएस स्नातक स्तरीय प्रवेश परीक्षा में कुल अंक 720 होते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं, जबकि प्रत्येक गलत उत्तर के लिए कुल अंक में से 1 अंक काटा जाता है, जबकि अनुत्तरित प्रश्नों छोड़ दिया जाता है। उस स्थिति में, 719 और 718 जैसे अंक प्राप्त करना गणितीय रूप से संभव नहीं है। लेकिन ऐसे मामले कई परिणामों में देखे गए हैं। एनटीए ने एक बयान में लापरवाही से कहा है कि इस साल का रिजल्ट में ग्रेस मार्किंग भी हुई है। लेकिन इस साल परीक्षा से पहले एनटीए द्वारा प्रकाशित दशानिर्देशों में कहीं भी इस ग्रेस मार्किंग योजना का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया भ्रष्टाचार इस घटना की तत्काल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग करता है। हम एनटीए को खत्म करने और इसके अब तक के सभी घोटालों की जांच करने की मांग करते हैं। एस.एफ.आई. देश भर के छात्र समुदाय से एनटीए के माध्यम से शिक्षा के केंद्रीकरण के खिलाफ एकजुट होने का भी आह्वान करता है।
इस अवसर पर शालिनी परमार, अंजली, पीयूष मुनियाल, प्राची कोठारी, कनिका, आयुष ध्यानी, प्रदीप, मुकुल आदि समलित थे ।
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