देहरादून, सोमवार 23 अगस्त से शुरू हुआ विधानसभा का मानसून सत्र आज दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अनुपूरक बजट पेश किया।जबकि प्रदेश में विभिन्न संगठनों ने विधानसभा कूच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सत्र शुरू होने से पहले सुबह सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नेटवर्किंग की समस्या को लेकर कांग्रेस विधायक हरीश धामी धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी की समस्या दूर करने के लिए एक साल पहले समकोट में बीएसएनएल के माध्यम से मोबाइल टावर लगाया गया है।
लेकिन अभी तक टावर को चालू नहीं किया गया। धामी ने कहा कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ के समकोट, तल्ला जौहार, सुलनाली समेत 10 गांवों के लोग सिंगल न होने से कनेक्टिविटी की समस्या से जूझ रहे हैं। लंबे समय से इसके लिए 2016 में दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन किया,
विधायक निधि से मोबाइल टावर लगाने के लिए 26.50 लाख रुपए की राशि दी है। टावर का काम एक साल पहले पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया। सरकार इस पर गंभीर नहीं है। जिससे नाराज विधायक ने विधानसभा में धरना दिया। उधर, केदारनाथ विधायक मनोज रावत भी चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री जब विधानसभा पहुंचे तो उन्होंने खुद धरनास्थल पर जाकर दोनों विधायकों को मनाया।
इसके बाद सीएम ने उन्हें अपने कक्ष में आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धारचूला क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाई की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाए। वहीं, चारधाम यात्रा को लेकर सीएम ने कहा कि यात्रा के संबंध में राज्य सरकार ने माननीय न्यायालय में अपना पक्ष रखा है। न्यायालय के निर्णय के बाद ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो पायेगी |
दूसरी तरफ नियुक्ति की मांग को लेकर बीपीएड प्रशिक्षित महासंघ के सदस्यों ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान महासंघ के सदस्यों ने रिस्पना पुल बैरिकेडिंग के पास अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। वही, बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने भी विधानसभा कूच किया।
रोजगार की मांग को लेकर योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ विधानसभा कूच करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद बेरोजगार सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
उत्तराखंडियों को ओबीसी घोषित करने, सख्त भू-कानून को लागू करने और वनों पर पुश्तैनी अधिकार व हक हकूक बहाल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं केंद्रीय मुख्य संरक्षक चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के कार्यकर्ता विधानसभा कूच करने पहुंचे। हालांकि पुलिस ने रिस्पना पुल से पहले ही उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक झोंक भी हुई।
राज्य में भू-कानून की मांग को लेकर रिस्पना पुल पर बैरिकेडिंग के समक्ष धरना प्रदर्शन दे रहे विभिन्न संगठनों के सदस्यों को समर्थन देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि कानून के लिए हम प्रदेश के लोगों को जागरूक करेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी तो वह गैस की सब्सिडी 200 रुपये देगी। डबल इंजन की सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए रुपये नहीं है। कांग्रेस ने प्रदेश के विकास के लिए हमेशा काम किया है।
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