Saturday, November 23, 2024
HomeStatesUttarakhandवरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी खंडूड़ी का निधन, हरिद्वार में हुआ अंतिम संस्कार

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी खंडूड़ी का निधन, हरिद्वार में हुआ अंतिम संस्कार

-राज्य आंदोलनकारी मंच ने दी श्रद्धांजलि

-राज्य हित के मुद्दों पर लगातार रही संघर्षरत

देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी की सहयोगी रही वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी खंडूड़ी (78) के अकस्मात निधन पर शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मातृशक्ति की प्रतीक मुन्नी खंडूडी की सुबह अचानक तबियत बिगड़ने पर परिजन तत्काल कोरोनेशन हॉस्पिटल इलाज हेतु ले गये जहां थोड़ी देर में ही में डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुन्नी खंडूड़ी के देहान्त की खबर मिलते ही उनके परिजनों एवं तमाम राज्य आंदोलनकारियों में शौक लहर छा गई । आज दोपहर एक बजे बाद उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार क़े खड़ी खड़ी शमशान घाट पर किया गया। जहां उनको पुत्र विजय खंडूड़ी द्वारा मुखाग्नि दी गई, उनके निधन का समाचार पाकर बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी एवं राज्य आंदोलनकारी विशेषकर महिलाएं उन्हें अंतिम विदाई देने उनके आवास एवं हरिद्वार भी पहुंचे।
उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्य आंदोलनकारी मंच क़े अध्यक्ष जगमोहन सिँह नेगी व पुष्पलता सिलमाणा ने कहा की मुन्नी खंडूडी जी द्वारा राज्य प्राप्ति क़े लिए किया गया संघर्ष उत्तराखंड की जनता कभी नहीं भुला पायेगी इन जैसी महिलाओं के संघर्ष के दम पर ही उत्तराखंड का निर्माण हुआ था जो आज भी अपने साथियों के छूटे हुये आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण व 10% क्षैतिज आरक्षण के साथ ही राजधानी गैरसैण राजधानी , परिसीमन एवं मूल निवास जैसे विषयों पर लगातार संघर्षरत थी।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व संगीता रावत ने कहा की मुन्नी खंडूडी स्वर्गीय सुशीला बलूनी जी की कोर टीम की सदस्य थी और हर बंद चक्का जाम जेल भरो आंदोलन में वो सक्रिय रहती थी इसी कारण कई बार जेल गई एवं पुलिस लाठी चार्ज में बुरी तरह से घायल हुई थी।
आंदोलनकारी मंच क़े प्रदेश महासचिव राम लाल खंडूडी ने इसे अपूर्णीय एवं व्यक्तिगत छति बताते हुए कहा की उन पर उनका विशेष अनुराग रहता था एवं आशीर्वाद था औऱ आज भी महत्वपूर्ण विषयों पर भूख हड़ताल पर बैठने के लियॆ तैयार रहती थी। गत जुलाई माह मुख्यमन्त्री घिराव के दौरान वार्ता मेँ स्वयं मुख्यमन्त्री व तत्कालीन अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदीप कुकरेती से विशेष रूप से कहा था कि मुन्नी खंडूडी जी को अब रैली में ना लाएं औऱ घर पर आराम कराएं। उनका आज भी स्वास्थ्य ठीक नहीं होने क़े बावजूद राज्य हित के मुद्दों लगातार संघर्षरत थी। वह राज्य आंदोलन में महिला संघर्ष समिति में शामिल रही और एकता विहार क्षेत्र की पूर्व पार्षद भी रही। वो भाजपा मेँ मेँ मोदी ब्रिगेड महिला विंग की अध्यक्ष रही।
आज उनको अंतिम विदाई देने पहुँचने वालों में प्रमुख रूप से राज्य आंदोलनकारी मंच क़े प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी प्रदेश महासचिव राम लाल खंडूरी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, पुष्पलता सिलमाणा, रामेश्वरी नेगी, संगीता रावत, उक्रांद की प्रमिला रावत, प्रेम सिंह नेगी, पुष्पा रावत, उक्रांद के जबर सिंह पावेल, बीर सिंह रावत, विनोद असवाल, क्रांति कुकरेती व सूर्या बमराडा, मोहन सिँह रावत वेदा कोठारी, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी , तारा पाण्डॆ , अरुणा थपलियाल, प्रभा नैथानी, सरिता जुयाल, प्रभात डण्डरियाल आदि रहें।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments