देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बनने के बाद से राजधानी देहरादून में प्रापर्टी खरीदने बेचने का धंधा खूब चमक रहा है, ऐसी ही एक प्रापर्टी बेचने के नाम पर धोखाधड़ी को लेकर हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है. एक नामी शिक्षण संस्थान संचालक पर हॉस्टल बेचने के नाम पर धोखाधड़ी कर 10 करोड़ 50 लाख (साढ़े दस करोड़) रुपए हड़पने का आरोप है. इस मामले में पीड़ित कॉन्ट्रैक्टर ने थाना राजपुर में आरोपित स्कूल मालिक के खिलाफ तहरीर दी. जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने एसएसपी, डीजीपी और गृह विभाग से न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित गुरविंदर सिंह नागपाल का आरोप है कि बसंत विहार स्थित स्कूल मालिक द्वारा अपने शिक्षण संस्थान से सटे एक हॉस्टल बिल्डिंग को विक्रय (sales) के नाम पर पहले साढ़े दस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई. गुरविंदर सिंह नागपाल के अनुसार इस मामले में आरोपी रसूखदार लोगों का भय दिखाकर कानूनी कार्रवाई को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में पुलिस से उनकी मांग है कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कर करोड़ों रुपए के बैंक ट्रांजैक्शन व अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ की धोखाधड़ी.सौदे की रकम बढ़ाकर रुपए हड़पने की साजिश: शिकायतकर्ता गुरविंदर सिंह नागपाल ने बताया कि वह एक पेशेवर बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर हैं, जिसके चलते वह साल 2015 से इकोल ग्लोबल और एशियन स्कूल से संबंधित हॉस्टल और बिल्डिंग बनाने का कार्य कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कर रहे थे. इसी कारण वर्षों के कार्य अनुभव और विश्वासपात्र होने के चलते उनको शिक्षण संस्थान के संचालक ने अपने स्कूल के हॉस्टल को खरीदने का प्रस्ताव 13 करोड़ में रखा.
इसके एवज में गुरविंदर सिंह नागपाल ने पिछले साल साढ़े 10 करोड़ रुपए दे दिए. उसके बाद शिक्षण संस्थान के संचालक ने रजिस्ट्री नहीं की. गुरविंदर सिंह नागपाल ने कहा कि वो ढाई करोड़ रुपए देने को तैयार हैं, लेकिन शिक्षण संस्थान के संचालक ने प्रॉपर्टी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जमीन के दाम बढ़ गए हैं. ऐसे में अब उनको प्रॉपर्टी के 38 करोड़ रुपए चाहिए.
शिकायतकर्ता नागपाल ने बताया कि वो आरोपी शिक्षण संस्थान संचालक की कई बिल्डिंगों का पिछले 6-7 साल से निर्माण कर रहे थे. उसी विश्वास के चलते उन्होंने स्कूल संचालक की कम्पनी द्वारा देहरादून के राजपुर रोड पर “फाइव स्टार होटल” के निर्माण कार्य को वर्ष 2020 में कॉन्ट्रैक्ट के तहत शुरू किया था लेकिन स्कूल संचालक की नीयत में खोट आ गया. उसने निर्माण कार्य के लंबित करोड़ों रुपए का भुगतान रोक दिया. साथ ही दबंगों की मदद से करोड़ों के सामान और सामग्री कब्जे में लेकर काम बंद करा दिया गया.नागपाल का कहना है कि प्रॉपर्टी खरीदने में धोखाधड़ी और पांच सितारा होटल निर्माण में करोड़ों के लंबित भुगतान के कारण वह बाजार के कर्ज से न सिर्फ सड़क पर आ चुके हैं, बल्कि इस ठगी के कारण उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़े 200 से अधिक मजदूर-कारीगर (मिस्त्री) व लोग रोजी-रोटी के संकट से गुजर रहे हैं. शिकायतकर्ता गुरविंदर सिंह के मुताबिक, इस मामले में आरोपी स्कूल संचालक के रसूखदार रुतबे को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है |
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